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Birthday Special: Indra Nooyi भारत की बेटी, जिसने अमेरिका के कॉरपोरेट वर्ल्ड में गाड़े झंडे
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विदेश में पढ़ाई और रिशेप्शनिस्ट की नौकरी
1978 में, Indra Nooyi (Yale School of Management) में दाखिला लिया। यहां से 1980 में सार्वजनिक व निजी प्रबंधन में पोस्ट ग्रेजुएशन की। नूई जब येल में पढ़ रही थीं तो उन्होंने नाइट शिफ्ट में रिसेप्शनिस्ट का काम भी किया।
भारत ने दिया पद्म भूषण
भारत सरकार की ओर से नूई को साल 2007 में पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 2018 में उन्हें CEOWORLD पत्रिका द्वारा दुनिया के सर्वश्रेष्ठ सीईओ अवॉर्ड के सम्मानित किया। उनका नाम दो बार TIME मैगजीन की 'दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची' में भी आ चुका है।
करियर की शुरुआत
Indra Nooyi ने बॉम्बे में परमाणु ऊर्जा विभाग में काम किया। अपना करियर जॉनसन एंड जॉनसन के साथ शुरू किया और प्रॉडक्ट मेनेजर के तौर पर कंपनी को अपनी सेवाएं दीं। उन्होंने बूज एलेन हैमिलटन में भी इंटर्नशिप की थी। साल 1980 में येल स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से पोस्ट ग्रेजुएट होने के बाद वह बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) में शामिल हुईं, जहां उन्होंने 6 साल कंसल्टेंट के तौर पर काम किया। इसके बाद वह Motorola, Inc., और इंजीनियरिंग कंपनी Asea Brown Boveri (अब ABB) में एग्जीक्यूटिव की पोजिशन पर रहीं।
साल 1994 में पेप्सिको से जुड़ीं
Indra Nooyi साल 1994 में पेप्सिको कंपनी के साथ सीनियर वाइस प्रेसिडेंट के तौर पर जुड़ीं। जब उन्होंने पेप्सिको को जॉइन किया, उस वक्त अमेरिका की किसी भी कंपनी में महिला सीईओ नहीं थी। साल 2001 में उन्हें कंपनी का सीएफओ बनाया गया और पांच साल बाद यानी 2006 में वह कंपनी की चेयरमैन व सीईओ बन गईं। 2006 में अमेरिका में 11 महिला सीईओ थीं।
बेहतरीन सीईओ में होती है गिनती
Indra Nooyi की गिनती बेहतरीन सीईओ में की जाती है। आपको बता दें कि, नूई की लीडरशिप में पेप्सिको का रेवेन्यू साल 2006 के 35 अरब डॉलर से बढ़कर 63.5 अरब डॉलर आ गया है, जो कुछ भी इंदिरा ने सोचा उसे हासिल कर अपनी रणनीति को हमेशा सफल बनाया है।