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आंखों देखी; बॉर्डर पर भारतीय की हत्या कर लाश को बर्बर तरीके से घसीटते ले गई थी नेपाल की पुलिस
सीतामढ़ी,( Bihar)। नेपाल पुलिस ने भारतीय गांव के निवासियों पर 13 जून को फायरिंग की थी। नेपाल पुलिस की ओर से की गई फायरिंग की इस घटना में सीमावर्ती गांव जानकी नगर निवासी विकेश कुमार (21) की मौत हो गई थी। कई भारतीयों को बंधक भी बना लिया। प्रत्यक्षदर्शियों का आरोप है कि विकेश की मौत के बाद नेपाल के पुलिस उसके शव को घसीटकर नेपाल की सीमा में ले गए। इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने जब हंगामा किया, तब शव छोड़कर भाग निकले। हालांकि सीतामढ़ी नेपाल पुलिस ने बंधक बनाए गए भारतीय नागरिक को छोड़ दिया है। इस मामले को स्थानीय स्तर पर ही सुलझा लिया गया। इस बीच रिहा किए गए लोगों ने नेपाल पुलिस की ये बर्बरता की कहानी सुनाई।
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प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि जब नेपाल के पुलिसकर्मी भारतीय ग्रामीणों पर फायरिंग कर रहे थे, तब उन लोगों ने सशस्त्र सीमा बल के जवानों से मदद मांगी। लेकिन, एसएसबी के जवानों ने किसी तरह का सहयोग नहीं दिया। वे घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर मौजूद थे।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि जब नेपाल के पुलिसकर्मी भारतीय ग्रामीणों पर फायरिंग कर रहे थे, तब उन लोगों ने सशस्त्र सीमा बल के जवानों से मदद मांगी। लेकिन, एसएसबी के जवानों ने किसी तरह का सहयोग नहीं दिया। वे घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर मौजूद थे।
नेपाल से रिहा होकर लौटे लगन राय ने कहा, 'मेरे लड़के समधियाने से लोग आए हैं, तो वो भी चला गया था। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि एसएसबी के जवान कान में ईयर फोन लगाकर गाने सुनते रहे, लेकिन फायरिंग के बावजूद वे टस से मस नहीं हुए।
लगन राय के बेटे ने बताया कि उसे नेपाल पुलिस ने मारा है। मैंने नेपाल पुलिस से बस इतना कहा कि अपने ससुरालवालों से मिलने आया है, आपको नहीं मारना चाहिए था। इसपर कुछ बहस हुई जिसके बाद से ही नेपाल पुलिस उग्र हो गई और थाने से कुछ सिपाहियों को बुलवा लिया और अचानक 5-7 फायरिंग कर दी।
लगन राय ने बताया कि फायरिंग के बाद लोग जमा हुए तो नेपाल पुलिस के जवान लाठियों से मारने-पीटने लगे थे। इसके बाद अचानक दनादन गोलियां दागने लगी।
लगन राय ने बताया कि फायरिंग में जानकीनगर टोला लालबंदी निवासी नागेश्वर राय के 25 वर्षीय पुत्र विकेश कुमार की जान चली गई। वहीं, विनोद राम के पुत्र उमेश राम व सहोरवा निवासी बिंदेश्वर शर्मा के पुत्र उदय शर्मा घायल हैं।
लगन राय ने बताया कि उनका बेटा नेपाल की सीमा में था और वह ससुराल के परिजनों से मिलने नेपाल के सरलाही में था। वहीं, विकेश की अभी दो साल पहले ही शादी हुई थी। वह अपनी पत्नी के साथ पिछले साल ही रोजी-रोटी के लिए पंजाब के लुधियाना गया था। वह लॉकडाउन में ही लौटा था। विकेश की गर्भवती पत्नी गूंजा और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
विकेश के पिता नागेश्वर राय ने कहा कि मेरे बेटे ने तो कुछ भी नहीं किया। वह तो बस वहां खड़ा था और नेपाल पुलिस ने उसे गोली मार दी। गोली मारने के बाद मेरे बेटे की लाश को घसीट कर नेपाल ले गए।
विकेश के पिता नागेश्वर राय ने कहा कि हम लोगों ने काफी विरोध किया और अपने बेटे की लाश को लेकर वापस भारत की सीमा में आए। घटनास्थल पर मौजूद चश्मदीदों ने भारत और नेपाल की सीमा पर तैनात सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के जवानों से भी नाराजगी जताई।