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कभी ट्रॉली खींची-कभी करनी पड़ी चौकीदारी, रामायण के सुमंत को ऐसे मिला था उनका यादगार रोल
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महज 13 साल की उम्र में चंद्रशेखर के पिता ने उनकी शादी कर दी थी और सातवीं क्लास में आते-आते उनकी पढ़ाई भी छूट गई थी। चंद्रशेखर ने अपनी जिंदगी में काफी गरीबी देखी। उनकी जिंदगी में एक वक्त ऐसा भी था जब उन्होंने चौकीदार का काम किया था।
इतना ही नहीं, चौकीदार के अलावा चंद्रशेखर ने ट्रॉली खींचने का काम भी किया है। उनके परिवार के हालात इतने खराब थे कि भूखों मरने तक की नौबत आ गई थी। इसके बाद दोस्तों के कहने पर उन्होंने अपना एक्टिंग का सपना पूरा करने की ठानी और वो मुंबई आ गए।
चंद्रशेखर ने मुंबई के कई स्टूडियो के चक्कर काटे लेकिन उन्हें काम तो दूर कोई घुसने तक नहीं देता था। कुछ वक्त बाद उनकी किस्मत बदली और एक शख्स ने उन्हें एक्टिंग का मौका दे दिया। उन्हें एक पार्टी सीन के लिए बुलाया था।
मुंबई के बाद चंद्रशेखर ने पुणे का रुख किया और बतौर कोरस सिंगर काम करने लगे। फिर चंद्रशेखर ने भारत भूषण के साथ मिलकर 3 फिल्म बनाईं। इसके बाद उनका एक्टिंग करियर चमक गया और उन्होंने कई फिल्मों में काम किया।
बता दें कि चंद्रशेखर, रामानंद सागर के करीबी दोस्त थे। उन्होंने रामानंद सागर के कहने पर ही आर्य सुमंत का रोल निभाया था। खबरों की मानें तो रामायण की स्टारकास्ट में चंद्रशेखर वैद्य सबसे उम्रदराज कलाकार थे।
चंद्रशेखर वैद्य का पोता शक्ति टीवी शोज में नजर आता है। चंद्रशेखर का जन्म 7 जुलाई, 1923 को हैदराबाद में हुआ था। उन्होंने 1950 में आई फिल्म बेबस से करियर शुरू किया था। 1985 से 1996 के बीच वो सिने आर्टिस्ट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट भी रह चुके हैं।
फिल्मों की बात करें तो चंद्रशेखर औरत तेरी यही कहानी, गेटवे ऑफ इंडिया, बरसात की रात, किंगकोंग, कटी पतंग, अजनबी, महबूबा, शंकर दादा, कर्मयोगी, द बर्निंग ट्रेन, नमक हलाल, निकाह, डिस्को डांसर, शराबी, वतन के रखवाले, त्रिदेव, मजबूर, मां, गुरुदेव और मेरी आन जैसी फिल्मों में काम कर चुके हैं।
98 साल की उम्र में ऐसी हो गई थी रामायण के सुमंत की हालत।