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रतन टाटा की ये कंपनी इस चीज के लिए भारत में है नंबर वन, पूरी दुनिया में टॉप 20 में शामिल
मुंबई: टाटा ग्रुप की कंपनी TCS (Tata Consultancy Services) को Fortune Best Big Companies to Work की लिस्ट में काम करने के लिहाज से बेहतर कंपनियों में शुमार किया गया है। TCS एकमात्र ऐसी भारतीय कंपनी है जिसे टॉप 20 के इस लिस्ट में जगह मिली है। सर्वे में 72 फीसदी लोगों ने TCS में वर्क और लाइफ के बीच बैलेंस की बात कही है। इस सर्वे में लगभग 85 फीसदी लोगों ने TCS के द्वारा किए हुए समाजसेवा के काम को बहुत अच्छा माना है। आपको बता दें कि TCS ने 2018 रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को पछाड़कर मार्केट कैपिटलाइजेशन के मामले में नंबर वन पर आ गई थी।
| Published : Feb 22 2020, 12:03 PM IST / Updated: Feb 22 2020, 06:32 PM IST
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आज हम आपको बताएंगे की 1968 में टाटा ग्रुप ने एक स्टार्टअप के तौर पर शुरू हुई इस कंपनी ने कैसे ये मुकाम हासिल किया और इसका सफर कैसा रहा …
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इस कंपनी की शुरुआत टाटा ग्रुप ने एक स्टार्टअप के तौर पर 1968 में हुई थी। उस समय इसकी जिम्मेदारी एफसी कोहली को जनरल मैनेजर के तौर पर दी गई थी। जो इससे पहले टाटा इलेक्ट्रिक में जनरल मैनेजर के तौर पर काम कर रहे थे। 1970 में कंपनी को सरकार की ओर से सॉफ्टवेयर डिजाइन के काम मिले। इनमें शेयर रजिस्ट्री वर्क, प्रोविडेंट फंड अकाउंटिंग जैसे काम शामिल थे।
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इस कंपनी को भारत के बाहर पहला काम 1971 में मिडिल ईस्ट में मिला। इसके बाद तो फिर TCS को 1974 में कंपनी को ब्रिटेन की दो बिल्डिंग सोसायटीज की तरफ फाइनेंशियल अकाउंटिंग का काम दिया गया। 1976 में इस कंपनी ने एक्सपोर्ट के जरिए 1 मिलियन डॉलर का रेवेन्यू हासिल किया और 1979 में कंपनी ने न्यूयॉर्क में अपना ऑफिस खोला, जो देश के बाहर पहला दफ्तर था।
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भारत में भी TCS ने तकनीकी क्रांति (IT sector) को किस तरह से आगे बढ़ाया, इसका एक उदाहरण यह भी है कि 1992 में जब नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE)की शुरुआत हुई तो उसके ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को तैयार करने का काम TCS ने ही किया। इसके अलावा 2001 में TCS को भारतीय स्टेट बैंक की 13,000 शाखाओं और 7 अन्य सहयोगी बैंकों के कोर बैंकिंग सॉल्यूशन का काम मिला। यह भारत का सबसे बड़ा बैंकिंग सॉफ्टवेयर प्रोजेक्ट था। इसके बाद कंपनी ने 2002 में चीन में अपने काम का विस्तार किया।
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2004 में TCS ने कंपनी ने बीएसई (BSE)और एनएसई (NSE) में अपना आईपीओ (IPO) उतारा तो उसने शेयर बाजार (Share Market) में धूम मचा दी। 850 रुपये के साथ उस दौर में TCS का सबसे ऊंचा शेयर था। 2018 में ही कंपनी ने अपने 50 साल पूरे किए हैं। फिलहाल कंपनी 46 देशों की 149 लोकेशंस पर काम करती है।
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इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, टाटा ग्रुप की कंपनी TCSमें 100 से ज्यादा ऐसे कर्मचारी हैं जिनकी एनुअल पेमेंट 1 करोड़ से ज्यादा है। वित्त वर्ष 2016-17 में TCS के पास 91 ऐसे कर्मचारी थे, जिनकी कमाई सालाना एक करोड़ रुपये से ज्यादा थी। बीते फाइनेंशियल ईयर में ये संख्या बढ़कर 103 हो गई है।
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TCS के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस है जहां के 60 कर्मचारियों की सैलरी 1.02 करोड़ रुपये से ज्यादा है। इंफोसिस और TCS दोनों ही कंपनियों की तरफ से इन कर्मचारियों को शेयर भी दिया जाता है, जोकि सैलरी का हिस्सा नहीं होता है।