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जिसकी सिर्फ आवाज सुनकर दीवाने हो गए थे अनिल कपूर, उसकी खातिर 1 चीज का पता लगाने छूट गए थे पसीने
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उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था- सुनीता तक पहुंचने के लिए उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। फाइनली, उनके दोस्तों ने सुनीता का नंबर लाकर दिया था। इसके बाद दोनों की बातचीत शुरू हो गई। अनिल, सुनीता की आवाज के दीवाने हो गए थे।
अनिल ने बताया था- सुनीता से फोन पर बात करने के दौरान एक दिन उसने मिलने की बात कही। वे तैयार हो गए तब सुनीता ने पूछा कितनी देर में पहुंच जाओगे। तब मैंने कहा दो घंटे में। सुनीता ने कहा इतना वक्त क्यों, तब मैंने कहा, मैं बस से आऊंगा तो इतना वक्त तो लगेगा ही। उन्होंने कहा बस क्यों आ रहे हो, मैंने उन्हें साफ बताया मेरे पास उतने ही पैसे हैं।' तब सुनीता ने अनिल से कहा, 'आप कैब कर लो, मैं यहां उन्हें पैसे दे दूंगी।' इस डेट के बाद दोनों ने साथ घूमना शुरू कर दिया। और आखिरकार अनिल ने उन्हें प्रपोज कर दिया और बात शादी तक आ गई।
करियर के शुरुआती दौर में अनिल को फिल्मों में छोटे-मोटे रोल मिलना शुरू हुए थे। अनिल ने 'हमारे-तुम्हारे' (1979), 'शक्ति' (1982) जैसी फिल्मों में साइड रोल किए।
उन्हें 1983 में आई फिल्म 'वो सात दिन' में बतौर लीड एक्टर का रोल मिला। फिल्म सुपरहिट रही। इसके बाद 1984 में आई फिल्म 'मशाल' से उन्हें पहचान मिली। इसी बीच अनिल ने सुनीता से शादी करने का फैसला किया।
दोनों की शादी पर परिवारवालों को आपत्ति नहीं थी, लेकिन अनिल के बॉलीवुड के दोस्तों को आपत्ति थी। उन्होंने अनिल को सलाह दी कि शादी के बाद उनका करियर खत्म हो जाएगा। दोस्तों की बात मानकर अनिल ने दो बार शादी की डेट भी टाल दी। जब अनिल ने दूसरी बार शादी की डेट टाली तो सुनीता ने उन्हें धमकी देते हुए कहा कि ऐसा नहीं चलेगा।
एक इंटरव्यू में अनिल कपूर ने बताया था कि पैसों की कमी के कारण वे सुनीता से शादी नहीं कर पा रहे थे। कुछ तो दोस्तों के कहने पर और कुछ पैसों की कमी के कारण उन्हें दो बार शादी टालनी भी पड़ी थी। लंबी मशक्कत के बाद उन्हें सुभाष घई की फिल्म 'मेरी जंग' मिली थी। जैसे ही उन्होंने फिल्म साइन की थी और उन्हें साइनिंग अमाउंट मिला था उन्होंने तुरंत शादी करने का फैसला किया था। फिल्म साइन करने के दूसरे ही दिन उन्होंने शादी की थी। दोनों ने 19 मई, 1984 को शादी की थी।
अनिल ने बताया था- उन्हें आज भी याद है जब वो उनके घर गए और दुल्हन को देखा तो वो हंस रही थी। ये देखकर उनकी आंखों में आंसू आ गए, खुशी और बेचैनी के आंसू थे। उनकी शादी एक दिन की तैयारी में हुई थी। अनिल और सुनीता की शादी बड़ी नहीं थी ना ही वो हनीमून पर गए थे, जिसके लिए आज भी एक्टर की पत्नी उन्हें चिढ़ाती हैं, लेकिन अनिल इसे अपनी जिंदगी की सबसे शानदार चीज मानते हैं।
उन्होंने बताया था- उन्हें लेकर कई लोगों ने भविष्यवाणी की थी कि जल्दी शादी करना उनके करियर के लिए खराब साबित हो सकता है। मगर, वो बस अपनी जिंदगी का एक भी दिन सुनीता के बिना रहकर बर्बाद नहीं करना चाहते थे।
घर बनाने के लिए सुनीता ने शादी के बाद न सिर्फ अपना करियर छोड़ दिया बल्कि बहुत सारे बलिदान दिए। उन्होंने एक बातचीत के दौरान बताया था कि कैसे उनकी पत्नी उन्हें प्रोत्साहित करती हैं। अनिल ने कहा था वो परफेक्ट मां, परफेक्ट पत्नी हैं और यही कारण हैं कि मैं रोज सुबह प्रोत्साहित होता हैं।