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Air India को खरीदने के लिए टाटा ग्रुप और स्पाइसजेट हैं कतार में, दूसरी कंपनियों के आवेदन खारिज

बिजनेस डेस्क। सरकारी विमानन कंपनी एअर इंडिया (Air India) को बेचने की प्रक्रिया लंबे समय से चल रही है। अब एअर इंडिया को खरीदने वाली कंपनियों में सिर्फ टाटा ग्रुप (Tata Group) और प्राइवेट एयरलाइन्स कंपनी स्पाइसजेट (Spicejet) ही रह गई है। जानकारी के मुताबिक, दूसरी कंपनियों के एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoI) खारिज हो चुके हैं। बता दें कि एअर इंडिया को खरीदने के लिए कई कंपनियों ने एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoI) दाखिल किए थे। एअर इंडिया को बेचने की कोशिश पिछले 20 सालों से चल रही है, लेकिन योग्य और सक्षम खरीददार सामने नहीं आ रहे हैं। इसमें सबसे बड़ी समस्या एअर इंडिया की लायबिलिटीज है। इस सरकारी उड्डयन कंपनी पर 38,366 करोड़ रुपए का कर्ज है, वहीं सरकारी विभागों पर एअर इंडिया का 500 करोड़ रुपए का बकाया है।(फाइल फोटो) 

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Asianet News Hindi
Published : Mar 08 2021, 02:01 PM IST| Updated : Mar 08 2021, 02:06 PM IST
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जानकारी के मुताबिक, एअर इंडिया के ट्रांजैक्शन एडवाइजर इच्छुक खरीददारों के संपर्क में हैं और उनके सवालों का जवाब दे रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, सरकार के संतुष्ट हो जाने के बाद ही योग्य खरीददारों को इसके बारे में सूचना दी जाएगी। (फाइल फोटो)
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एअर इंडिया को खरीदने के लिए टाटा सन्स और स्पाइसजेट के अलावा न्यूयॉर्क के इंटरप्ल इंक का जॉइंट वेंचर भी कतार में था। इंटरप्स इंक अमेरिका और यूरोप में रहने वाले न रेजिडेंट इंडियन (NRI) निवेशकों का ग्रुप है। (फाइल फोटो)
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एअर इंडिया को खरीदने के लिए कई कंपनियों ने एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoI) जमा किए थे। डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक असेट मैनेजमेंट (DIPAM) के अधिकारियों ने यह जानकारी दी कि एअर इंडिया की बिक्री की प्रक्रिया को 2 चरणों में बांटा गया है। पहले चरण में इच्छुक कंपनियों से ईओआई मांगे गए। योग्यता के आधार पर सफल ईओआई का चयन किया जाएगा। दूसरे चरण में एअर इंडिया को खरीदने में सक्षम पाई गई कंपनियों को रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (RFP) दिया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि एअर इंडिया की बिक्री की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होगी। (फाइल फोटो)
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बता दें कि एअर इंडिया को खरीदने के लिए इसके 209 पूर्व कर्मचारियों के ग्रुप ने भी आवेदन किया था। इसके अलावा एस्सार ग्रुप, पवन रुइया की कंपनी डनलप और फाल्कन टायर्स ने भी एअर इंडिया को खरीदने के लिए ईओआई जमा किया था। वित्त वर्ष 2020-21 में एअर इंडिया का घाटा 10 हजार करोड़ रुपए तक हो सकता है। इससे कंपनी का वैल्यूएशन घट जाएगा और सरकार को इसे बेचने में और भी ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। (फाइल फोटो)
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पहले एअर इंडिया की 20 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की बात चल रही थी। अब इसकी पूरी हिस्सेदारी बेचने के लिए सरकार तैयार है। इसमें कई कंपनियों ने दिलचस्पी दिखलाई है, लेकिन सरकार की शर्तों और भारी-भरकम कर्ज के कारण कोई खरीददार आ नहीं पा रहा है। टाटा ग्रुप इसे खरीदने में इसलिए दिलचस्पी दिखला रहा है, क्योंकि टाटा ग्रुप ने ही इसकी शुरुआत की थी। टाटा ग्रुप एअर एशिया और विस्तारा में पहले से भागीदार है। (फाइल फोटो)
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साल 2017 में सरकार एअर इंडिया की 74 हिस्सेदारी बेचना चाह रही थी, लेकिन बाद में इसे 100 फीसदी कर दिया गया। इसके साथ ही सरकार एअर इंडिया एक्सप्रेस में भी पूरी हिस्सेदारी बेच रही है। बता दें कि एअर इंडिया के पास कुल 46 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति है। इसमें जमीन, बिल्डिंग, फ्लीट और दूसरी परिसंपत्तियां शामिल हैं। (फाइल फोटो)

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