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लालू परिवार पर किया था हमला, अब गुमनाम पोस्टर से जवाब आया, लिखा- CM नीतीश के डीएनए में ही गड़बड़ है
पटना। बिहार की सड़कों पर विधानसभा चुनाव (Bihar Polls 2020) से पहले गुमनाम पोस्टरों के जरिए लड़ाई चरम पर है। पिछले दिनों एक पर एक लालू परिवार को निशाना बनाते हुए परिवारवाद, जंगलराज, भ्रष्टाचार और राज्य में आरजेडी (RJD) के शासनकाल पर सवाल उठाए गए थे। अब गुमनाम पोस्टर (Anonymous Election poster in Bihar) से ही जवाब आया है। इस बार निशाने पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) हैं। पटना की सड़कों पर लगे दो पोस्टरों के जरिए नीतीश और बीजेपी (BJP) पर निशाना साधा गया है।
| Published : Sep 23 2020, 12:37 PM IST
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एक पोस्टर में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के कथित बयान के बहाने नीतीश पर तीखा हमला किया गया है। पोस्टर में नीतीश कुमार के साथ ही पीएम मोदी की फीचर है। इस पर 2015 में मोदी के हवाले से एक बयान दर्शाया गया है। पोस्टर पर लिखा है- "नीतीश कुमार के डीएनए में ही गड़बड़ है"- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. मारते रहे बस पलटी, नीतीश की हर बात कच्ची।"
पटना की सड़कों पर इसी तरह का एक और पोस्टर दिखा है। इसमें भी नीतीश और मोदी की तस्वीर को फीचर किया गया। फोटो के साथ लिखा है- "मोदी जी आप की पार्टी को तो बिहार की जनता ने विपक्ष में बैठाया था, फिर सत्ता की मलाई कैसे खा रहे हैं?" बिहार की जनता. नीतीश जैसे सहयोगी हों तो कुछ भी संभव है"- प्रधानमंत्री मोदी. मारते हैं बस मक्खी नीतीश की हर बात कच्ची।"
माना जा रहा है कि सड़कों पर मोदी-नीतीश के खिलाफ लगे ये पोस्टर लालू परिवार पर हुए हमले का जवाब हैं। इससे पहले लालू परिवार को निशाना बनाते हुए मंगलवार को तेजप्रताप यादव (Tejaparatap Yadav) के घर के पास भी गुमनाम पोस्टर लगाए गए हे। लालू परिवार को लूट एक्सप्रेस पर सवार होते दिखाया गया था। पोस्टर पर लिखा था- "हत्या/लूट/अपहरण/भ्रष्टाचार/ एक परिवार बिहार पर भार।" फोटो में बस के अंदर RJD चीफ लालू यादव (Lalu Yadav) के साथ उनकी पत्नी राबड़ी देवी (Rabari Devi), बड़ी बेटी मीसा भारती (Misa Bharati) और बेटे तेजप्रताप थे। जबकि बस के ऊपर हाथ में लालटेन लिए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) के साथ लालू दिख रहे थे। दैत्याकार बस के आगे बिहार के आम आदमी को फीचर किया गया था।
एक और गुमनाम पोस्टर काफी चर्चा में आया था। इसमें लालू को जेल में बंद दिखाया गया था। लालू के साथ पत्नी राबड़ी देवी, बेटा, तेजप्रताप और तेजस्वी के साथ बेटी को फीचर किया गया था। कौन किस पद पर है यह भी दर्शाया गया था। लालू के वंशवाद पर निशाना साधते हुए फोटो के साथ लिखा था- "एक ऐसा परिवार जो बिहार पर भार-सजायाफ़्ता कैदी नंबर 3351"
एनडीए में शामिल हिन्दुस्तानी अवामी मोर्चा (Hindustani Awami Morcha) के भी पोस्टर चर्चित हुए थे। इसमें लालू परिवार को रघुवंश (Raghuvansh Prasad Singh) की मौत का जिम्मेदार बताते हुए लालू यादव के बेटों पर निशाना साधा गया था।
अब लालू परिवार के खिलाफ इन पोस्टरों को किसने लगाया यह तो साफ-साफ पता नहीं चल रहा है, लेकिन इसे एनडीए विरोधियों ने ही लगाया है यह क्लियर है। वैसे 2015 में नीतीश ने एनडीए छोड़ लालू के साथ महागठबंधन (Mahagathbandhan) में शामिल हो गए थे। चुनाव भी मिलकर लड़ा और जबरदस्त बहुमत हासिल कर सरकार भी बनाई। हालांकि बाद में आरजेडी के साथ अनबन हुई फिर से एनडीए से हाथ मिला लिया और आरजेडी कांग्रेस (Congress) को सत्ता से बाहर कर एनडीए (NDA) की सरकार बना ली। (फाइल फोटो)
तब नीतीश कुमार ने केंद्र में मोदी के नेतृत्व का विरोध किया था। 2015 के विधानसभा चुनाव (2015 Bihar Polls) में उन्होंने पोस्टर में बताए गए पीएम मोदी के कथित बयान के आधार पर ही बिहारी अस्मिता का मुद्दा खड़ा किया था। अब उनपर उसी बयान के आधार पर हमला किया जा रहा है। देखना दिलचस्प होगा कि बिहार में पोस्टर वार किस स्तर पर पहुंचता है।