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STARTUP: इस फील्ड में रोजगार के कई मौके, यहां से कर सकते हैं आर्टिफिशियल इंटिलिजेंस का कोर्स
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बढ़ रहा है दायरा
माना जा रहा है कि कोरोना काल के बाद मैन पावर की बजाए एआइ की ज्यादा मदद ली जाएगी यानी इसका दायरा बढ़ जाएगा। इंजीनियरिंग क्षेत्रों (Engineering fields) की अपेक्षा इसमें कम्पटीशन अभी अधिक कम है। आने वाले समय में आइटी, फाइनेंस, सिक्योरिटी, डाटा कलेक्शन सहित कई जगह संभावनाएं हैं।
योग्यता (Eligibility)
कम्प्यूटर और गणित (Computer and Mathematics) इसके लिए अनिवार्य रूप से जरूरी है। कम्प्यूटर साइंस (Computer science) से ग्रेजुएट उम्मीदवार भी इस फील्ड में काम कर सकते हैं। इंजीनियरिंग के स्टूडेंट एआइ टेक्नोलॉजी के माध्यम से सॉफ्टवेयर एनालेटिक्स, रोबोटिक्स, प्रोग्रामर्स, गेमिंग क्षेत्र में प्रोग्राम्स की जानकारी रखना जरूरी है।
कोर्स (Course)
एलिजिबिलिटी ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटिलिजेंस में कोर्स के लिए कम्प्यूटर साइंस, आइटी, मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, पोस्ट ग्रेजुएट सर्टिफिकेट प्रोग्राम, पीजी प्रोग्राम इन मशीन लर्निंग प्रमुख हैं।
प्रमुख संस्थान (institute)
आइआइएसी, बेंगलुरु
IIT, हैदराबाद समित देश के कई केन्द्र हैं।
NSIT, नई दिल्ली
एक्सपर्ट की मांग सबसे ज्यादा
यह एक ऐसा सेक्टर है, जिसका यूज और डिमांड दुनिया में बढ़ती जा रही है। इस फील्ड में कई तरह के रिसर्च वर्क चल रहे हैं। ये कम्प्यूटर सांइस से जुड़ा हुआ एक पार्ट है जिस कारण इस फील्ड में डिमांड बढ़ती जा रही है। यहां एक्सपर्ट की ज्यादा जरूरत है।
भविष्य में बढ़ेगी डिमांड
एआइ क्षेत्र पर फ्यूचर टिका हुआ है। क्योंकि यह ऐशी तकनीकी है जिससे पूरी दुनिया कनेक्ट हो रही है। यह निगेटिव चीजों को रोकने में हेल्प करता है। ऐसे में यह फील्ड आपको अधिक मौके देगा।
नौकरियों का बदल रहा है स्वरूप
गूगल, फेसबुक और लिंक्डिन जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म में ये टेक्नोलॉजी तेजी से बढ़ रही है। यहां रोजगार के कई मौके हैं। स्मार्टफोन की तर्ज पर अब हर उपकरण को चलाने के लिए इस फील्ड की जरूरत है।