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कपड़े सिल-सिलकर मां ने बड़ा किया अपने लाल को, फिर बॉलीवुड इंडस्ट्री में बेटे ने ऐसे कमाया नाम
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संजय लीला भंसाली ने बचपन में घर की मुश्किलें देखी हैं। उनकी मां लीला सिलाई कर घर का खर्च चलाती थीं। वैसे तो संजय ने कभी अपने पारिवारिक मसलों पर चर्चा नहीं की पर रिपोर्ट्स है कि उनका बचपन संघर्षों से भरा रहा।
घर-परिवार के लिए मां की इस मेहनत को देख संजय का लगाव मां से ज्यादा था। कुछ रिपोर्ट्स में बताया जाता है कि संजय ने अपनी मां को ट्रिब्यूट देने के लिए अपने नाम के बीच में 'लीला' नाम जोड़ा है।
संजय लीला भंसाली ने 1996 में 'खामोशी-द म्यूजिकल' से निर्देशन के क्षेत्र में कदम रखा था। ये फिल्म कमर्शियली सक्सेसफुल नहीं थी। पर क्रिटिक्स से उन्हें काफी सराहना मिली थी। इसके बाद 'हम दिल दे चुके सनम', 'देवदास', 'ब्लैक', 'गोलियों की रासलीला रामलीला', 'बाजीराव मस्तानी', 'पद्मावत' उनकी ब्लॉकबस्टर फिल्मों की फेहरिस्त में शुमार हैं।
'बाजीराव मस्तानी' और 'पद्मावत' भारतीय फिल्मों में अब तक की सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्मों में शामिल है। संजय लीला भंसाली को कई अवॉर्ड्स समेत नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है। 2002 में रिलीज 'देवदास' को BAFTA में बेस्ट फिल्म नॉट इन इंग्लिश लैंग्वेज के लिए नॉमिनेट किया जा चुका है।
फिल्म ब्लैक को कई अवॉर्ड्स मिल चुके हैं। इनमें बेस्ट डायरेक्टर्स अवॉर्ड, बेस्ट फिल्म अवॉर्ड सहित क्रिटिक्स अवॉर्ड फॉर बेस्ट फिल्म भी है। संजय के होम प्रोडक्शन में बनी फिल्म 'मैरी कॉम' को नेशनल फिल्म अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है।
'बाजीराव मस्तानी' के लिए उन्हें नेशनल फिल्म अवॉर्ड फॉर बेस्ट डायरेक्शन, फिल्मफेयर अवॉर्ड फॉर बेस्ट डायरेक्टर और बेस्ट फिल्म मिला. वहीं पद्मावत के लिए संजय को बेस्ट म्यूजिक डायरेक्शन के लिए नेशनल फिल्म अवॉर्ड और फिल्मफेयर अवॉर्ड फॉर बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर के अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
इसके अलावा साल 2015 में संजय लीला भंसाली को भारत सरकार ने पद्मश्री अवॉर्ड से भी नवाजा है।