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Lalu Prasad Yadav की फेमस है कुर्ताफाड़ होली, RJD सुप्रीमो के जेल से बाहर आने तक कार्यकर्ता नहीं खेलेंगे होली
पटना (Bihar) । लालू प्रसाद यादव संकट के दौर से गुजर रहे हैं। वे जब तक जेल में रहेंगे, आरजेडी के नेता व कार्यकर्ता होली नहीं खेलेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आरजेडी कार्यकर्ताओं ने निर्णय लिया है कि लालू के जेल से बाहर आने के बाद ही उनकी होली होगी। तब तक पार्टी का कोई सदस्य अबीर-गुलाल से परहेज करेगा। लेकिन एक दौर वह भी था, जब लालू की कुर्ताफाड़ होली देश-विदेश में छाई रहती थी। जिसके बारे में आज हम अबको बता रहे हैं।

लालू प्रसाद यादव की कुर्ताफाड़ होली साल 1997 से 2000 तक क्लाइमेक्स पर रहा। लालू के घर के दरवाजे हर आम व खास के लिए खोल दिए जाते थे। लालू विरोधियों को भी पकड़-पकड़ कर रंग लगाते थे। उनपर होली का रंग चढ़ने के साथ कुर्ते भी फटने लगते थे। लेकिन आज उनकी वह होली गुम हो गई है।
(फाइल फोटो)
जानकार बताते हैं कि लालू प्रसाद यादव के पटना स्थित सरकारी आवास पर होने वाली होली पर देश-विदेश तक के लोगों की नजर रहती थी। वैसे लालू की होली का क्लाइमेक्स 90 के दशक का वह दौर था, जब पहले वे खुद, फिर उनकी पत्नी राबड़ी देवी मुख्यमंत्री थीं। तब रंगों के साथ कीचड़ से सराबोर तथा फटे कुर्ते में लालू का गंवई अंदाज उन्हें आम लोगों से कनेक्ट कर देता था।
(फाइल फोटो)
तब होली के दिन सुबह सात बजे के पहले से ही आम व खास लोग लालू प्रसाद यादव के आवास पर पहुंचने लगते थे। सुबह में जमकर फाग व रंग का दौर चलता था। दोपहर आते-आते कुर्ताफाड़ होली में वहां मौजूद सबों के कुर्ते फाड़ दिए जाते थे।
(फाइल फोटो)
नेता व कार्यकर्ता का भेदभाव मिटाती इस होली में लोग लालू यादव का कुर्ता भी फाड़ देते थे। इसके बाद लालू की गोशाला से गोबर व कीचड़ लाया जाता था।
(फाइल फोटो)
कीचड़ की होली के बाद अपराह्न काल में अबीर-गुलाल की होली शुरू हो जाती थी। होली गायन का दौर भी चलता था, जिसमें लालू खुद ढोल-मंजीरा लेकर नेताओं-कार्यकर्ताओं के साथ फाग गाने बैठते थे। इसमें राबड़ी देवी भी साथ देतीं थीं।
(फाइल फोटो)