MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • Career
  • Education
  • पुल के नीचे अनाथ बच्चों को पढ़ाता है ये शख्स, IAS, IPS बनाने का देख रहा ख्वाब

पुल के नीचे अनाथ बच्चों को पढ़ाता है ये शख्स, IAS, IPS बनाने का देख रहा ख्वाब

नई दिल्ली. आपने बहुत से ऐसे लोगों की कहानियां देखीं होंगी जो गरीबों की मदद के लिए क्या कुछ कर गुजर जाते हैं। ऐसे ही एक गरीबों के मसीहा की कहानी हम आपको सुनाने जा रहे हैं। ये शख्स कभी इंजीनियर बनने के सपने देखा करता था लेकिन जब अपनी ख्वाहिशें पूरी न हुईं तो बेसहारा बच्चों में अपनी खुशियां तलाश लीं। हम बात कर रहे हैं दिल्ली मेट्रे के पुल के नीच स्कूल चलाने वाले  राजेश कुमार शर्मा के बारे में। लक्ष्मी नगर में रहने वाले दुकानदार राजेश यमुना बैंक इलाके में मेट्रो पुल के नीचे एक स्कूल चलाते हैं, इसमें वह गरीबी, अनाथ बच्चों को पढ़ाकर देश के अधिकारी बनाने की तैयार करवा रहे हैं। 

2 Min read
Asianet News Hindi
Published : Dec 31 2019, 05:55 PM IST| Updated : Dec 31 2019, 06:02 PM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
110
वे ये काम अकेले कर रहे हैं उनके इस संघर्ष में कोई सरकार, कोई एनजीओ, बाल कल्याण साथ नहीं है, इन गरीब बच्चों को मुफ्त पढ़ाकर वो देश के आईपीएस, आईएएस अफसर बनाने का ख्वाब देखते हैं।
210
लक्ष्मी नगर में रहने वाले दुकानदार राजेश यमुना बैंक इलाके में मेट्रो पुल के नीचे एक स्कूल चलाते हैं, इसमें वह गरीबी, अनाथ बच्चों को पढ़ाकर देश के अधिकारी बनाने की तैयार करवा रहे हैं।
310
मूल रूप से उत्तर प्रदेश में हाथरस के रहने वाले शर्मा लक्ष्मी नगर में एक किराने की दुकान चलाते हैं। उनके इस संघर्ष की कहानी दिलचस्प और दिल छू को झकझोर देने वाली है।
410
उन्होंने 13 साल पहले महज दो बच्चों के साथ अपने स्कूल की शुरुआत की थी। शर्मा को खुद गरीबी के कारण अपनी पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ी थी। इस बात का दुख उन्हें आज भी है।
510
इसलिए जब यमुना बैंक इलाके में घूमते हुए उन्होंने बच्चों को बिना शिक्षा के भटकते देखा तो उनके माध्यम से अपने सपने को जीने का फैसला किया। शर्मा (49) अपना स्कूल दो शिफ्ट में चलाते हैं।
610
सुबह 9-11 बजे तक लड़कों के लिए जिसमें 120 छात्र हैं। दोपहर दो बजे से शाम साढ़े चार बजे तक लड़कियों के लिए जिसमें 180 छात्राएं हैं।
710
पुल के नीचे बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ते हैं, यहां ब्लैकबोर्ड दीवार पर पेंटिंग से बने हैं। शिक्षकों की सहायता के लिए, स्कूल के पास चाक, डस्टर, पेन और पेंसिल जैसी बुनियादी स्टेशनरी है। छात्र अपनी नोटबुक लाते हैं और उस जमीन पर बैठकर पढ़ते हैं। जमीन को कार्पेट से ढका हुआ है।
810
स्कूल में लड़कियों और लड़कों दोनों के लिए अलग-अलग शौचालय की सुविधा है, इसके अलावा छात्रों को बुनियादी स्वच्छता और सफाई के बारे में भी पढ़ाया जाता है। पीने के लिए पानी अलग से रखा हुआ है।
910
चार साल से 14 साल तक के इन बच्चों को शर्मा अकेले नहीं पढ़ाते हैं. आसपास के लोग भी उनकी मदद करते हैं। वे अपने खाली समय में आकर बच्चों को पढ़ाते हैं, उनके साथ सात ऐसे शिक्षक स्थाई रूप से जुड़े हुए हैं।
1010
वैसे तो स्कूल सड़क के शोरगुल से दूर है, और हर पांच मिनट पर आती मेट्रो ट्रेन की आवाज बच्चों को महसूस तक नहीं होती। वे तो अपने सीमित संसाधनों वाले स्कूल में खुश हैं। शर्मा का कहना है कि उनके पास कभी कोई सरकारी प्रतिनिधि मदद की पेशकश लेकर नहीं आया है।

About the Author

AN
Asianet News Hindi
एशियानेट न्यूज़ हिंदी डेस्क भारतीय पत्रकारिता का एक विश्वसनीय नाम है, जो समय पर, सटीक और प्रभावशाली खबरें प्रदान करता है। हमारी टीम क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर गहरी पकड़ के साथ हर विषय पर प्रामाणिक जानकारी देने के लिए समर्पित है।
Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved