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IAS बनने के जुनून में छोड़ दी लाखों की नौकरी, इस स्ट्रेटजी से IAS बना छोटे से गांव का लड़का
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दो प्रयास में वर्णित को असफलता का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और 2018 में सिविल सर्विस परीक्षा में 13वीं रैंक हासिल कर सफलता की मिसाल कायम की। वर्णित नेगी के पिता छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में हाईस्कूल परसदा के प्रिंसिपल हैं और मां डॉक्टर सीमा नेगी बिलासपुर कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफसर हैं। उनके बड़े भाई डॉक्टर अंकित नेगी बीएसएफ में असिस्टेंट कमांडेंट हैं। वर्णित ने बताया कि उनक बचपन छत्तीसगढ़ के जशपुर में बीता।
वर्णितका कहना है कि उन्होंने तय कर लिया था कि किसी भी हाल में सिविल सर्विस की परीक्षा में सफलता हासिल करनी है। इसलिए शुरुआती असफलता से वे हतोत्साहित नहीं हुए। उन्होंने हार्ड वर्क की जगह स्मार्ट वर्क पर जोर देना शुरू किया। वर्णित नेगी की प्रारंभिक शिक्षा जशपुर में हुई। इसके बाद उन्होंने डीएवी पब्लिक स्कूल से 7वी से 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की। 12वीं की पढ़ाई उन्होंने राजस्थान के कोटा से की।
तीसरी बार में उन्हें इस परीक्षा में 13वीं रैंक मिल गई। यह एक बड़ी सफलता थी। वर्णित अपने लक्ष्य को पाने में कामयाब रहे उन्होंने यूपीएससी टॉप करके इतिहास रच दिया। वर्णित कहते हैं कि इस परीक्षा में शुरुआती असफलता से न तो घबराना चाहिए और ना ही निराश होना चाहिए। इस परीक्षा में सफलता के लिए दृढ़ संकल्प के साथ परिवार के सपोर्ट की भी जरूरत होती है। साथ ही, सोशल मीडिया से भी दूरी बनानी पड़ती है। सोशल मीडिया से जुड़े रहने से ध्यान भटकता है।