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रिटायरमेंट के बाद भी मिलेंगे हर महीने 20 हजार रुपए, जानें इसके लिए क्या करना होगा
बिजनेस डेस्क। रिटायरमेंट के बाद रेग्युलर पेंशन नहीं मिलने पर बुजुर्गों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है। अब प्राइवेट तो छोड़ें, सरकारी नौकरियों में भी रिटायरमेंट के बाद नियमित पेंशन नहीं मिलती। इसलिए यह जरूरी है कि समय रहते लोग बुढ़ापे में अपनी आर्थिक सुरक्षा का इंतजाम कर लें। अगर नियमित तौर पर आमदनी का जरिया नहीं हो, तो बुजुर्गों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इसे देखते हुए सरकार ने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) की शुरुआत की थी। सरकार की इस योजना में निवेश करके रिटायरमेंट के बाद पेंशन हासिल करने का प्रबंध किया जा सकता है। जानें इस योजना के बारे में।
(फाइल फोटो)
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क्या है यह योजना
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) की शुरुआत केंद्र सरकार (Central Government) ने जनवरी 2004 में सरकारी कर्मचारियों के लिए की थी। साल 2009 में यह सबों के लिए खोल दी गई। इस योजना के तहत कोई व्यक्ति नौकरी में रहने के दौरान नियमित तौर पर योगदान कर सकता है। इसके बाद 60 साल की उम्र पूरी होने पर जमा हुई राशि के एक हिस्से को वह एक बार में निकाल सकता है और बची हुई राशि से नियमित तौर पर पेंशन ले सकता है।
(फाइल फोटो)
5 हजार के योगदान पर 20 हजार पेंशन
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत अगर कोई हर महीने 5 हजार रुपए का निवेश करता है, तो रिटायरमेंट के बाद उसे हर महीने 20 हजार रुपए की पेंशन मिल सकती है। ऐसे में, वह किसी पर बोझ नहीं बनेगा। नियमित मंथली इनकम होने से उसे किसी तरह की परेशानी नहीं होगी और परिवार में भी उपेक्षा का शिकार होना नहीं पड़ेगा।
(फाइल फोटो)
कैसे मिलेंगे हर महीने 20 हजार रुपए
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में अगर किसी ने 30 साल की उम्र में योगदान करना शुरू किया और 60 साल की उम्र तक हर महीने 5 हजार रुपए कॉन्ट्रिब्यूट करता रहा, तो इसका हिसाब समझें। हर महीने 5 हजार की राशि जमा करने पर सालाना जमा 60 हजार रुपए होगा। 30 साल में कुल योगदान 18 लाख रुपए हो जाएगा। इस पर रिटर्न 8 फीसदी तक मिल सकता है। टैक्स सेविंग 5.4 लाख रुपए होगी। वहीं, मेच्योरिटी पर कुल रकम 74.21 लाख रुपए होगी। 40 फीसदी की एन्युटी परचेज के साथ एन्युटी रेट 8 फीसदी होगी। इस स्कीम में अधिकतम टैक्सफ्री विद्ड्रॉअल मेच्योरिटी अमाउंट का 60 फीसदी होगा। इसके साथ ही 60 साल की उम्र में मासिक पेंशन 19,790 रुपए बनेगा। बता दें कि नेशनल पेंशन सिस्टम के तहत 40 फीसदी एन्युटी खरीदना जरूरी है।
(फाइल फोटो)
एनपीएस के होते हैं दो तरह के खाते
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत दो तरह के खाते खोले जा सकते हैं - टियर 1 और टियर 2। टियर 1 पेंशन खाता होता है और टियर 2 स्वैच्छिक बचत खाता। टियर 1 खाता कोई भी खोल सकता है। वहीं, टियर-2 खाता वही व्यक्ति खोल सकता है, जिसने टियर-1 खाता पहले से खोल रखा हो। एनपीएस में योगदान करने पर टैक्स में जो छूट मिलती है, वह सिर्फ टियर-1 खाते पर मिलती है।
(फाइल फोटो)
टियर-1 खाते पर टैक्स में छूट
एनपीएस (NPS) के तहत इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80CCD(1B) के तहत 50 हजार रुपए तक के निवेश पर टैक्स में छूट का फायदा मिलता है। अगर कोई सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक की लिमिट पूरी कर चुका है, तो एनपीएस में एक्स्ट्रा टैक्स सेविंग्स में भी मदद मिलती है। इस योजना में मेच्योरिटी पर 60 फीसदी तक रकम निकालने पर टैक्स नहीं लगता है।
(फाइल फोटो)
कैसे खोल सकते है एनपीएस में खाता
एनपीएस (NPS) में ऑफलाइन और ऑनलाइन, दोनों तरीके से खाता खोला जा सकता है। ऑफलाइन खाता खोलने के लिए एसबीआई (SBI), आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank), एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) और नजदीकी पॉइंट ऑफ प्रेजेंस (POP) सेंटर पर जाना होगा। वहां फॉर्म भर के केवाईसी (KYC) पेपर्स के साथ न्यूनतम 500 रुपए से टियर-1 खाता और न्यूनतम 1 हजार रुपए से टियर-2 खाता खोला जा सकता है। वहीं, ऑनलाइन खाता खोलने के लिए एनपीएस (NPS) की वेबसाइट https://www.npstrust.org.in/content/open-your-nps-account-online पर जाकर सभी प्रॉसेस को पूरा करना होगा।
(फाइल फोटो)
कितना न्यूनतम निवेश है जरूरी
टियर 1 खाते में 1 हजार रुपए और टियर 2 में 250 रुपए का न्यूनतम योगदान करना अनिवार्य है। निवेश के बाद पीओपी (POP) से स्थायी रिटायरमेंट खाता संख्या (PRAN) दी जाएगी। इस संख्या और पासवर्ड के जरिए खाते को चलाया जा सकता है। इसमें अपना कॉन्ट्रिब्यूशन ऑनलाइन भी देखने की सुविधा है। इस प्रक्रिया के लिए 125 रुपए का भुगतान करना होता है।
(फाइल फोटो)