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जब पाई-पाई को मोहताज हो गई थी ये कोरियोग्राफर, नहीं थे पिता के अंतिम संस्कार करने तक के पैसे
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फराह खान इंडस्ट्री के उस परिवार से ताल्लुक रखती हैं, जिनका बड़ा नाम हुआ करता है। डेजी इरानी और हनी इरानी फराह खान की मासी हैं, फरहान अख्तर और जोया अख्तर इनके कजिन और साजिद खान फराह के भाई हैं।
वहीं, फराह के पिता कामरान खान स्टंटमैन थे। उन्होनें आगे चलकर फिल्म मेकिंग में भी अपनी किस्मत आजमाई। 1971 में फराह खान के पिता ने एक फिल्म बनाई थी 'ऐसा भी होता है'। इस फिल्म से जुड़ी उनकी काफी उम्मीदें थीं कि ये बॉक्स ऑफिस पर अच्छा बिजनेस करेगी। लेकिन, फिल्म बुरी तरह से पिट गई।
इसी के साथ ही फराह खान के पिता की सारी जमा पूंजी इस मूवी के साथ ही डूब गई। धीरे-धीरे लेन देन में बचा हुआ पैसा भी खत्म होने लगा। अब फराह के परिवार की हालत काफी खराब हो गई थी। घर परिवार और करियर में दिक्कतों के चलते फराह के पिता ने शराब पीना शुरू कर दिया।
घर पर अनबन होनी शुरू हो गई। ऐसे में फराह खान की मां उनके पिता को छोड़ कर चली गईं। हनी इरानी (मासी) ने परिवार को पैसे देने शुरू किए। एक इंटरव्यू में फराह खान ने खुद बताया था कि जब उनके पिता ने ज्यादा शराब पीनी शुरू कर दी थी तो उनकी सेहत पर भी असर पड़ने लगा था। जब वो बीमार हो गए तो उनके इलाज तक के लिए साजिद और फराह के पास पैसे नहीं थे। ऐसे में उनके पिता का निधन हो गया था।
पिता के निधन के बाद जब उनके अंतिम संस्कार की बारी आई तो उनके पिता की जेब में सिर्फ 30 रुपए निकले। जैसे तैसे कर साजिद और फराह ने आस पड़ोस से पैसे मांग कर उनका अंतिम संस्कार किया गया। फराह ने बताया था कि वो दिन उनके लिए बेहद बुरा दिन था। जिसने उन्हें पैसे की कीमत समझाई और बताया कि मेहनत कर के उन्हें खूब पैसा कमाना है और उज्जवल भविष्य बनाना है।