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बेटी ने पहले खाई मां-बाप के सामने शादी न करने की कसम फिर UPSC की तैयारी में जुटी, IAS अफसर बनकर ही लिया दम
करियर डेस्क. Success Story Of IAS Abhilasha Abhinav: दोस्तों, 21वीं सदी और साल 2020 के 5G समय में भी हमारे समाज में पुरुषसत्ता की एक ही सोच है कि औरतें घर-रसोई में ही गुजर-बसर करती रहें। पिछले कुछ सालों में सैकड़ों लड़कियां टॉप तो करती हैं लेकिन फिर गायब हो जाती हैं। बावजूद इसके लड़कियां लगातार आगे बढ़ रही हैं और टॉप लिस्ट में शामिल हो रही हैं। हालांकि जो लड़कियां देश, समाज के लिए कुछ करना भी चाहती हैं वो तमाम मुश्किलों का सामना करती हैं। सबसे पहले तो परिवार और समाज से उन पर शादी का दवाब होने लगता है। इसी तरह बिहार की एक लड़की पर भी शादी का दवाब था लेकिन उसने अफसर बनने के लिए मां-बाप से शादी न करने को मनाया। जी-जान से पढ़ाई करके तीसरे प्रयास में IAS बनीं।
आइए जानते हैं 10वीं रैंक हासिल करने वाली अभिलाषा अभिनव (IAS Abhilasha Abhinav) के संघर्ष की कहानी जो लाखों बच्चों के लिए प्रेरणा है-
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बिहार की अभिलाषा ने यूपीएससी परीक्षा पास करने के लिए तो संर्घष किया ही है साथ ही संर्घष किया अपने घरवालों को यह समझाने में कि वे पहले सिविल सर्विसेस की परीक्षा पास करेंगी और उसके बाद शादी के बारे में सोचेंगी। इस बारे में बात करते हुए अभिलाषा कहती हैं कि अपने मां-बाप को शादी न करने के लिए मनाएं साथ ही उन्हें समय-समय पर ऐसे रिजल्ट्स देते रहे ताकि उन्हें लगे की आपका निर्णय गलत नहीं है।
अभिलाषा हमेशा से एक ब्राइट स्टूडेंट थी। उनकी स्कूलिंग पटना से हुयी और क्लास दसवीं में उन्होंने सीबीएसई में टॉप किया। बारहवीं में उनके 84 प्रतिशत अंक आये। स्कूल के बाद अभिलाषा ने इंजीनियरिंग एग्जाम्स की तैयारी शुरू कर दी और परीक्षा पास करके ए. एस पाटिल कॉलेज महाराष्ट्र से बीटेक किया।
यही नहीं अभिलाषा खेल-कूद में भी हमेशा आगे रहीं। बीटेक के बाद अभिलाषा ने नौकरी कर ली और अपने सारे प्रयासों के दौरान वे हमेशा जॉब में रहीं। अभिलाषा कहती हैं वे कैंडिडेट जिनके पास टाइम की लग्जरी होती है उन्हें इसका गलत फायदा नहीं उठाना चाहिए। आपको समय मिल रहा है तो उसका जमकर इस्तेमाल करें और सही दिशा में करें। कुछ लोगों के पास इसकी बहुत कमी होती है।
हमेशा नौकरी के साथ की तैयारी -
अभिलाषा ने अपना पहला अटेम्पट साल 2014 में दिया था जब उनका प्री में भी नहीं हुआ था। इसके बाद उन्होंने अगले साल परीक्षा नहीं दी और अपनी तैयारी पक्की की। पहले अटेम्पट में अभिलाषा प्री में भी सेलेक्ट नहीं हुयी थी, दूसरे में उनका सेलेक्शन हुआ और रैंक मिली 308 इससे उनका सेलेक्शन आईआरएस सेवा के लिए हुआ लेकिन अभिलाषा इतने से संतुष्ट नहीं थी। उन्होंने फिर कोशिश की और फिर अपने तीसरे अटेम्पट में 18वीं रैंक पाकर अपने बचपन के सपने को साकार कर दिखाया।
सिविल सर्विसेस की तैयारी के विषय में अभिलाषा का मानना है कि इस परीक्षा को तीन परीक्षाओं के रूप में न देखते हुए शुरू से ही प्री, मेन्स और इंटरव्यू की तैयारी साथ शुरू करें। टॉपर्स के इंटरव्यू देखें ताकि समझ पाएं की कैसे सफलता पायी जा सकती है।
अपनी स्ट्रेटजी अपने अनुसार बनाएं और स्ट्रेटजी बनाने के साथ ही पढ़ाई पर भी फोकस करें। वरना कई बार बहुत से कैंडिडेट केवल स्ट्रेटजी पर ही अटके रह जाते हैं। चूंकि अपनी तैयारी के दौरान अभिलाषा ने हमेशा नौकरी की इसलिए उन्हें अपनी पढ़ाई के लिए समय निकालने के लिए दोगुनी मेहनत करनी पड़ती थी।
वे कहती हैं हम जैसे लोग वीकेंड्स का फायदा उठा सकते हैं और जब भी ऑफिस में समय मिले उसका सदुपयोग पढ़ाई के लिए कर सकते हैं। अभिलाषा बतती हैं कि कम्यूट करने के समय में भी वे फोन पर पढ़ाई करती थीं, इस प्रकार टेक्नोलॉजी ने उनकी बहुत मदद की। अंत में अभिलाषा की यही सलाह है कि लोगों की बात न सुनें अपने आप से ईमानदार रहें, बस इतना ही जरूरी है।
बंद कमरे में आप पढ़ रहे हैं या सो रहे हैं ये कोई देखने नहीं आ रहा पर आपको पता होना चाहिए कि जो सपना आपने देखा है, उसे पूरा करने के लिए ईमानदार प्रयास बहुत जरूरी है। सेल्फ बिलीफ यानि खुद पर भरोसा इस परीक्षा को पास करने में बहुत मदद करता है। जब आप खुद ही नहीं यकीन करेंगे की आप कर सकते हैं तो दूसरे कैसे करेंगे। अंत में केवल इतना ही कि अपना पूरा जोर लगा दें, सफलता जरूर आपके कदम चूमेगी।