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प्रेग्नेंसी में महिला करती रही UPSC की पढ़ाई, घर/क्लिनिक संभालते हुए IAS बन रच दिया इतिहास

करियर डेस्क. IAS Success Story Of Officer Pragya Jain: यूपीएससी  (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा के लिए कैंडिडेट्स कई साल की मेहनत के बाद सफल हो पाते हैं। कुछ कोचिंग तो कुछ सेल्फ स्टडी से सफलता हासिल करते हैं। पर कुछ ऐसे भी योद्धा होते हैं जो हजार मुसीबतों का सामना करके भी IAS का सपना पूरा करते हैं। ऐसी ही एक योद्धा हैं प्रज्ञा जैन जिन्होंने तमाम मुश्किलें और समय की कमी झेलते हुए भी अफसर बनने का लक्ष्य हासिल किया। प्रज्ञा के साथ वे सारी कंडीशंस थी जो सफलता हासिल करने के रास्ते की बाधा मानी जाती हैं। जैसे प्रज्ञा शादीशुदी थी, डॉक्टर होने के नाते क्लीनिक भी संभालती थी और तीसरे अटेम्प्ट के दौरान वे प्रेग्नेंट भी थी। इतनी सारी जिम्मेदारियों के बीच प्रज्ञा ने न केवल परीक्षा दी बल्कि 194वीं रैंक के साथ सफलता भी हासिल की। UPSC की तैयारी कर रहे कैंडिडेट्स को इनके संघर्ष और सफलता के मंत्र जरूर जानने चाहिए- 

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Asianet News Hindi
Published : Jan 22 2021, 10:49 AM IST| Updated : Jan 22 2021, 11:05 AM IST
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एक इंटरव्यू में डॉ. प्रज्ञा जैन ने अपने बारे में काफी कुछ बताया। उनकी शुरूआती पढ़ाई-लिखाई छोटे से कस्बे बड़ौत में ही हुई। ये एक तहसील है, जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में आता है। उनके पिता आयुर्वेदिक डॉक्टर और मां दिल्ली यूनिवर्सिटी से स्नातक हैं। दोनों पढ़े-लिखे हैं। बस इसी बात का फायदा उन्हें भी मिला। प्रज्ञा आगे बताती हैं कि शुरू से ही माता-पिता ने अच्छी शिक्षा पर बहुत जोर दिया था। इसका नतीजा ये रहा कि उन्होंने 10वीं और 12वीं कक्षा में जिला स्तर पर फर्स्ट रैंक हासिल की।

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दो बार वो असफल रहीं

 

होम्योपैथिक डॉक्टर प्रज्ञा जैन ने सिविल सेवा में जाने की ठानी। वो दिन के कई घंटे अपनी क्लीनिक पर बिताती थीं। घर परिवार की जिम्मेदारी भी साथ-साथ चलती ही है। फिर उन्होंने यूपीएससी परीक्षा देने का मन बनाया और खुद से तैयारी शुरू कर दी। दो बार वो असफल रहीं। प्रज्ञा का सेलेक्शन पहले दोनों ही प्रयासों में नहीं हुआ। हालांकि पहले प्रयास में हीं इंटरव्यू तक पहुंच गईं। तीसरी बार में उनके लिए आर या पार की स्थिती हो गई। उम्र के लिहाज से प्रज्ञा का तीसरा अटेम्प्ट उनका आखिरी अटेम्प्ट भी था। अगर इस साल वे चयनित न होती तो फिर परीक्षा देने का मौका उन्हें नहीं मिलता। पर किस्मत ने उनका साथ दे दिया और वो सफल हुईं। 

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कोचिंग का नहीं लिया सहारा, सेल्फ स्टडी से की पढ़ाई

 

UPSC की सिविल सेवा परीक्षा पास करने लोग कोचिंग आदि का सहारा लेते हैं। पर  प्रज्ञा ने कभी कोचिंग नहीं ली और पूरी तैयारी अपने दम पर की। क्लीनिक और घर के काम के बीच जो समय बचता था वे उसी में पढ़ती थी। इसके अलावा जब जहां समय मिलता था उस मौके का लाभ उठाती थी। दिन के 6 से 8 घंटे तो क्लीनिक में ही निकल जाते थे। इसके प्रज्ञा ने समय की कमी देखते एडजस्ट टाइम में पढ़ाई की। 

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प्रज्ञा आगे कहती हैं कि यूपीएससी को लेकर दूसरी बात अक्सर लोग कहते हैं कि जितना जल्दी तैयारी शुरू कर दें उतना अच्छा है उनके केस में यह भी नहीं हो पाया क्योंकि उन्होंने तैयारी का मन ही बहुत अंत में बनाया था। कुल मिलाकर यह समझ लें कि परीक्षा पास करने के कोई सेट नियम नहीं होते। आप जैसे चाहें वैसे चीजें हैंडल की जा सकती हैं।
 

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प्रेग्नेंसी के कठिन समय में दिया आईपीएस का इंटरव्यू

 

प्रज्ञा पहले प्रयास में हीं इंटरव्यू तक पहुंच तो गई, लेकिन इंटरव्यू में कुछ नंबर कम होने के चलते फाइनल लिस्ट में जगह नहीं मिल पाई, फिर जब दूसरे प्रयास का वक्त आया तो हेल्थ ने साथ नहीं दिया। इस‍ बार वो प्रीलिम्स तक क्लीयर नहीं कर पाईं। फिर जब तीसरे प्रयास की बारी आई तो वो प्रेग्नेंसी का कठिन समय था। उस वक्त डॉक्टर ने उन्हें बेड रेस्ट की सलाह दे दी थी। डॉ. प्रज्ञा जैन बताती हैं कि तब भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और हौसला रखकर फिर से इंटरव्यू तक पहुंच गई और इस बार किस्मत और मेहनत ने साथ दिया और साल 2017 में उनका आईपीएस (Indian Police Service IPS) में चयन हो गया।
 

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ट्रेनिंग के दौरान फ्रैक्चर हो गए थे दोनों हाथ

 

डॉ. प्रज्ञा जैन के हौसले कभी नहीं टूटे। इंटरव्यू के दौरान वो बताती हैं कि ट्रेनिंग के समय 6 माह की बेटी को छोड़कर जाना भी आसान नहीं था। यहां शारीरिक व्यायाम जैसे कि 16 किमी की दौड, घुड़सवारी, तैराकी इत्यादि के स्तर को पाना भी मुश्किल लग रहा था। वहां ट्रेनिंग के दौरान साइकिलिंग करते वो एक बार दुर्घटना का भी शि‍कार हो गईं। इसमें उनके दोनों हाथों की हड्डी में फ्रैक्चर भी हुआ। आखि‍रकार एक छोटे कस्बे से निकली बड़े हौसलों वाली इस बेटी ने आईपीएस अफसर (Indian Police Service IPS) बनकर न सिर्फ अपने परिवार और कस्बे बल्क‍ि देश का नाम भी रोशन किया। 
 

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प्रज्ञा के सक्सेज टिप्स  

 

प्रज्ञा कहती हैं कि कोचिंग लें या न लें लेकिन टेस्ट सीरीज जरूर ज्वॉइन करें। जब तक आप पेपर की प्रैक्टिस नहीं करेंगे तब तक मुख्य परीक्षा वाले दिन आपका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहेगा। इसके साथ ही इंटरव्यू के लिए ज्यादा नहीं लेकिन कुछ मॉक टेस्ट जरूर दें। इससे आप माहौल से परीचित हो जाते हैं।

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रही तैयारी की बात तो प्रज्ञा ने एनसीईआरटी और स्टैंडर्ड बुक्स से ही तैयारी की थी और जब एक स्तर पर तैयारी पहुंच गई तो प्रैक्टिस आरंभ कर दी थी। वे खूब मॉक देती थी और बिलकुल परीक्षा वाले माहौल में टेस्ट देती थी ताकि उसकी आदत बन सके। अंत में बस इतना ही कि नोट्स जरूर बनाएं क्योंकि इनसे रिवीजन अच्छे से होता है और इस परीक्षा में सफलता का एक ही मूल-मंत्र है बार-बार रिवीजन।

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