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मुकेश अंबानी के भाई अनिल का रोम-रोम डूबा है कर्ज में, दिवाला प्रक्रिया के तहत बिक जाएगी ये कंपनी
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बिकने को है तैयार
अनिल अंबानी की रिलायंस नेवल बिकने के लिए तैयार है। 43, 587 करोड़ रुपए के कर्ज में डूबी इस कंपनी के कर्जदाताओं ने दिवाला एवं ऋण क्षमता संहिता के तहत कंपनी को बेचने के लिए इच्छुक खरीददार कंपनियों से रुचिपत्र आमंत्रित किए हैं।
15 जनवरी को दिवाला प्रक्रिया की मिली अनुमति
राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण ( NCLT) की अहमदाबाद पीठ ने 15 जनवरी को रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड (INEL) को दिवाला प्रक्रिया के तहत लाने की अनुमति दी थी।
क्या होगी आखिरी तारीख
दिवाला प्रक्रिया के तहत नियुक्त समाधान पेशेवर (आरपी) के रुचि प्रकटन संबंधी नोटिस में कहा गया है रुचि पत्र सौंपने की अंतिम तिथि 27 जून होगी और आवेदकों की अंतिम सूची 17 जुलाई को जारी होगी।
कौन-सी कंपनी ले सकेगी दिवाला प्रक्रिया में भाग
कम से कम 600 करोड़ रुपए का नेटवर्थ रखने वाली और समूह के स्तर पर 2000 करोड़ रुपए का एकीकृत कारोबार करने वाली कंपनी ही दिवाला प्रक्रिया में भाग ले सकेगी। अगर कोई वित्तीय संस्थान या निजी इक्विटी निवेशक इसमें रुचि दिखाता हैस तो उसके लिए कम से कम 1000 करोड़ की संपत्तियां प्रबंधन के तहत होना जरूरी होगा।
क्यों बेची जा रही है कंपनी
कंपनी को उस पर बकाया 43,587 रुपए की वसूली के लिए बेचा जा रहा है। अनिल अंबानी कर्ज चुकाने में असमर्थ हैं। समाधान पेशेवर ने इस राशि से 10,878 करोड़ रुपए वित्तीय ऋणदाताओं के बकाया होने की बात मानी है, वहीं बाकी 32,693 करोड़ रुपए के बकायेदारों की पुष्टि की जा रही है।
रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर पर नहीं होगा असर
वित्तीय विश्लेषकों का मानना है कि इस दिवाला प्रक्रिया से इसकी प्रवर्तक कंपनी रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर पर कोई असर नहीं पड़ेगा। मार्च 2019 में समाप्त वित्त वर्ष के लिए ऑडिट खातों को अंतिम रूप देते हुए रिलायंस इन्फ्रा ने निवेश का पहले ही प्रावधान कर दिया था।
प्रवक्ता ने टिप्पणी करने से किया इनकार
बहरहाल, इस सारे मामले पर रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड (INEL) के प्रवक्ता ने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। लेकिन दिवाला प्रक्रिया को अब टाला नहीं जा सकता।
चीनी बैंकों को रकम चुकाने का मामला
इसके पहले मई के में ही ब्रिटेन की एक अदालत ने अनिल अंबानी को चीन के तीन बैंकों को 71.7 करोड़ डॉलर (करीब 5500 करोड़ रुपए) का भुगतान करने को कहा था। यह मामला चीन के तीन बैंकों इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना (आईसीबीसी) की मुंबई शाखा, चाइना डेवलपमेंट बैंक और एक्सपोर्ट-इंपोर्ट बैंक ऑफ चाइना से जुड़ा है।
एक ओर बड़े भाई मुकेश अंबानी एक पर एक कारोबारी मुकाम हासिल कर रहे हैं तो वहीं अनिल अंबानी के सितारे गर्दिश में हैं।
पारिवारिक कारोबार के बंटवारे के बाद मुकेश और अनिल अंबानी अलग-अलग हो गए थे। एक वक्त अनिल अंबानी दुनिया के टॉप 10 अमीरों में भी शामिल हो गए थे।
मगर वक्त के सतह कारोबार में अनिल अंबानी का रुतबा ज्यादा तिक नहीं पाया और वो शीर्ष से नीचे की ओर लगातार गिरते गए। जबकि उनके मुकेश अंबानी लगातार ऊपर की ओर बढ़ते जा रहे हैं।
ये देखने वाली बात होगी कि अनिल अंबानी कर्ज के संकट से कैसे बाहर निकलते हैं।