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गुजारा करने के लिए रेहड़ी लगाकार बेचे अंडे, दिन रात की मेहनत से बना IAS, तो उड़े लोगों के होश
| Published : Jan 03 2020, 06:57 PM IST / Updated: Jan 03 2020, 07:52 PM IST
गुजारा करने के लिए रेहड़ी लगाकार बेचे अंडे, दिन रात की मेहनत से बना IAS, तो उड़े लोगों के होश
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ये हैं बिहार के मनोज कुमार रॉय जो एक छोटे से गांव से दिल्ली शहर आ गए पढ़ने के लिए, और बात सिर्फ पढ़ने की नहीं थी इनको बनना था देश का अधिकारी यानि आईएएस अफसर। तो भैया ने शुरू कर दी पढ़ाई और कोचिंग-वोचिंग। पर हुआ क्या एतना बड़का शहर और खुला खर्च तो पैसों की कमी तो होनी ही थी। मनोज जो पैसे बिहार गांव से शहर लाए थे वो सारे कोचिंग में खर्च हो गए। ऐसे में उन्हें रेहड़ी लगाकार अंडे बेचने पड़े। दिल्ली में अपने संघर्ष के दिनों में उन्होंने न सिर्फ अंडे बेचे, सब्जियां बेचीं और यहां तक कि पैसे कमाने के लिए दफ्तरों में पोछा लगाने का भी काम किया।
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मनोज ने अपने संघर्ष को कसकर मुट्ठी में बांध लिया कि एक न एक दिन अपना टाइम भी आएगा। उन्होंने दिन मेहनत कर पढ़ाई की और शहर में अपना गुजारा करने के लिए दुकानों और दफ्तरों में सफाई कर्मी का काम भी करते रहे।
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वो दिन भी आ गया जब मेहनत का फल मनोज को मिला। उन्होंने साल 2010 में चौथे प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की और अब भारतीय आयुध निर्माणी सेवा (आईओएफएस) अधिकारी के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। मनोज ने 870 वीं रैंक हासिल कर अपना अफसर बनने का ख्वाब पूरा किया था। रिजल्ट आते ही उनके दिन फिर गए।
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रॉय नालंदा से 110 किमी की यात्रा करते हैं, जहां वह राजगीर आयुध निर्माणी में एक प्रशासनिक अधिकारी के रूप में हर सप्ताहांत पटना में तैनात रहते हैं। पर मनोज रॉय की कहानी इतनी छोटी नहीं है। मनोज को मालूम है कि गरीब बच्चों के लिए कोचिंग की फीस से लेकर शहर में रहने तक किन मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
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इसलिए वह आईएएस, पीसीएस और आईपीएस जैसी सिविल सर्विस की तैयारी करने वाले बच्चों को मुफ्त में कोचिंग देते हैं। वो चाहते हैं कि जैसे उन्होंने बुरे दिन देखें, अंडे बेचे ऐसे ही देश के भविष्य में बनने वाले किसी अफसर बच्चे को संघर्ष न करना पड़े।
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वीकएंड पर मनोज रॉय बिहार के गरीब छात्रों को यूपीएससी परीक्षा में पास होने के लिए पढ़ाते हैं। उनकी ये कोचिंग बिल्कुल मुफ्त है। उनका कहना है कि, जब मैंने सिविल सर्विस एग्जाम पास किया था तभी सोच लिया था गरीब बच्चे जो महंगी कोचिंग नहीं ले सकते उनको मुफ्त पढ़ाउंगा। रॉय के लगभग 45 स्टूडेंट्स ने भी बिहार लोक सेवा परीक्षा जैसे एग्जाम क्रैक करके उनका नाम रोशन किया है। (अपनी एक स्टेडेंट रेशु कृष्णा के साथ मनोज रॉय)
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मनोज रॉय की पत्नी अनुपमा कुमारी ने भी बिहार लोक सेवा परीक्षा पास करके इतिहास रचा था। दोनों साथ मिलकर गरीब बच्चों का भविष्य संवारने का काम करते हैं। आईएएस-आईपीएस सक्सेज स्टोरीज मुहीम की इस कहानी से छात्र और छात्राओं को यही सीख मिलती है कि सड़क पर रेहड़ी लगाकर अंडे बेचने वाला जब अफसर बन सकता है तो आप क्यों नहीं, बस फल की इच्छा सोचे बिना मेहनत करते जाइए। देखना एक दिन सफलता झक मारकर आपके पास आएगी। ( कुछ तस्वीरें कहानी को दर्शाने के लिए प्रतीकात्मक तौर पर इस्तेमाल की गई हैं। )