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फॉरेन में पढ़ाई से लेकर migration तक के लिए जरूरी है IELTS एक्जाम, जानें इसके बारे में जानें सब कुछ
करियर डेस्क : आज की दुनिया में हर कोई चाहता है कि उसका बच्चा अच्छे से पढ़ाई लिखाई करें और फॉरेन कंट्री में जाकर सेटल हो जाए। इसके लिए वह लाखों रुपये देने से भी परहेज नहीं करते लेकिन फॉरेन एजुकेशन या फिर माइग्रेंट होने के लिए क्या जरूरी होता है इसके अभाव में कई बार वह गलतियां कर बैठते हैं। ऐसे में आज हम आपको बताते हैं IELTS के बारे में, जिसके जरिए आप अब्रॉड में पढ़ाई करने के साथ-साथ वहां का परमानेंट रेसिडेंस भी पा सकते हैं। तो चलिए आपको बताते हैं क्या है IELTS एग्जाम और इसे पास करने के लिए क्या जरूरी होता है...
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IELTS का पूरा मतलब International English Language Testing System है। जिसके जरिए आप इंग्लिश कंट्री जैसे- ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड, यूके और यूएसए जैसे देश में पढ़ाई या फिर PR (migrate) के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
IELTS एग्जाम 2 टाइप का होता है। IELTS अकेडमिक और IELTS जनरल। जो स्टूडेंस हायर एजुकेशन या प्रफेशनल रजिस्ट्रेशन के लिए विदेश जाना चाहते हैं वह IELTS अकेडमिक टेस्ट देते हैं। वहीं, जो विदेश में बसना चाहते हैं या वहां का परमानेंट रेसिडेंस चाहते हैं वह IELTS जनरल टेस्ट देते हैं।
IELTS एक्जाम में 4 कैटेगिरी होती है। जिसमें आपकी इंग्लिश सुनने, पढ़ने, लिखने और बोलने का टेस्ट लिया जाता है। इसमें 1-9 तक की मार्किंग होती है। रीडिंग, लिस्टनिंग और राइटिंग में कुल 40-40 प्रश्न होते है, जो 2 घंटे 30 मिनट में आपको पूरा करना होता है। इसके बाद एक अलग सेशन में स्पीकिंग का टेस्ट होता है। जिसमें एग्जामिनर अलग-अलग टॉपिक पर बात कर आपकी बोलने की क्षमता को जांचता हैं।
राइटिंग सेक्शन 2 पार्ट में होता है। इसमें आपको एक 150 शब्द का लैटर लिखना होता है। इसके साथ ही 250-300 शब्दों का एक टॉपिक पर निबंध लिखना होता है। जिसमें आपकी इंग्लिश राइटिंग का टेस्ट लिया जाता है। इसमें आपको 9 में स्कोर दिए जाते हैं।
लिस्निंग सेक्शन में आपको एक रिकॉर्डिंग सुनाई जाती है, जिसके आधार पर आपको 40 प्रश्नों के उत्तर देने होते हैं। एग्जाम के दौरान रिकॉर्डिंग शुरू होने से पहले ही हर सेक्शन के सवालों को ध्यान से पढ़ लें, इससे आपको रिकॉर्डिंग के दौरान सवालों को समझने में मदद होगी।
रीडिंग टास्क में आपको 4-5 बड़े-बड़े पैसेज दिए जाते हैं। जिसको रीड करके आपको दिए गए प्रश्नों का उत्तर देना पड़ता है। रिडिंग टास्क में कभी-कभी उदाहरण दिए गए होते हैं। इसे ध्यान से पढ़ें और समय गंवाए बिना ही प्रश्नों का उत्तर दें।
स्पीकिंग टास्क के दौरान एक्जामिनर आपके इंग्लिश कम्यूनिकेशन का टेस्ट लेता है, इसलिए बात करते समय अपने कम्यूनिकेशन पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। स्पीकिंग टास्क के दौरान एक्जामिनर पहले आपसे वन-टू-वन प्रश्न पूछते हैं। इसके बाद किसी 1 टॉपिक पर आपको 2 मिनट के लिए बोलना होता है, फिर उसी से जुड़े कुछ प्रश्न आपसे पूछे जाते हैं।
IELTS एग्जाम संयुक्त रूप से ब्रिटिश काउंसिल, आईडीपी: IELTS ऑस्ट्रेलिया और कैम्ब्रिज असेसमेंट इंग्लिश के स्वामित्व में होता है। पिछले कुछ समय से IELTS एग्जाम पेपर और कम्प्यूटर दोनों पर होने लगा है।
IELTS एग्जाम देने के लिए आपको भारत में 13,250 रुपये अदा करने होते हैं। एक व्यक्ति कितने बार भी इसका पेपर दे सकता है। 1 IELTS स्कोरकार्ड 2 साल के लिए वैध्य होता है। इस टेस्ट की तारीख लोकेशन के हिसाब से अलग-अलग होती हैं जिन्हे आप ऑफिशल वेबसाइट पर जाकर चेक कर सकते हैं।
IELTS एग्जाम को 16 साल से अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति दे सकता है। इसके साथ ही आपके पास वैध पासपोर्ट होना भी जरूरी है। इनमें से कोई एक चीज न होने पर आप टेस्ट देने के लिए आयोग्य साबित हो जाते हो।
विदेश में बसने के लिए आपको IELTS जनरल में 8,7,7,7 का स्कोर होना जरूरी होता है। जिसमें लिस्निंग में 8 और बाकि सेक्शन में 7 अंक होना चाहिए। वहीं, IELTS अकेडमिक के लिए 7 ऑल स्कोर होना अच्छा होता है, अगर आप किसी अच्छी यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेना चाहते हैं। आपके IELTS स्कोरकार्ड के जरिए आप फॉरेन यूनिवर्सिटी में अप्लाई कर सकते हैं।
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