MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • States
  • Bihar
  • विकास दुबे एनकाउंटरः बिहार से होती थी तमंचों की सप्लाई, 2 माह में गलाकर बनवा दिए जाते थे नये

विकास दुबे एनकाउंटरः बिहार से होती थी तमंचों की सप्लाई, 2 माह में गलाकर बनवा दिए जाते थे नये

पटना (Bihar) । यूपी के विकास दुबे एनकाउंटर मामले में नया खुलासा हुआ है। विकास का गैंग असलहों के मामले में हमेशा अपडेट रहता था। जांच में यह भी बात सामने आई कि विकास के गैंग में यदि कोई नया शामिल होता तो सबसे पहले उसे तमंचा ही थमाया जाता था। यही नहीं, तमंचे कहीं धोखा न दें, इसलिए हर दो माह में वह इन्हें बदलवा देता था। पुराने तमंचों को गलाकर नए तैयार किए जाते थे। इतना ही नहीं कुछ अपग्रेडेड कंट्री मेड (देसी) पिस्टल की सप्लाई बिहार से होती थी। 

2 Min read
Asianet News Hindi
Published : Jul 17 2020, 05:32 PM IST| Updated : Jul 19 2020, 04:51 PM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
17

दो जुलाई को विकास दुबे के गुर्गों ने लाइसेंसी के साथ ही अवैध हथियारों से पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। एसटीएफ और पुलिस की संयुक्त जांच में इसका खुलासा हुआ है। (फाइल फोटो)
 

27


जांच में यह भी पता चला है कि विकास दुबे का अवैध तमंचों की सप्लाई का भी एक बड़ा नेटवर्क था। उसके सप्लायरों के बारे में जानकारी मिली है। वे फिलहाल अंडरग्राउंड हैं और पुलिस तलाश में लगी है।  कुछ अपग्रेडेड कंट्री मेड (देसी) पिस्टल की सप्लाई बिहार से होती थी।  (फाइल फोटो)
 

37


अब तक गिरफ्तार किए गए विकास के गुर्गों ने पुलिस को बताया है कि घटना की रात विकास के बुलावे पर लाइसेंसी असलहा तो लाए ही थे, फायरिंग में एक दर्जन से ज्यादा अवैध तमंचों का भी इस्तेमाल हुआ था।  (फाइल फोटो)

47


पहले राउंड में तमंचों से ही फायरिंग की गई। उसके बाद लाइसेंसी असलहों का प्रयोग किया। यह भी बताया कि इतनी बड़ी संख्या में अवैध तमंचों की सप्लाई शुक्लागंज, उन्नाव और बिल्हौर के अलावा एमपी से होती थी। कुछ अपग्रेडेड कंट्री मेड (देसी) पिस्टल की सप्लाई बिहार से होती थी।  (फाइल फोटो)
 

57


उन्नाव, शुक्लागंज और बिल्हौर के चार सप्लायर विशेष तौर पर विकास के लिए तमंचे तैयार कराते थे। वह इनके बड़े ग्राहकों में शामिल था। विकास के गुर्गे खुद इतने शातिर थे कि असलहा देखकर उसकी पहचान बता देते थे। वह ऐसे तमंचे चुनते थे, जो फायरिंग मिस न करे। यही स्पलायर अवैध कारतूस भी मुहैया कराते थे। (फाइल फोटो)
 

67


एसटीएफ और पुलिस की संयुक्त टीम इन सप्लायरों को खोजने में लगी है। वहीं यह भी कहा जा रहा है कि असलहों के मामले में विकास का गिरोह हमेशा अपडेट रहता था।  (फाइल फोटो)

77


विकास दुबे की गैंग में कोई नया शामिल होता तो सबसे पहले उसे तमंचा ही थमाया जाता था। यही नहीं, तमंचे कहीं धोखा न दें, इसलिए हर दो माह में वह इन्हें बदलवा देता था। पुराने तमंचों को गलाकर नए तैयार किए जाते थे। (फाइल फोटो)

About the Author

AN
Asianet News Hindi
एशियानेट न्यूज़ हिंदी डेस्क भारतीय पत्रकारिता का एक विश्वसनीय नाम है, जो समय पर, सटीक और प्रभावशाली खबरें प्रदान करता है। हमारी टीम क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर गहरी पकड़ के साथ हर विषय पर प्रामाणिक जानकारी देने के लिए समर्पित है।
Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved