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राजेंद्र प्रसाद से कोविंद तक : भारत के सभी राष्ट्रपति के बारें में जानिए, कौन रहे अब तक सबसे लोकप्रिय महामहिम
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डॉ. राजेंद्र प्रसाद
डॉ. राजेंद्र प्रसाद (Rajendra Prasad) भारत के पहले राष्ट्रपति चुने गए। वह देश में सबसे ज्यादा समय तक सेवा देने वाला राष्ट्रपति थे। डॉ. प्रसाद भारत के एकमात्र राष्ट्रपति थे, जिन्होंने दो कार्यकालों तक राष्ट्रपति पद पर कार्य किया। वे संविधान सभा के अध्यक्ष भी थे। 1962 में उन्हें भारत रत्न नवाजा गया।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन
भारत के पहले उपाध्यक्ष डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Sarvepalli Radhakrishnan) देश के दूसरे राष्ट्रपति चुने गुए। उनका जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था। इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। 1954 में उन्हें भारत रत्न दिया गया।
डॉ. जाकिर हुसैन
डॉ. जाकिर हुसैन (Zakir Husain) देश के पहले मुस्लिम राष्ट्रपति चुने गए। वह भारत के तीसरे राष्ट्रपति थे। जिस वक्त उन्होंने राष्ट्रपति पद की शपथ ली, उनकी उम्र 70 साल थी। पद पर रहते ही इनका निधन हो गया था। इन्होंने ही जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय की स्थापना की थी।
वराहगिरी वेंकट गिरी (वीवी गिरी)
भारत के चौथे राष्ट्रपति वराहगिरी वेंकट गिरी यानी वीवी गिरी (VV Giri) चुने गए। वह कार्यवाहक राष्ट्रपति के पद पर भी कार्य कर चुके थे। वे 75 साल की उम्र में राष्ट्रपति चुने गए। उन्हें साल 1975 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
फखरुद्दीन अली अहमद
देश के पांचवे राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद (Fakhruddin Ali Ahmed) चुने गए। वह दूसरे ऐसे राष्ट्रपति थे, जिनका निधन पद पर रहते हुए हो गया था। उनके निधन के बाद बीडी जत्ती ने कार्यवाहक राष्ट्रपति के तौर पर काम किया।
नीलम संजीव रेड्डी
नीलम संजीव रेड्डी भारत के 6वें और अब तक के सबसे कम उम्र के राष्ट्रपति बने। पहली बार राष्ट्रपति चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। दूसरी बार वह चुनाव जीतकर इस पद पर काबिज हुए। राष्ट्रपति बनने से पहले वे आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।
ज्ञानी जैल सिंह
ज्ञानी जैल सिंह (Zail Singh) भारत के पहले सिख राष्ट्रपति बने। राष्ट्रपति बनने से पहले वे पंजाब के मुख्यमंत्री और केंद्र में मंत्री रहे। वह पहले और एकमात्र राष्ट्रपति हैं, जिन्होंने पॉकेट वीटो का इस्तेमाल किया। यह वीटो उन्होंने भारतीय डाक घर से संबंधी विधेयक के लिए किया था।
आर. वेंकटरमण
आर. वेंकटरमण (Ramaswamy Venkataraman) एक ऐसे राष्ट्रपति थे, जिन्होंने अपने कार्यकाल में सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई थी। राष्ट्रपति बनने से पहले वह 1984 से 87 तक भारत के उपराष्ट्रपति रहे थे। वे वकील, स्वतंत्रता संग्रामी और महान राजनेता थे।
डॉ. शंकर दयाल शर्मा
डॉ. शंकर दयाल शर्मा (Shankar Dayal Sharma) भारत के नौवें राष्ट्रपति चुने गए। अपने राष्ट्रपति पद से पहले वे देश के आठवें उप राष्ट्रपति थे। वे भोपाल के मुख्यमंत्री भी रह चुके थे। साल 1956 से 67 तक कैबिनेट मिनिस्टर. इंटरनेशनल बार एसोसिएशन ने उनकी लीगल प्रोफेशन में उपलब्धियों को लेकर उन्हें 'लिविंग लीजेंड ऑफ लॉ अवॉर्ड ऑफ रिकग्निशन' से सम्मानित किया था।
के.आर. नारायणन
केआर नारायणन (KR Narayanan) भारत के पहले दलित राष्ट्रपति थे। वह पहले मलयाली व्यक्ति थे, जो देश के सर्वोच्च पद पर काबिज हुए। उनके नाम कई उपलब्धियां रहीं। लोकसभा चुनाव में मतदान करने वाले और राज्य की विधानसभा को संबोधित करने वाले नारायणन पहले राष्ट्रपति थे।
डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) पहले वैज्ञानिक थे, जो भारत के राष्ट्रपति चुने गए। उन्हें भारत के मिसाइल मैन के नाम से जाना जाता है। वह सबसे ज्यादा वोट से जीतकर इस पद पर पहुंचने वाला पहले राष्ट्रपति थे। 1997 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
प्रतिभा देवी सिंह पाटिल
प्रतिभा देवी सिंह पाटिल (Pratibha Devisingh Patil) भारत की पहली महिला राष्ट्रपति चुनी गईं। वह सुखोई विमान उड़ाने वाली पहली महिला राष्ट्रपति भी हैं। राष्ट्रपति बनने से पहले वह राजस्थान की राज्यपाल रहीं। 1962 से 1985 तक पांच बार महाराष्ट्र विधानसभा की सदस्य रहीं। 1991 में अमरावती से लोकसभा चुनाव जीतीं।
प्रणब मुखर्जी
प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) देश के 13वें राष्ट्रपति चुने गए। राष्ट्रपति बनने से पहले वह केंद्रीय वित्त मंत्री रहे। उन्हें 1997 में सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार मिला। साल 2008 में भारत का दूसरा सबसे बड़ा सम्मान पद्म विभूषण से नवाजा गया।
रामनाथ कोविंद
रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) वर्तमान में भारत के राष्ट्रपति हैं। 25 जुलाई 2022 को उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है। कोविंद 25 जुलाई, 2017 को राष्ट्रपति बने। इससे पहले वह बीजेपी के सदस्य रहे। राष्ट्रपति बनने से पहले वे बिहार के राज्यपाल रहे। राज्यपाल रहते उन्होंने विश्वविद्यालयों में भ्रष्टाचार की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया था। जो उनकी बड़ी उपलब्धि माना जाती है।
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