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दिलीप कुमार के कहने पर मिली थी इस खिलाड़ी को क्रिकेट में एंट्री, फिर 1983 वर्ल्ड कप के बनें हीरो
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यशपाल शर्मा का शर्मा का जन्म 11 अगस्त 1954 में पंजाब के लुधियाना शहर में हुआ था। वह 1978 से 1985 तक एक भारतीय क्रिकेटर और साल 2003 से 2006 तक भारतीय टीम के सिलेक्टर भी रह चुके हैं।
यशपाल ने 1979 में लॉर्ड्स में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया। वहीं, 1978 में सियालकोट में पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने अपना पहला वनडे मैच खेला था। 1985 में उन्होंने अपने करियर का आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेला।
वह 1983 वर्ल्ड कप के हीरो रहे थे। उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ एक मैच में 89 रन की शानदार पारी खेली थी। इस मैच के बाद ही सभी को उम्मीद जागी थी, कि भारत पहली बार वर्ल्ड कप जीतेगा और भारत ने इतिहास रचते हुए विश्व कप अपने नाम किया।
इस क्रिकेटर की जिंदगी संवारने में दिलीप कुमार का बड़ा योगदान रहा है। यशपाल शर्मा ने कई मौके पर कहा था कि दिलीप कुमार ने ही उन्हें रणजी ट्रॉफी से बीसीसीआई और भारतीय टीम तक पहुंचाया था।
दरअसल, 1978 में यशपाल जब अपने करियर के शुरुआती दौर में पंजाब टीम की तरफ से रणजी ट्रॉफी का मैच खेल रहे थे, तो दिलीप कुमार वह मैच देखने आए थे। उनकी बैटिंग के बाद दिलीप कुमार उनसे मिलने पहुंचे और कहा कि तुम बहुत अच्छा खेलते हो। इसके बाद उन्होंने बीसीसीआई में राजसिंह डुंगरपुर से बात की और यशपाल शर्मा को भारतीय टीम में जगह मिली।
यशपाल शर्मा ने इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था कि, 'जब तक मैं जिंदा हूं एक ही एक्टर मेरे फेवरेट रहेंगे। आप लोग उन्हें दिलीप कुमार कहते हैं, मैं उन्हें यूसुफ भाई कहता हूं। क्रिकेट में मेरी जिंदगी बनाने वाला कोई शख्स है तो वह यूसुफ भाई हैं। मैं उनसे भावनात्मक रूप से जुड़ा रहूंगा।' बता दें कि इस साल जुलाई में ही दिलीप कुमार और यशपाल शर्मा का निधन हो गया।
यशपाल शर्मा ने भारत के लिए 37 टेस्ट और 42 वनडे मैच खेले हैं। जिसमें उनके नाम टेस्ट मैचों में 1606 रन और वनडे मैचों में 883 रन रन है। उनका बेस्ट स्कोर 140 रहा और उन्होंने टेस्ट करियर में कुल 2 अर्धशतक और 9 अर्धशतक भी लगाए थे।