- Home
- Entertianment
- Other Entertainment News
- भाई की मौत से सदमे में करीना के पापा, नहीं रूक रहे आंसू, दुखी मन से छोटे को याद कर कही ये बात
भाई की मौत से सदमे में करीना के पापा, नहीं रूक रहे आंसू, दुखी मन से छोटे को याद कर कही ये बात
- FB
- TW
- Linkdin
रणधीर ने ईटाइम्स को बताया- राजीव बहुत ही सिम्पल और बेहद जिंदादिल व्यक्ति थे। यह विश्वास करना बहुत कठिन है कि वह अब हमारे बीच नहीं है। उनका कोई मेडिकल इतिहास भी नहीं था। उनकी सेहत बिल्कुल ठीक थी। उन्हें पहले से कोई समस्या नहीं थी।
रणधीर कपूर ने कहा कि एक साल के अंदर मैंने अपने तीन भाई-बहनों को खो दिया। जनवरी 2020 में रितु नंदा का निधन हो गया और अप्रैल में ऋषि कपूर का निधन हो गया। मुझे नहीं पता कि क्या हो रहा है।
उन्होंने कहा- मैं ऋषि और राजीव दोनों के काफी करीब था। मैंने अपने परिवार के चार लोगों को खो दिया है। मेरी मां कृष्णा कपूर, सबसे बड़ी बहन रितु, ऋषि और अब राजीव। ये चार मेरे सेंट्रल कोर थे, जिनके साथ मैंने अपनी बातें शेयर करता था।
राजीव की निधन के दिन के बारे में बात करते हुए रणधीर ने कहा- मेरे पास 24 घंटे एक नर्स रहती हैं क्योंकि मुझे तंत्रिका संबंधी समस्या है, जिसकी वजह से मुझे चलने में थोड़ी परेशानी होती है। नर्स सुबह 7.30 बजे राजीव को जगाने गई लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया। फिर नर्स ने राजीव की नब्ज चेक किया तो वह बहुत कम थी और गिर रही थी। हमने तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाया, जहां उसे बचाने की सारी कोशिशें नाकाम रहीं।
वैसे, आपको बता दें कि राजीव के साथ जितने अच्छे रिश्ते रणधीर कपूर के थ उतने अच्छे ऋषि कपूर के साथ नहीं थे। ऋषि कपूर ने अपनी किताब खुल्लम-खुल्ला में छोटे भाई राजीव कपूर संग रिलेशन को लेकर खुलकर बात की। किताह में बताया कि राजीव संग उनके संबंध अच्छे नहीं थे और समय के साथ भी बेहतर नहीं हुए।
उन्होंने लिखा था- चिंपू (राजीव कपूर) और मैं एक-दूसरे से कुछ खास रिलेशन शेयर नहीं करते थे। हमारे बीच एक दूरी रही जो समय के साथ भी नहीं भरी। मैं 17 साल का था जब मेरी बहन ऋतू की शादी हुई, रणधीर (डब्बू) और मैं एक साथ बड़े हुए। हम दोनों भाई से ज्यादा दोस्त की तरह बड़े हुए। पिता जी के जाने के बाद हमारा रिश्ता और भी गहरा होता चला गया। हम दोनों आरामदायक महसूस करते थे, जब भी किसी चीज को शेयर करते थे।
ऋषि कपूर और राजीव कपूर के बीच पूरे 10 साल का अंतर था। ऋषि ने लिखा- हम दोनों कभी वह बॉन्ड शेयर ही नहीं कर पाए जो दो भाइयों के बीच होना चाहिए। डब्बू (रणधीर) ही हैं, जिन्होंने परिवार को बांधकर रखा हुआ है। मैं चिंपू की बहुत फिक्र करता हूं, दुख होता है यह सोचकर कि वह कभी अपनी जिम्मेदारियां ठीक तरह से संभाल ही नहीं पाया।
ऋषि ने लिखा- वह सबसे ज्यादा टैलेंटेड था, म्यूजिक और ऑफिस संभालने तक में। बिना सीखे वह पियानो बजाता था, शानदार। मेरी फिल्म आ अब लौट चले में उसने बतौर एडिटर बहुत अच्छा काम किया था। वह इस फील्ड में और निखरकर बाहर आ सकता था, अगर कुछ चीजें अपनी सुधार लेता।