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शादीशुदा औरत के पति से जाकर इस सिंगर ने मांगा था उसी की पत्नी का हाथ, फिर जो हुआ वो वाकई अजीब था
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राजस्थान के गंगानगर में जगजीत सिंह का जन्म हुआ था। भले ही उनकी पैदाइश राजस्थान के गंगानगर की रही लेकिन पुश्तैनी गांव पंजाब के रोपड़ जिले का दल्ला गांव था। उनके पेरेंट्स चाहते थे कि वो पढ़ाई कर अफसर बनें लेकिन किस्मत उन्हें किसी और ही रास्ते पर ले गई और उन्होंने सिंगिंग को अपना करियर बनाया।
जगजीत सिंह की गजलें जितनी मशहूर रहीं उतनी ही उनकी लव लाइफ भी उथल पुथल भरी रही। जगजीत सिंह की पत्नी चित्रा सिंह की पहली शादी एक अधिकारी देबू प्रसाद दत्ता से हुई थी। चित्रा मुंबई में जहां रहती थीं उनके सामने वाले घर में एक गुजराती परिवार रहता था। इसी परिवार में अक्सर जगजीत का आना जाना होता था।
वे अपने गानों की रिकॉर्डिंग करते थे। एक दिन चित्रा को सामने से आवाज सुनाई दी। जगजीत के जाने के बाद उन्होंने पड़ोसी से पूछा तो उन्होंने जगजीत के गाने सुनाए लेकिन उन्हें जगजीत के गाने बिल्कुल पसंद नहीं आए।
बता दें कि चित्रा खुद भी सिंगर थी। 1967 में जब जगजीत सिंह और चित्रा एक ही स्टूडियो में रिकॉर्ड कर रहे थे। इस दौरान दोनों की बातचीत शुरू हुई। रिकार्डिंग के बाद चित्रा ने कहा कि मेरा ड्राइवर आपको घर छोड़ देगा। फिर रास्ते में चित्रा का घर आया तो उन्होंने जगजीत को चाय पर बुलाया।
फिर चित्रा ने चाय बनाई और जगजीत ने उनको एक गजल सुनाई। वे उनसे काफी इम्प्रेस हुई। इसके बाद दोनों का मिलना-जुलना शुरू हो गया। दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगे।
इस बीच चित्रा भी अपने पति देबू से दूर होती चली गईं क्योंकि उनके पति का दिल किसी और पर आ गया था। बाद में दूरियां आईं तो दोनों एक-दूसरे से पूछकर और रजामंदी से ही तलाक लिया।
1970 में देबू ने भी दूसरी शादी कर ली, वहीं जगजीत खुद चित्रा के पति देबू के पास गए थे और उन्होंने चित्रा का उनसे हाथ मांगा था। उन्होंने कहा था कि वो चित्रा से शादी करना चाहते हैं और देबू ने भी इसकी इजाजत दे दी।
जगजीत को 'होठों से छू लो तुम', 'झुकी झुकी सी नजर', 'ये दौलत भी ले लो', 'होश वालों को खबर क्या', 'चिट्ठी न कोई संदेश' और ऐसे ही अनगिनत गजलों-नज्मों को अमर बनाने का श्रेय है। जगजीत सिंह ने 150 से ज्यादा एल्बम बनाईं। फिल्मों में गाने भी गाए, लेकिन गजल और नज्म ने उन्हें पॉपुलैरिटी दिलाई।
1990 में एक ट्रेजडी ने चित्रा सिंह और जगजीत सिंह को खामोश कर दिया था। जगजीत और चित्रा के बेटे विवेक का कार हादसे में निधन हो गया। इस वजह से जगजीत सिंह छह महीने तक एकदम खामोश हो गए जबकि चित्रा सिंह इस हादसे से कभी उबर नहीं पाईं और उन्होंने गायकी छोड़ दी। जगजीत सिंह का निधन 10 अक्टूबर, 2011 को हुआ था।