MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • National News
  • कबाड़ का कमाल: एक लेडी IAS ने बेकार प्लास्टिक की बोतलों से बनवा दिया ये पब्लिक टॉयलेट

कबाड़ का कमाल: एक लेडी IAS ने बेकार प्लास्टिक की बोतलों से बनवा दिया ये पब्लिक टॉयलेट

इस समय असम में चुनावी माहौल गर्म है। हर चुनाव में विकास एक अहम मुद्दा होता है। नेतालोग अपने-अपने चुनावी भाषणों में विकास के वादें करते हैं। लेकिन इन्हें अमल में लाने की जिम्मेदारी प्रशासन की होती है। प्रशासनिक व्यवस्था में बैठे अच्छे अधिकारी जनहित से जुड़े मुद्दों को बखूब निभाते हैं। आइए आपको मिलवाते हैं ऐसी ही आईएएस डॉ. लक्ष्मी प्रिया से। इनके नेतृत्व में असम के बोंगाईगांव जिले में पर्यावरण के अनुकूल कई योजनाओं पर काम हो रहा है। इनमें हैं-सौर स्ट्रीट लाइट लगाना, कचरे का प्रबंधन आदि। लेकिन सबसे अधिक चर्चा इनके बेकार प्लास्टिक बोतलों से बने पब्लिक टॉयलेट की हो रही है। इन्होंने करीब 8000 बेकार प्लास्टिक की बोतलों से इस टॉयलेट का निर्माण कराया है। इनका मानना है कि इन बोतलों के इस्तेमाल से न सिर्फ कचरे का सही प्रबंधन किया जा सकता है, बल्कि जरूरी चीजें भी बनाई जा सकती हैं।

2 Min read
Asianet News Hindi
Published : Mar 22 2021, 09:46 AM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
15

बोंगाईगांव जिले की उपायुक्त डॉ. लक्ष्मी प्रिया एमएस 2014 बैच की IAS ऑफिसर हैं। बेकार की प्लास्टिक बोतलों से पब्लिक टॉयलेट बनाने की इस योजना को ‘पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट’ (PHED) के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर शांतनु सूत्रधार के मार्गदर्शन में पूरा किया गया। डॉ. प्रिया बताती हैं कि यह कोई मुश्किल काम नहीं है। सबसे पहले बेकार प्लास्टिक बोतलों को इकट्ठा करके उन्हें साफ कर लिया जाता है। फिर उनमें रेत-सीमेंट, पुट्टी और चूरा भर दिया जाता है। यानी यह ईंट की तरह हो जाती हैं। इसके बाद उनसे दीवार खड़ी कर दी जाती हैं।

25

डॉ. प्रिया की इस अनूठी पहल से 17 फीट लंबा और 9 फीट चौड़ा पब्लिक टॉयलेट बनाया गया है। इसे दो भागों में बांटा गया है, ताकि महिला और पुरुष अलग-अलग इस्तेमाल कर सकें।

35

शांतनु सूत्रधार बताते हैं कि इस पब्लिक टॉयलेट को पूरा करने में 2 महीने का समय लगा। वे कहते हैं कि हमने आराम से काम किया, ताकि क्वालिटी प्रभावित न हो। टॉयलेट में बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए रैंप और रैलिंग भी लगाई गई है।

45

डॉ. प्रिया कहती हैं कि यह टॉयलेट एक मॉडल बनकर सामने आया है। अब वे इस प्रोजेक्ट को दूसरी जगह लागू करेंगी।

55

डॉ. प्रिया बताती हैं कि बोंगाईगांव असम का एक प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र है। इसलिए यहां बड़ी मात्रा में प्लास्टिक का कचरा निकलता है। यह प्रयोग इस कचरे से छुटकार दिलाएगा।

About the Author

AN
Asianet News Hindi
एशियानेट न्यूज़ हिंदी डेस्क भारतीय पत्रकारिता का एक विश्वसनीय नाम है, जो समय पर, सटीक और प्रभावशाली खबरें प्रदान करता है। हमारी टीम क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर गहरी पकड़ के साथ हर विषय पर प्रामाणिक जानकारी देने के लिए समर्पित है।
Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved