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एमएस धोनी की 8 ऐसी आदतें जिससे हर इंसान को लेनी चाहिए सीख, जिंदगी बदल देगी माही की पॉजिटिविटी
स्पोर्ट्स डेस्क : भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान एमएस धोनी (Mahendra Singh Dhoni) 7 जुलाई को अपना 41वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनके जन्मदिन के मौके पर फैंस उन्हें तरह-तरह से विश कर रहे हैं। कोई उनका 41 फीट ऊंचा कटआउट बना रहा है, तो कोई उनके बर्थडे पर सरप्राइस दे रहा है। लेकिन अगर आप एमएस धोनी के वाकई सच्चे फैन हैं और उनसे कुछ सीख लेना चाहते हैं, तो उनकी इन 8 आदतों को अपनी लाइफ में आपको अपनाना चाहिए...
| Published : Jul 07 2022, 08:13 AM IST
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जिम्मेदारी उठाना
एमएस धोनी ने कभी भी किसी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ा है। चाहे वह भारतीय टीम का कप्तान बनना हो या उन्हें भारतीय टीम का मेंटर बनाना। उन्होंने हमेशा जिम्मेदारी उठाई। इस बार इंडियन प्रीमियर लीग में जब उनकी टीम अच्छा परफॉर्म नहीं कर रही थी और रवींद्र जडेजा ने सीएसके की कप्तानी छोड़ दी थी, तो उन्होंने दोबारा टीम की कप्तानी करने का फैसला किया।
हार ना मानना
महेंद्र सिंह धोनी की सबसे बड़ी खूबी यह है कि वह कभी हार नहीं मानते हैं। भले ही मैच उनके हाथ से निकल रहा हो, लेकिन वह आखरी बॉल तक का वेट करते हैं और जैसा कि देखा जाता है कि वह हमेशा आखिरी बॉल पर कमाल करते हैं। यह उनका नेवर गिव अप एटीट्यूड ही है, जिससे हमें सीख लेनी चाहिए।
फैमिली मैन
क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद धोनी का अधिकतर समय अपने परिवार के साथ ही बीतता है। वह रांची में अपने फार्महाउस में अपने बीवी बच्चों और माता-पिता के साथ समय बिताते नजर आते हैं।
सादगी
महेंद्र सिंह धोनी की शुरुआती जिंदगी संघर्षों से भरी रही। भारतीय टीम में जगह बनाने से पहले उन्हें टिकट कलेक्टर तक की नौकरी करनी पड़ी। लेकिन जब शोहरत उनके कदमों पर आई तो उन्होंने इसको हावी नहीं होने दिया, बल्कि आज भी वह साधारण सी जिंदगी जीते हैं इसकी बानगी अभी हमें हाल ही में नजर आई थी, जब धोनी रांची में एक वैद्य के पास अपने घुटनों का इलाज करने गए थे।
हमेशा दिल की आवाज सुनना
एक इंटरव्यू के दौरान धोनी ने कहा था कि वह हमेशा अपने दिल की बात सुनते हैं। जब उनके पिता ने उन्हें नौकरी करने के लिए कहा, तब उन्होंने अपने दिल की बात सुनी और अपने क्रिकेट पर फोकस किया। उन्हें रेलवे में नौकरी मिल भी गई लेकिन उन्होंने क्रिकेटर बनने का सपना नहीं छोड़ा और आखिरकार वह भारत के सबसे सफल कप्तान बनें।
प्रेशर ना लेना
ऐसे कई मौकों पर हमने देखा है जब महेंद्र सिंह धोनी की पूरी टीम प्रेशर में होती है और धोनी बिल्कुल कूल और काल्म होकर उन्हें समझाते हैं। उन्हें प्रेशर झेलना बड़ी अच्छी तरह से आता है और वह अंडर प्रेशर भी अच्छा परफॉर्म करना जानते हैं। तभी तो उन्हें कैप्टन कूल कहा जाता हैं।
सभी की सम्मान करना
इतना बड़ा इंसान होने के बाद भी धोनी हर एक व्यक्ति का सम्मान करते हैं और सभी से विनम्रता से बात करते हैं। चाहे कोई मीडिया इंटरव्यू हो या कोई स्ट्रगलिंग क्रिकेटर धोनी कभी भी रॉब नहीं दिखाते हैं और हमेशा अच्छी तरह से सब से बात करते हैं।
हार से सीखना
एक इंटरव्यू के दौरान एमएस धोनी ने कहा था कि वह जब मैच हारते हैं तो उन्हें हारने का दुख नहीं होता, बल्कि यह खुशी होती है कि वह कुछ सीख रहे हैं और अगली बार वह उस कमी को पूरा करके दोबारा मैदान पर उतरेंगे।
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