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International Girl Child Day 2022: फर्श से अर्श तक हमारी बेटियां, सियासी मैदान से आसमान तक छू रहीं बुलंदियां
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द्रौपदी मुर्मू, राष्ट्रपति
भारत के सर्वोच्च पद पर पहुंचने वाली द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) पहली महिला आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। वे देश की 15वीं महामहिम हैं। छोटे से गांव से शुरू हुआ उनका सफर देश के सबसे सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंचा है। वह देश ही नहीं दुनिया की महिलाओं और बच्चियों की प्रेरणास्त्रोत हैं। उन्होंने जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं लेकिन जहां भी रहीं एक मिसाल कायम की। राजनीतिक पारी शुरू करने से पहले मुर्मू एक शिक्षिका थीं। इसके बाद उन्होंने ओडिशा सरकार के सिंचाई और बिजली विभाग में एक कनिष्ठ सहायक के तौर पर भी काम किया था।
निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की गिनती भारत की सबसे दमदार महिला पॉलिटिशियन में होती है। वह देश की पहली पूर्णकालिक वित्त मंत्री हैं। अपनी क्षमता की बदौलत भारत ही नहीं विदेशों तक उन्होंने पहचान बनाई है। आज हिंदुस्तान के घर-घर में महिलाएं उन्हें पहचानती हैं। उन्होंने घर में महिलाओं को मितव्ययिता के गुण सिखाए हैं। वित्त मंत्री बनने से पहले वे देश की रक्षा मंत्री भी रह चुकी हैं।
स्मृति ईरानी, केंद्रीय मंत्री
सबसे दमदार पॉलिटिशन में से एक स्मृति ईरानी (Smriti Irani) आज किसी पहचान की मोहताज नहीं। एक टीवी एक्ट्रेस, पत्नी, मां, और पॉलिटिशियन के तौर पर उन्होंने जो जिम्मेदारी उठाई है, वह काबिलेतारीफ है। हर शख्सियत में स्मृति ईरानी ने खुद को परफेक्ट बनाया है। स्मृति की गिनती उन चुनिंदा नेत्रियों में होती है, जो काफी एक्टिव रहती हैं। ग्लैमर की दुनिया से निकलकर एक सफर पॉलिटिशियन बनने की राह स्मृति के लिए काफी कठिन रही लेकिन उन्होंने इसे सफलतापूर्वक तय किया और आज कई लड़कियों की रोल मॉडल हैं।
रोशनी नादर मल्होत्रा,चेयरपर्सन, एचसीएल टेक्नोलॉजीज
भारत की सबसे अमीर महिला रोशनी नादर मल्होत्रा एचसीएल टेक्नोलॉजीज की चेयरपर्सन हैं। आज उनकी नेटवर्थ 84,330 करोड़ रुपए है। रोशनी एचसीएएल के संस्थापक शिव नादर की इकलौती बेटी हैं। साल 2019 में फोर् ने उन्हें 100 सबसे ताकतवर महिलाओं की सूची में जगह दी थी। रोशनी 54वें स्थान पर थीं। रोशनी आज कई लड़कियों के लिए मिसाल हैं। उनकी लाइफस्टाइल को देश की ज्यादातर लड़कियां फॉलो करती हैं।
एनी सिन्हा रॉय, सीनियर रेजिडेंट इंजीनियर, मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन
देश की एकमात्र महिला सुरंग इंजीनियर एनी सिन्हा राय मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन में प्रोजेक्ट सीनियर रेजिडेंट इंजीनियर हैं। आज उनका नाम बड़े ही गर्व से लिया जाता है। मैकेनिकल इंजीनियर एनी ने साल 2009 में चेन्नई मेट्रो और साल 2015 में बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन में काम किया। उनके नाम गोदावरी नामक सुरंग-मशीन को अकेले चलाने का रिकॉर्ड है। इसी की बदौलत उन्होंने मीठी नदी के नीचे मुंबई मेट्रो की 190 मीटर लंबी सुरंग तैयार की। 2018 में ‘इंजीनियर ऑफ द ईयर’ के सम्मान से भी नवाजा गया था।
फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह
दमदार लड़ाकू विमान राफेल उड़ाने वाली पहली महिला पायलट शिवांगी सिंह आज लड़कियों की रोल मॉडल हैं। उन्होंने बताया कि देश की रक्षा की जिम्मेदारी महिलाएं भी बखूबी निभा सकती हैं। राफेल से पहले फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह मिग-21 भी उड़ा चुकी हैं।
संजुक्ता पराशर, IPS
लेडी सिंघम नाम से मशहूर IPS संजुक्ता पराशर की पोस्टिंग इन दिनों असम में है। उनकी कार्यशैली काफी चर्चाओं में रहती है। सिर्फ 15 महीनों में ही 16 एनकाउंटर कर उन्होंने पुलिस विभाग में एक नया रिकॉर्ड बना डाला है। उन्हें आयरन लेडी ऑफ असम से नाम से भी जाना जाता है।
मीराबाई चानू, वेटलिफ्टर
सिर्फ राजनीति या प्रशासनिक स्तर पर ही नहीं बल्कि खेल के मैदान में भी हमारी बेटियों ने नाम कमाया है। उन्हीं में शामिल हैं वेटलिफ्टर मीराबाई चानू। जिन्होंने कॉमनवेल्थ से ओलंपिक तक झंडे गाड़े हैं। कभी जो खेल सिर्फ पुरुषों का माना जाता था, उसमें मीराबाई चानू ने ऐसे-ऐसे रिकॉर्ड बना डाले हैं, जो हर किसी के बस की बात नहीं। टोक्यो ओलंपिक में भारत को पहला मेडल दिलाकर उन्होंने बड़ी उपलब्धि हासिल की थी। इसके बाद कॉमनवेल्थ में भी उन्होंने जबरदस्त प्रदर्शन किया। आज वे लड़कियों के लिए मिसाल हैं।
स्मृति मंधाना, क्रिकेटर
खेल के मैदान में एक और महिला खिलाड़ी आज कई लड़कियों की रोल मॉडल है। उनका नाम है स्मृति मंधाना। वनडे में डबल सेंचुरी लगाने वाली पहली महिला खिलाड़ी स्मृति मंधाना को साल 2021 में ICC ने बेस्ट वुमेन क्रिकेटर चुना था। स्मृति ने साल 2013 में सिर्फ 150 गेंदों में ही 224 रन ठोंक डाले थे।
नीना गुप्ता
अल्जेब्रिक जियोमेट्री और कम्यूटेटर अल्जेब्रा में शानदार काम करने वाली नीना गुप्ता ने 70 साल से ज्यादा समय से उलझी गणित की पहेली को सुलझाया है। इस सवाल साल 1949 में ऑस्कर जारिस्की ने प्रजेंट किया, जिसका हल अब मिला। उन्हें डेवलपिंग कंट्रीज के यूथ मैथेमेटिशियन 2021 रामानुजन अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है। कोलकाता में इंडियन स्टैटिकल इंस्टीट्यूट में इस सम्मान को पाने वाली तीसरी महिला और भारत की चौथी महिला हैं।
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