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22 साल पहले लोकल ट्रेन में चंद रुपयों का पास लेकर नौकरी तलाशता था ये एक्टर, सुनाया किस्सा
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पंजाब से ताल्लुक रखने वाले एक्टर सोनू सूद ने नागपुर से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनिरिंग की पढ़ाई की, लेकिन हीरो बनने का ख्वाब इस कदर हावी था कि वह उन्हें मुंबई तक आखिरकार खींच ही लाया। कहानी उन दिनों की है, जब फिल्मों में काम करने का सपना लेकर सोनू सूद पहली बार मुंबई आए थे और एक कमरे का घर लेकर बस जैसे-तैसे गुजारा किया करते थे।
इतना ही नहीं, इस कमरे में सोनू अकेले नहीं रहते थे, बल्कि 3-4 लोग और उनके साथ रहते थे। काम की तलाश में सोनू लोकल ट्रेन पकड़कर रोज सफर तय किया करते। दरअसल, सोनू के इंस्टाग्राम पर साल 1998 का लोकल ट्रेन का पास शेयर किया है, जो कि बोरीवली से चर्चगेट तक का है।
फर्स्ट क्लास में 420 रुपये महीने के इस पास के सहारे वह घर से निकला करते थे। खैर, एक साल बाद ही उन्हें हिन्दी तो नहीं लेकिन साउथ इंडियम फिल्म में काम मिल गया और सोनू साल 1999 में तेलुगू फिल्म 'कल्लाजगार' से अपने फिल्मी सफर की शुरुआत की। हालांकि, इसके बाद भी लगातार 4-5 तेलुगू और तमिल फिल्मों में ही मौका मिला, लेकिन साल 2001 में आखिरकार बॉलीवुड ने उनके लिए दरवाजा खोल दिया।
सोनू की पहली बॉलिवुड फिल्म 'शहीद-ए-आजम', जिसमें वह भगत सिंह की भूमिका में नजर आए थे। इसके बाद फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। लोकल ट्रेन पर सफर करने वाले यह वही सोनू सूद हैं, जो आज हजारों लोगों के लिए सहारा बन चुके हैं।
बता दें कि सोनू सूद लगातार लोगों को अपना फोन नंबर दे रहे हैं ताकि बाहर जाने वाले लोग उनसे सीधे सम्पर्क कर सकें। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए अपना नंबर शेयर किया है। इस पोस्ट में लिखा गया है, 'मेरे प्यारे श्रमिक भाइयों और बहनों।अगर आप मुंबई में है और अपने घर जाना चाहते हैं तो कृपया इस नंबर पर कॉल करें 18001213711 और बताएं कि आप कितने लोग हैं, अभी कहां पर हैं और कहां जाना चाहते हैं।'
'मैं और मेरी टीम जो भी मदद कर पाएंगे हम जरूर करेंगे।' उन्होंने एक वीडियो शेयर कर दिखाया है कि लोग उन्हें किस रफ्तार में सम्पर्क कर रहे हैं।
यहां आपको यह भी बता दें कि सोनू इंडस्ट्री के पहले ऐसे एक्टर हैं, जो प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के लिए बसों की व्यवस्था कर रहे हैं। कुछ दिनों पहले उन्होंने कर्नाटक और महाराष्ट्र सरकार से परमिशन लेने के बाद कुछ प्रवासियों की यात्रा और खाने का इंतजाम कर उन्हें उनके घर भेजा। एक्टर की पहल के बाद महाराष्ट्र के ठाणे से गुलबर्गा के लिए कुल दस बसें रवाना हुई थीं।
पिछले दिनों मुंबई के वडाला से लखनऊ, हरदोई, प्रतापगढ़ और सिद्धार्थनगर सहित उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों के लिए बसें रवाना की गई थीं। इसके अलावा बसें झारखंड और बिहार जैसे राज्यों के लिए भी निकलीं। इन प्रवासियों के लिए सोनू ने व्यक्तिगत रूप से व्यवस्था की और उन्हें फूड पैकेट्स भी दिए।