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कभी पत्नी बच्चों के साथ यूं चपरासी क्वार्टर में रहते थे लालू यादव, चुनाव में खूब वायरल होती हैं ये तस्वीरें
पटना। आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) भारतीय राजनीति का वो नाम हैं जिनकी बिल्कुल अलग ही पहचान है। हंसमुंख और किसी को भी झिड़क देने का लालू का अंदाज निराला है। आरजेडी (RJD) चीफ छात्र राजनीति से निकलने वाले बिहार के ऐसे नेता माने जाते हैं जिन्होंने राजनीतिक परिभाषा ही बदल दी और करीब 15 साल तक बिहार पर एकछत्र राज किया। वो खुद मुख्यमंत्री बने और जेल जाने के बाद निरक्षर पत्नी राबड़ी देवी (Rabari Devi) को भी मुख्यमंत्री की गद्दी सौंपकर सबको हैरान कर दिया था। बहुत गरीब और मामूली परिवार से राजनीति शुरू करने वाले लालू का जीवन संघर्ष से भरा है। उन पर राजनीति के अपराधीकरण और भ्रष्टाचार के भी आरोप लगे। चारा घोटाला मामले में वो फिलहाल रांची में सजा काट रहे हैं। आइए बार-बार वायरल होने वाली लालू की दिलचस्प तस्वीरों के साथ उनके राजनीतिक सफर को जानते हैं।
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बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में काम करने के अलावा लालू यादव रेलमंत्री के रूप में भी काफी चर्चित रहे। लालू का जन्म 11 जून 1948 को बिहार के गोपालगंज जिले में फुलवरिया गांव में हुआ था। लालू के पिता एक साधारण किसान थे। (शरद यादव, रामविलास के साथ लालू)
राजनीति में लालू का आगमन छात्रनेता के रूप में हुआ था। 1974 में इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) और आपातकाल के खिलाफ आंदोलन में लालू भी कूद पड़े थे। आज की तारीख में बिहार के दिग्गज नेताओं में शुमार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने भी जेपी आंदोलन से ही राजनीति शुरू की थी। (बेटे तेजस्वी के साथ लालू)
एलएलबी करने के बाद लालू ने पॉलिटिकल साइंस में पीएचडी की। उन्होंने बिहार वेटरनरी कॉलेज में एक क्लर्क के रूप में काम भी किया। यहीं उनके बड़े भाई भी चपरासी के रूप में काम करते थे। 1973 में घरवालों ने राबड़ी के साथ उनकी शादी करा दी। शादी से लालू को 7 बेटियां और दो बेटे हैं। बेटी मीसा भारती (Misa Bharati) और बेटा तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) और तेजप्रताप (Tejpratap Yadav) पार्टी की राजनीति में सक्रिय हैं। (परिवार के साथ लालू)
लालू यादव को जेपी आंदोलन ने बड़ी पहचान दी। छठी लोकसभा में पहली बार महज 29 साल की उम्र में उन्होंने लोकसभा का चुनाव जीता था। बाद में लालू दो बार विधायक बने। राजनीति में लालू को बड़ी कामयाबी 1989 में मिली और वो विपक्ष के नेता बनाए गए। (पत्नी बच्चों के साथ लालू)
1990 में पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बने और सात साल तक काम किया। 1997 में उन्होंने आरजेडी का गठन किया। यूपीए सरकार में उन्होंने रेलमंत्री के रूप में काम किया। तमाम रेल सुधारों के लिए लालू के कार्यकाल को उपलब्धि के रूप में भी प्रस्तुत किया जाता है। (परिवार के साथ लालू)
हालांकि अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण और परिवारवाद को बढ़ावा देने और भ्रष्टाचार के मामलों में सीधे लालू की संलिप्तता की वजह से उनकी काफी किरकिरी भी हुई। लेकिन पिछले तीन दशक से लालू बिहार की राजनीति में प्रासंगिक बने हुए हैं।
2015 में नीतीश को महागठबंधन में लेकर उन्होंने एक बार फिर राज्य की सत्ता वापस पा ली थी। हालांकि बाद में नीतीश अलग होकर एनडीए में चले गए। लालू इस बार कांग्रेस और वामदलों के सहारे फिर से नीतीश को हटाने के लिए कमर कस चुके हैं। हालांकि जेल में होने की वजह से लालू वर्चुअल राजनीतिक मंचों पर नजर नहीं आएंगे। लेकिन विपक्ष योजनाओं के पीछे वही रहेंगे। (छठ पर लालू का अंदाज)
घर के काम करतीं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी।
परिवार के साथ लालू यादव।