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नीतीश-तेजस्वी की राह कितनी मुश्किल? बिहार में कुशवाहा-मायावती ने भी बनाया मोर्चा; अब ये 5 नेता हैं CM कैडिंडेट
पटना (Bihar) । बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar assembly elections) चुनाव काफी दिलचस्प होगा। एनडीए को सत्ता में आने और नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को सीएम बनने से रोकने के लिए एक और मोर्चे का गठन हो गया है। पड़ोसी राज्य यूपी में सत्ता से दूर हुई कुछ छोटी-बड़ी पार्टियां भी बिहार में अपनी सियासी पैठ बनाने की कोशिश में लगी हैं। वहीं, दो दिन में दो मोर्चे के गठन से महागठबंधन की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं,क्योंकि कल तक जिस दल में लोग सीट मांगते थे, वे आज डिप्टी सीएम तक के पद की दावेदारी करने लगे हैं। दूसरी ओर विरोधियों के कई संगठन बनाने से एनडीए को भी संगठित होकर अपनी रणनीति में बदलाव करना होगा, जो किसी चुनौती से कम नहीं है। मौजूदा समय में स्थिति यह है कि बिहार में पांच चर्चित चेहरे सीएम पद के दावेदार हो गए हैं। वे अपने सपने को साकार करने के लिए जोड़-तोड़ की राजनीति करने में जुटे हुए हैं।
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जेडीयू में सीट शेयरिंग का विवाद अभी भी जारी है। लोक जनशक्ति पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान से अभी सीट शेयरिंग की बात नहीं बन पाई है। हालांकि सीएम नीतीश कुमार ने चिराग के विकल्प के तौर पर पूर्व सीएम जीतन राम मांझी से पहले ही समझौता कर चुके हैं। लेकिन, भाजपा अपने साथी चिराग को छोड़ना नहीं चाहती है। हालांकि खबर यह भी है चिराग को छोड़कर बाकि दोनों पार्टियों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर सहमति बनने के साथ ही अंतिम रूप से भी निर्णय ले लिया गया है। ऐसे में एक-दो दिन में ही पटना में बीजेपी और जेडीयू साझा प्रेस कांफ्रेंस करके सीटों का ऐलान कर सकती है। वहीं, उम्मीद जताई जा रही है कि चिराग एनडीए का ही हिस्सा रहेंगे।
बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्य विपक्षी गठबंधन यानी आरजेडी-कांग्रेस-वाम दल के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर बात अभी पूरी तरह से नहीं बन पाई है। नाराज होकर राष्ट्रीय लोक समता पार्टी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा और जीतनराम मांझी के साथ छोड़ने से वीआईपी अध्यक्ष मुकेश साहनी की भी डिमांड बढ़ गई है। वे खुद को डिप्टी सीएम फेस और 25 सीट देने की जोर लगा रहे हैं तो वामदल अभी अपने कोटे में 10-15 सीट के बढ़ोत्तरी करने की मांग कर रही हैं। हालांकि कांग्रेस कुछ शर्तों पर तेजस्वी को सीएम फेस मानते हुए साथ चुनाव लड़ने को तैयार हैं। उम्मीद है कि इसी हफ्ते के अंत में सीटों का एलान हो जाएगा। लेकिन, मौजूदा समीकरण को देखते हुए महागठबंधन की टेंशन बढ़ी हुई है।
आरजेडी से सीट बंटवारे को लेकर नाराज पूर्व जीतन राम मांझी के बाद राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने भी किनारा कर लिया। आज बसपा के साथ गठबंधन का एलान किया है। इसमें जनवादी पार्टी सोशलिस्ट पार्टी भी शामिल हुआ है। माना जा रहा है कि खुद को सीएम फेस मानते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने एनडीए से नाराज चल रहे चिराग पासवान को भी ऑफर किया है।
जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने खुद को सीएम फेस मानते हुए पीडीए (प्रगतिशील लोकतांत्रिक गठबंधन) बनाने की घोषणा कर दी है। इस गठबंधन में चंद्रशेखर आजाद की अध्यक्षता वाली आजाद समाज पार्टी, एमके फैजी के नेतृत्व वाली सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी यानी एसटीपीआई और बीपीएल मातंग की बहुजन मुक्ति पार्टी शामिल हुई है। पप्पू यादव ने नीतीश से नाराज चल रहे लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान को भी अपने खेमे में करने की कोशिश किया है।
करीब साल भर पहले लंदन से आकर 'प्लूरल्स' पार्टी बनाकर खुद को सीएम कैडिंडेट घोषित करने वाली पुष्पम प्रिया चौधरी भी एक्शन मूड में आ गई हैं। हालांकि वह किस सीट से चुनाव लड़ेंगी इसकी कोई जानकारी उनकी तरफ से नहीं दी गई है। लेकिन, वो गांव-गांव जाकर प्रचार कर रही हैं। बता दें कि वह जेडीयू नेता और पूर्व एमएलसी विनोद चौधरी की बेटी हैं।