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हिमाचल की लेडी अफसर का ग्लैमरस लुक ऐसा कि बड़ी-बड़ी ऐक्ट्रेस भी मात खा जाएं, फिल्मों का ऑफर भी ठुकरा चुकी हैं
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हिमाचल की रहने वाली हैं ओशिन शर्मा
ओशिन शर्मा हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले की रहने वाली हैं। उनका ज्यादा समय शिमला में बीता। पिता भुवनेश शर्मा नायब तहसीलदार और मां कांगड़ा के सेटेलमेंट ऑफिसर की पीए हैं तो शुरू से ही घर में पढ़ाई-लिखाई का माहौल काफी अच्छा रहा। इसका फायदा ओशिन को मिला।
डॉक्टर बनना चाहती थी और बन गई अफसर
मीडिया से बातचीत में एक बार ओशिन ने बताया था कि वह डॉक्टर बनना चाहती थीं। जब कॉलेज में थी तो पॉलिटिक्स की तरफ उनका रूझान था। छात्र राजनीति में काफी एक्टिव भी रहीं। चूंकि वो पढ़ने-लिखने में काफी होशियार थीं तो फैमिली ने उन्हें सिविल सर्विसेज में करियर बनाने की सलाह दी।
केमेस्ट्री से पोस्ट ग्रेजुएट हैं ओशिन शर्मा
फैमिली की सलाह पर ओशिन ने सिविल सर्विसेज में जाने का लक्ष्य बनाया और फिर इसी की तैयारी में जुट गईं। इस बीच उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से केमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन किया और उनकी तैयारी जारी रही। वह सिविल सर्विसेज की तैयारी में कई-कई घंटे की पढ़ाई करती थीं।
यूं ही नहीं मिल गई सक्सेस
ओशिन शर्मा ने बताया कि उन्होंने गवर्नमेंट जॉब के लिए कई बार एग्जाम दिया लेकिन उनका सेलेक्शन नहीं हुआ। एक बार तो सिविल सर्विसेज में सेलेक्शन होते-होते भी रह गया। सिर्फ 5 नंबर कम आने से वह पास नहीं हो सकी। लेकिन उनकी जिद ने उन्हें हार नहीं मानने दी और आखिरकार साल 2019 में उन्हें सफलता मिली और उनका सेलेक्शन बीडीओ के लिए हो गया।
बीडीओ बनने के बाद भी तैयारी जारी रही
जब ओशिन की पोस्टिंग बतौर बीडीओ हुई तब भी उनकी तैयारी जारी रही। उनके इसी लगन और मेहनत का नतीजा रहा कि दूसरे प्रयास में उन्होंने हिमाचल प्रशासनिक सेवा की परीक्षा पास कर ली और उनकी 10वीं रैंक आई। ओशिन शर्मा की पोस्टिंग इस वक्त हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के नाग्गर कुल्लू में है। वह बतौर असिस्टेंट कमिश्नर कम बीडीओ के पद पर पोस्टेड हैं।
सोशल मीडिया पर एक्टिव रहती हैं ओशिन
ओशिन शर्मा के सोशल मीडिया पर अच्छे-खासे फॉलोवर्स हैं। वह अपनी प्रशासनिक काम को लेकर भी काफी सुर्खियों में रहती हैं। ओशिन समाजसेवा के काम में भी काफी दिलचस्पी लेती हैं और युवाओं को बेहतर काम के लिए जागरुक करती हैं। हाल ही में लाडली फाउंडेशन ने उन्हें अपना ब्रांड अंबेसडर भी बनाया है। वह कहती हैं कि असफलता से निराश नहीं होना चाहिए, वह तो हमें कुछ न कुछ सीखाता ही है।
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