- Home
- National News
- इन वजहों से दिल्ली में 3 नेताओं पर दांव लगा सकती है BJP? पार्टी जीती तो बनेंगे मुख्यमंत्री
इन वजहों से दिल्ली में 3 नेताओं पर दांव लगा सकती है BJP? पार्टी जीती तो बनेंगे मुख्यमंत्री
| Published : Jan 01 2020, 06:08 PM IST / Updated: Jan 02 2020, 11:17 AM IST
इन वजहों से दिल्ली में 3 नेताओं पर दांव लगा सकती है BJP? पार्टी जीती तो बनेंगे मुख्यमंत्री
Share this Photo Gallery
- FB
- TW
- Linkdin
15
आप की ओर से अरविंद केजरीवाल ही दिल्ली में मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे। जबकि कांग्रेस और बीजेपी ने पद के दावेदारों के नाम का खुलासा नहीं किया है। इस बीच सुगबुगाहट है कि जनवरी के पहले हफ्ते में बीजेपी दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद के अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर सकती है। हालांकि बीजेपी के दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रभारी और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि अभी पार्टी ने सीएम पद के उम्मीदवार को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है। फिलहाल बीजेपी की ओर से तीन नामों की जबरदस्त चर्चा है। आइए जानते हैं चुनाव में बीजेपी इन तीन को दिल्ली में किन वजहों से अपना चेहरा बना सकती है।
25
#1. मनोज तिवारी:- दिल्ली में बीजेपी की ओर से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी को सीएम पद का सबसे अहम दावेदार माना जा रहा है। रेस में उनके होने की वजह, दिल्ली में रह रहे बिहार और पूर्वांचल के लोगों का तगड़ा वोट बैंक है। मनोज तिवारी राजनीति में आने से पहले भोजपुरी के सिंगर और एक्टर रहे हैं।
35
बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों के बीच वो काफी मशहूर भी हैं। बीजेपी मनोज तिवारी की इसी खूबी का फायदा उठाना चाहती है। मनोज तिवारी फिलहाल उत्तरी दिल्ली से पार्टी के सांसद भी हैं।
45
#2. विजय गोयल:- पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल भी बीजेपी की तरफ से दिल्ली में मुख्यमंत्री का चेहरा बन सकते हैं। लंबे समय से बीजेपी के साथ रहे विजय गोयल की गिनती पार्टी के सीनियर नेताओं में है। 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में मतदान से कुछ पहले मुख्यमंत्री पद दावेदार के तौर पर गोयल का नाम भी आगे कर चुकी है। बाद में पार्टी की अंदरूनी वजहों से डॉक्टर हर्षवर्धन का नाम आगे कर दिया गया। विजय गोयल फिलहाल संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्यमंत्री और राजस्थान से राज्य सभा सांसद हैं।
55
#3. विजेंद्र गुप्ता:- श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के पूर्व छात्र और रोहिणी से तीन बार पार्षद रहें विजेंद्र गुप्ता दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व उपाध्यक्ष हैं। उन्होंने 1983 में जनता विद्यार्थी मोर्चा के सचिव के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। गुप्ता ने रोहिणी को एक मॉडल नगरपालिका इकाई के रूप में विकसित किया। 16 अप्रैल 2015 को विजेंद्र गुप्ता को दिल्ली विधानसभा में विपक्ष का नेता नियुक्त किया गया। पार्टी की स्थानीय इकाई में इनका दबदबा है। दिल्ली का होने की वजह से हो सकता है कि पार्टी विजेंद्र के नाम को मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में आगे करे। बीजेपी किसे उम्मीदवार बनाती है यह चुनाव की घोषणा होने तक साफ हो जाएगा।