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Bihar में अनोखी शादी: न बैंडबाजे, न 7 फेरे-सिंदूरदान, 2 जजों ने संविधान की शपथ ली और डाल दी एक-दूजे को वरमाला
पटना। बिहार में इस समय दो जजों ने बेहद ही सादगी और अनोखी शादी (Unique Marriage) की है। खगड़िया (Khagaria) के जज (Judge) साहब और पटना (Patna) की जज साहिबा की शादी चर्चा में हैं। दोनों ने संविधान की शपथ (Constitution Oath) ली और सात जन्मों के रिश्ते में बांध गए। इस शादी में ना तो पंडित थे, ना कोई रीति रिवाज। दोनों ने एक-दूसरे को वरमाला डाली और हमेशा के लिए एक-दूसरे के हो गए। आइए जानते हैं इस खास और सादगी भरी शादी के बारे में....
| Published : Dec 07 2021, 04:24 PM IST
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बिल्कुल नए अंदाज में हुई शादी, इसलिए खूब चर्चा
बताते चलें कि आदित्य प्रकाश (Aditya Prakash) खगड़िया के व्यवहार न्यायालय में न्यायिक दंडाधिकारी द्वितीय श्रेणी के रूप में पदस्थापित हैं। जबकि आयुषी कुमारी (Ayushi Kumari) पटना में व्यवहार न्यायालय में जज हैं। दोनों की शादी की इस समय खूब तारीफ की जा रही है। ना बैंड-बाजा, ना ज्यादा तामझाम, वर-वधू पक्ष से करीब 100 मेहमान और दहेज मुक्त शादी। दोनों जजों को परिणय सूत्र में बांधने के लिए पंडित भी नहीं थे। साथ ही कन्यादान, सिंदूरदान और अग्नि के सात फेरे की रस्में भी नहीं हुईं। बिल्कुल नए अंदाज में दिन के उजाले में ये शादी सिर्फ 40 मिनट में संपन्न हो गई। इन्होंने निमंत्रण कार्ड भी अनोखा छपवाया था। शपथ पत्र को ध्यान में रखते हुए इसे छपवाया गया और मेहमानों को आमंत्रित किया गया।
दोनों ने पढ़ा शपथ पत्र
ये शादी राजधानी के आम्रपाली रेस्टोरेंट में आयोजित की गई थी। जयमाला के बाद दूल्हे ने शपथ ली- 'मैं अपनी पत्नी को अधिकार देता हूं कि वह अब सिंदूर का इस्तेमाल सौंदर्य प्रसाधन के रूप में करेगी।' खास बात यह भी रही कि पहले दुल्हन ने शपथ पत्र पढ़ा। इसके बाद दोनों ने एक साथ शपथ पत्र पढ़ा, फिर एक-दूसरे को जयमाला पहनाई। इस शपथ पत्र में पूरी जिंदगी एक-दूसरे के साथ बिताने और महिलाओं को पूरा अधिकार देने और उनकी आजादी को शामिल किया गया था। आयुषी पूर्णेन्दू नगर फुलवारीशरीफ की रहने वाली हैं। जबकि आदित्य प्रकाश हाजीपुर के युसूफपुर के रहने वाले हैं।
दोनों ने सादगी से शादी करके मिसाल पेश की
इस सादगी और बिना दहेज की शादी में पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के राजनीति शास्त्र के प्राध्यापक डॉ. दिलीप कुमार भी शामिल हुए। उन्होंने कहा- ‘दोनों ने सादगी की मिसाल पेश की है। इससे समाज में दहेज रहित शादी के लिए लोग प्रेरित होंगे। अक्सर शादियां रात में होती हैं। ऐसे में डेकोरेशन और लाइटिंग के साथ कई तरह के खर्च होते हैं। लड़की पक्ष को अक्सर कर्ज लेकर इंतजाम करना पड़ता है, लेकिन आदित्य और आयुषी ने अपनी पारिवारिक सहमति से कम से कम खर्च में दिन में ही शादी की।’
वकील ने खुले दिल से तारीफ की...
खगड़िया के अधिवक्ताओं ने इस शादी की खुले दिल से प्रशंसा की है और एक अनूठा उदाहरण बताया। खगड़िया व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता अमिताभ सिन्हा ने कहा कि ये कदम स्वागत योग्य है। इससे समाज में अच्छा संदेश जाएगा। बिहार में जब कोई युवा पद पर आते हैं तो दहेज की डिमांड बढ़ जाती है। लेकिन एक न्यायिक दंडाधिकारी होने के बावजूद दहेज मुक्त शादी सराहनीय कदम है। इससे बिहार की छवि बदलेगी।
खगड़िया व्यवहार न्यायालय में कार्यरत अधिवक्ता रेखा कुमारी का कहना था कि ये शादी समाज के लिए आइना स्वरूप है। इससे समाज में बदलाव आएगा और इस बदलाव की अनिवार्यता भी है। पटना के शिक्षक डॉ. रंजन सिंह और सुरेश राय ने कहा कि इस शादी से परंपरा और प्रतिष्ठा के नाम पर बर्बादी रोकने के लिए लोगों को प्रेरणा मिलेगी।