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अमिताभ बच्चन ने बचाई थी अमजद खान की जान, उस एक्सीडेंट के बाद बढ़ने लगा था वज़न, फिर ऐसे हुई मौत
एंटरटेनमेंट डेस्क, Amitabh Bachchan saved Amjad Khan's life by giving blood : कितने आदमी थे, तेरा क्या होगा कालिया, सो जा बेटा नहीं तो गब्बर आ जाएगा, 'शोले' फिल्म के ये डायलाग आज भी उतने ही प्रचलित हैं, जितने ये फिल्म के रिलीज़ के समय थे। वहीं गब्बर का रोल निभाने वाले अमजद खान भी इस रोल के बाद अमर हो गए हैं। उन्हें इस दुनिया को छोड़े 30 साल हो गए हैं, लेकिन गब्बर के रुप में वो आज लोगों के दिलों में जिंदा है । 27 जुलाई 1992 को ह्दयाघात की वजह से उनका देहांत हो गया था। देखें अमिताभ बच्चन ने कैसे बचाई थी अपने जिगरी दोस्त की जान...
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अमजद खान की मौत हार्ट अटैक की वजह से जरूर हुई थी, लेकिन इसकी एक वजह उनके साथ हुआ एक एक्सीडेंट को बताया जाता है।
मुंबई से गोवा जाते समय अमजद खान का बेहद गंभीर एक्सीडेंट हो गया था। ये दुर्घटना साल 1986 में हुई थी है। इसमे उनकी जान जाते-जाते बची थी।
बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने अमजद खान की जान बचाने के लिए अपना खून तक दिया था। यहा नहीं वे इलाज के दौरान पूरे समय हॉस्पिटल में बने रहे, सभी दस्तावेज़ों में उन्होंने ही साइन किए थे।
अमजद खान इस एक्सीडेंट में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। वे इस दौरान कोमा में ही चले गए थे। हालांकि वे इस कंडीशन से जल्दी बाहर आ गए थे।
इलाज के दौरान दी गई दवाइयों की वजह से अमजद का वजन लगातार बढ़ता गया, एक्सीडेंट के बाद 6 सालों में उनका वेट कई गुना बढ़ गया था। इसकी वजह उन्हें इलाज के दौरान दिए गए स्टेरॉयड थे।
अमजद खान का वजन बढ़ने के कारण कई डॉक्टर्स ने उन्हें हार्ट अटैक का खतरा बढ़ने का अनुमान लगाया था, वहीं इस एक्सीडेंट के 6 साल बाद वहीं जिसका अंदेशा डॉक्टरों ने जताया था। 27 जुलाई, 1992 को अपना भरापूरा परिवार छोड़कर अमजद खान ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।
27 जुलाई 1992 में मात्र 52 साल की उम्र में अमजद खान इस दुनिया से कूच कर गए थे। वहीं जब उनकी मौत हुई उस समय 'रुदाली' बेचैन और 'अनोखी चाल' समेत 10 फिल्में फ्लोर पर थी। ये सभी मूवी उनकी मौत के बाद रिलीज हुई थीं।