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- ...तो एनकाउंटर से बचा लिया गया 'आतंकी' विकास दुबे? विपक्ष के साथ सोशल मीडिया पर भी हो रहे ऐसे सवाल
...तो एनकाउंटर से बचा लिया गया 'आतंकी' विकास दुबे? विपक्ष के साथ सोशल मीडिया पर भी हो रहे ऐसे सवाल
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एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान के ट्टीट पर लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव ने कहा कि क्या खूब "विकास" किए हो सर! एक "विकास" जिसे आपकी पुलिस बार्डर पर नहीं पकड़ पाई। फिर वही "विकास" उज्जैन मंदिर में जाकर सरेंडर करता है और फिर "सरकारी विकास" के संरक्षण में चीख कर कहता है कि "मैं विकास दुबे हूँ कानपुर वाला"। "विकास" की आड़ में जनता को मुर्ख बनाने के लिए आपको बधाई।
बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा है कि अपराध की संस्कृति को खत्म करने के लिए ऐसे खूंखार अपराधियों का महिमामंडन बंद करना बेहद जरूरी है।
कानपुर एनकाउंटर में शहीद हुए सीओ देवेंद्र मिश्रा के परिवार ने विकास की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए हैं। देवेंद्र मिश्रा के भाई कमलाकांत मिश्रा ने कहा है कि इसको मैं पकड़ना नहीं कहुंगा। असल में उसे मौत से बचाया गया है। उसे विश्वास था कि उसे बचा लिया जाएगा।
पत्रकार विनोद कापड़ी ने ट्वीट में लिखा, "तो क्या विकास दुबे की गिरफ़्तारी का ड्रामा रचा गया? अगर नहीं तो कल रात महाकाल मंदिर में क्या कर रहे थे उज्जैन के डीएस/एसपी? कल देर रात उज्जैन के महाकाल मंदिर में डीएम आशीष सिंह और एसपी मनोज कुमार पहुंचे और आज सुबह उसी मंदिर से विकास दुबे की गिरफ़्तारी. ये महज संयोग है या?"
श्रीनिवास बीवी ने एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, "इस वीडियो में कौन-से ऐंगल से आतंकवादी विकास दुबे को उज्जैन पुलिस ने 'गिरफ्तार' किया है? सब कुछ स्क्रिप्टेड था, ये वीडियो गवाही है।
जर्नलिस्ट अनुराग मुस्कान ने कहा, "कानपुर देहात के एक गांव से उज्जैन तक ना जाने कितने बॉर्डर, ना जाने कितने टोल, नाके और ना जाने कितने पुलिस चैकपोस्ट पार करता रहा विकास दुबे और पुलिसवाले हमारी गाड़ियों की डिक्की खुलवाकर तलाशी लेते रह गए।"
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने विकास दुबे की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए हैं। प्रियंका ने सुरक्षा के दावों पर मिलीभगत का आरोप लगाया है और मामले के सीबीआई जांच की मांग की है।
प्रियंका ने कहा, "कानपुर के जघन्य हत्याकांड में यूपी सरकार को जिस मुस्तैदी से काम करना चाहिए था, वह पूरी तरह फेल साबित हुई। अलर्ट के बावजूद आरोपी का उज्जैन तक पहुंचना, न सिर्फ सुरक्षा के दावों की पोल खोलता है बल्कि मिलीभगत की ओर इशारा करता है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि कानपुर कांड का मुख्य अपराधी पुलिस की हिरासत में है। अगर ये सच है तो सरकार साफ करे कि ये आत्मसमर्पण है या गिरफ्तारी। साथ ही उसके मोबाइल की CDR सार्वजनिक करे जिससे सच्ची मिलीभगत का भंडाफोड़ हो सके।