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काफी मन्नतों के बाद पैदा हुआ था सुशांत, मां ने मंदिरों में जाकर टेका था माथा, ये रखा था बचपन का नाम

पटना. बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत अब इस दुनिया में नहीं रहे। उन्होंने रविवार को मुंबई के बांद्रा स्थित फ्लैट में फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। यह खबर सुन सुशांत के रिश्तेदार, पड़ोसी और उनके बचपन के दोस्त सदमे में है। वह यकीन नहीं कर पा रहे हैं कि उनका सुशांत अब नहीं रहा। बेटे की मौत की खबर सुनते ही पिता बेहोश हो गए। परिवार के लोग उनको संभाल रहे हैं। आसपास के लोगों का भी रो-रोकर बुरा हाल है।  

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Asianet News Hindi
Published : Jun 14 2020, 07:24 PM IST| Updated : Jun 14 2020, 07:29 PM IST
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सुशांत सिंह राजपूत के पटना वाले घर की पड़ोस में रहने वालीं अंजनी पाठक का रो-रोकर बुरा हाल है। वह कह रही हैं कि उसको मैंने अपनी गोद में खिलाया है और एक दिन वह इस तरह चला जाएगा कभी सोचा नहीं था। सुशांत की मां उषा सिंह ने कई मंदिरों में जाकर माथा टेक, मन्नतें मांगी तब जाकर चार बहनों के बाद उसका जन्म हुआ था। 
 

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अंजनी पाठक ने कहा वो मेरे बच्चों के साथ बचपन में क्रिकेट खेलता था, अक्सर उसका समय हमारे घर पर ही बीतता था। सुशांत की सबसे बड़ी बहन मेरी सहेली है। इसलिए वो मुझको दीदी कहकर पुकारता था। इतना बड़ा एक्टर बनने के बाद भी उसके जीवन में कोई बदलाव नहीं आया था। वो जब भी पटना आता तो मेरे पैर छूकर प्रणाम करता था। 8 महीने पहले जब वो पटना आया था तो आकर मेरे गले लगा था। (सुशांत के पड़ोस में रहने वालीं अंजनी पाठक)
 

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बता दें कि सुशांत सिंह के बचपन का नाम गुलशन था जो उसकी मां उषा ने रखा था। वो पढ़ने में शुरू से ही होशियार था, पिता केके सिंह उसको उंगली पकड़कर स्कूल छोड़ने जाया करते थे। पत्नी की मौत के बाद पिता बेटे के सहारे जी रहे थे, लेकिन आज वही बेटा उनका बुढ़ापे में साथ छोड़ 

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बता दें कि सुशांत का जन्म बिहार के पूर्णिया जिले के मदीहा गांव में हुआ था। साल 2002 में उनकी मां उषा सिंह का निधन हो गया था। अपनी मां की इच्छा के खातिर सुशांत 17 साल बाद अपने गांव गए थे। जहां उन्होंने अपन सिर सिर नहीं मुंडवाया था। उनकी मां ने मन्नत मांगी थी कि बेटा ठीक रहेगा। अच्छा काम करेगा तो यहां माता के मंदिर में उसक मुंडन करवाएंगी। 

 

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सुशांत सिंह जब 2019 में मुंडन कार्यक्रम के दौरान बिहार गए थे तो वह अपने बचपन के दोस्तों के साथ खूब घूमे थे। आज वही दोस्त यकीन नहीं कर पा रहे हैं कि उनका यह  दोस्त अब इस दुनिया में नहीं रहा।

 

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तस्वीर में आप साफ तौर पर देख सकते हैं कि किस तरह वह 8 महीने पहले अपने गांव के दोस्तों के साथ मस्ती करते दिखे थे। लेकिन इन दोस्तों को क्या पता था कि यह उनकी आखिरी मुलाकत है।

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पूर्णिया में अपने रिश्तेदारों के साथ सुशांत सिंह राजपूत।

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