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करेंगे यह काम तो रिटायरमेंट के बाद पैसे के लिए मोहताज नहीं होना पड़ेगा, इस एक बात का रखें ध्यान
बिजनेस डेस्क। रिटायरमेंट के बाद अक्सर लोगों को पैसे की परेशानी हो जाती है। आजकल कई नौकरियों में पहले की तरह रेग्युलर पेंशन दिए जाने की व्यवस्था नहीं रह गई है। खासकर, जो लोग प्राइवेट सेक्टर में जॉब करते हैं, उन्हें रिटायरमेंट पर एकमुश्त लाभ मिल जाता है, पर नियमित पेंशन नहीं मिलती। इसलिए रिटायरमेंट के बाद पैसों की दिक्कत नहीं हो और किसी का मोहताज नहीं बनना पड़े, इसलिए समय रहते इंतजाम कर लेना चाहिए। रिटायरमेंट के बाद पेंशन के रूप में नियमित आय के लिए कई तरह की सेविंग्स स्कीम्स मौजूद हैं। इसमें नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) काफी अच्छी मानी जाती है। जानें इसके बारे में।
(फाइल फोटो)
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क्या है नेशनल पेंशन सिस्टम
नेशनल पेंशन सिस्टम सरकारी और सरकारी कर्मचारियों के लिए इन्वेस्टमेंट की एक स्कीम है। इसे सरकार की पेंशन फंड रेग्युलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) संचालित करती है। इसमें नौकरी करने के दौरान निवेश करने पर रिटायरमेंट के बाद या 60 साल की उम्र में एकमुश्त फंड मिलता है। अगर कोई चाहे तो एन्युटी के तहत नियमित आय भी ले सकता है। इस स्कीम में जमा राशि पर टैक्स में भी छूट मिलती है।
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मिनिमम अमाउंट जमा कराना है जरूरी
एनपीएस खाते को चालू रखने और इसे जुड़े हर तरह के फायदे लेने के लिए एक वित्त वर्ष में मिनिमम अमाउंट जमा कराना जरूरी होता है। एक वित्त वर्ष में मिनिमम 1000 रुपए जमा कराना होता है। ऐसा नहीं करने पर अकाउंट फ्रीज हो जाता है।
(फाइल फोटो)
दो तरह का होता है एनपीएस अकाउंट
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत दो तरह के अकाउंट खुलते हैं। ये अकाउंट Tier-I और Tier-II होते हैं।
(फाइल फोटो)
क्या है इन दोनों अकाउंट में फर्क
Tier-I रिटायरमेंट अकाउंट होता है, वहीं Tier-II एक वॉलियन्टरी अकाउंट है। इसमें कोई भी वेतनभोगी निवेश शुरू कर सकता है। खास बात यह है कि Tier-I अकाउंट खुलने के बाद ही Tier-II अकाउंट खोला जा सकता है।
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Tier-II में मिनिमम अमाउंट जरूरी नहीं
Tier I अकाउंट में हर वित्त वर्ष में मिनिमम 1000 रुपए जमा किया जाना जरूरी है। वहीं, Tier-II अकाउंट के लिए कोई मिनिमम योगदान जरूरी नहीं है। अगर Tier-I अकाउंट में सालाना मिनिमम अमाउंट जमा नहीं किया गया और परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर (PRAN) फ्रीज हो गया तो Tier II अकाउंट भी अपने आप फ्रीज हो जाता है।
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NPS अकाउंट फ्रीज होने पर क्या करें
अगर सालाना मिनिमम अमाउंट नहीं जमा किया गया तो NPS अकाउंट फ्रीज हो जाता है। इसे अनफ्रीज कराने के लिए सब्सक्राइबर को चालू वित्त वर्ष में 500 रुपए जमा कराने के साथ अकाउंट फ्रीज के हर साल के लिए 100 रुपए की पेनल्टी देनी होगी। इसके लिए पहले Form UOS-S10 को भर कर POP-SP को जमा करना होगा. फॉर्म के साथ PRAN कार्ड की एक कॉपी भी उपलब्ध करानी होगी।
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कहां लगेगी 25 रुपए पेनल्टी
स्वावलंबन खातों के मामले में चालू वित्त वर्ष के लिए 500 रुपए जमा करने के साथ फ्रीज के हर साल के लिए 25 रुपए की पेनल्टी देनी होगी। 100 रुपए की पेनल्टी Tier 1 या Tier 2 या दोनों अकाउंट को अनफ्रीज करने के लिए लगती है।
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क्या है POP
POP का मतलब पॉइंट प्रेजेंस है। यह स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीाईसीआई बैंक और एचडीएपसी बैंक जैसी एंटिटीज हैं। ये कस्टमर इंटरफेस के रूप में काम करने के लिए PFRDA के साथ रजिस्टर्ड हैं। POPs अपने जिन ब्रांच नेटवर्क से काम करते हैं, उन्हें POP सर्विस प्रोवाइडर्स (POP-SP) कहते हैं।
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कहां मिलेगा फॉर्म
एनपीएस अकाउंट अनफ्रीज कराने के लिए फॉर्म को उस बैंक से लिया जा सकता है, जहां अकाउंट खोला गया हो। इसे https://npscra.nsdl.co.in/download/non-government-sector/all-citizens-of-india/forms/UoS-S10A-Unfreezing%20of%20PRAN.pdf से डाउनलोड भी किया जा सकता है।
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क्या है प्रॉसेस
एनपीएस अकाउंट तो अनफ्रीज करने के लिए आवेदन, अमाउंट और पेनल्टी मिलने के बाद डिटेल्स को सिस्टम में रिकॉर्ड कर दिया जाता है। सेंट्रल रिकॉर्डकीपिंग एजेंसी (CRA) में यह अपलोड होने के बाद वेरिफिकेशन की प्रॉसेस होती है और अकाउंट एक्टिवेट कर दिया जाता है। इसके बाद सब्सक्राइबर को ईमेल से इसकी सूचना दे दी जाती है।
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किन बातों का रखें ध्यान
अकाउंट अनफ्रीज कराने के लिए एप्लिकेशन जमा करने के बाद संबंधित POP-SP से साइन की हुई या स्टैम्प लगी एकनॉलेजमेंट स्लिप संभालकर रखें। कॉन्ट्रिब्यूशन ट्रांजैक्शन के लिए PFRDA द्वारा तय POP चार्ज लागू होंगे। टियर 2 अकाउंट की अनफ्रीजिंग के लिए रिक्वेस्ट तभी सबमिट की जाती है, जब टियर 1 अकाउंट एक्टिव हो जाए। कॉन्ट्रिब्यूशन ट्रांजैक्शन के लिए PFRDA द्वारा निर्धारित CRA सर्विस चार्ज लगते हैं।