MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • Fact Check News
  • शहीद जवानों के स्मारक का अपमान किया, तोड़फोड़ हुई, क्या है वायरल फोटो की सच्चाई?

शहीद जवानों के स्मारक का अपमान किया, तोड़फोड़ हुई, क्या है वायरल फोटो की सच्चाई?

नई दिल्ली. संशोधित नागरिकता बिल के खिलाफ देश भर में विरोध प्रदर्शन चल रहा है। असम, पश्चिम बंगाल, मुंबई, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में छात्र विरोध कर रहे हैं। इसी बीच असम समेत पूर्वोत्तर में यह फोटो जमकर वायरल हो रही है जिसमें एक कम उम्र मुस्लिम छात्र अमर जवान स्मारक को क्षतिग्रस्त करता नजर आ रहा है। दावा किया जा रहा है कि देश के अल्पसंख्यक भारतीय सैनिकों के प्रति नफरत भरे और असम्मानजनक हो गए हैं और अब उन्हें देश में रहने का अधिकार नहीं है। जब हमने तस्वीर को हजारों की संख्या में वायरल होते देखा और मामले की संवेदनशीलता देख इसकी जांच पड़ताल की तो सारा खेल खुल गया......

2 Min read
Asianet News Hindi
Published : Dec 16 2019, 05:53 PM IST| Updated : Dec 17 2019, 10:38 AM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
14
संध्या भोवल ने बंग्ला भाषा में फेसबुक पर पोस्ट लिखी, "क्या कोई अमर जवान के स्मारक को लात मार सकता है, वो भारत का नागरिक हो सकता है ? बताइए न!" इस फोटो को देखते ही पूर्वोत्तर सहित कई लोगों ने शेयर करना शुरू कर दिया। फेसबुक, ट्विटर पर ये फोटो सेम कैप्शन के साथ कॉपी-पेस्ट करके वायरल हो गई।
24
दरअसल पूर्वोत्तर के बाद पश्चिम बंगाल में जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहै है। हिंसक प्रदर्शन में आंदोलनकारियों ने कई ट्रेनों सहित, 25 बसों को जला दिया। इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हैं। वहीं दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। जोड़कर इस फोटो को शेयर किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि विषेश समुदाय के लोग अपने विरोध प्रदर्शन में देश के शहीद जवानों का भी अपमान कर रहे हैं इसलिए वह देश में रहने का अधिकार नहीं है। हालांकि इस दावे की पोल भी जल्द ही खुल गई।
34
अब हम आपको इस वायरल फोटो की सच्चाई बताते हैं। दरअसल ये फोटो किसी भी तरह से देशभर में चल रहे नागरिकता कानून के विरोध से जुड़ी नहीं है। ये किसी भी राज्य से नहीं है न ही किसी यूनिवर्सिटी से। हमने गूगल रिवर्स सर्च इमेज में इस फोटो को साल 2012 का पाया है। दरअसल ये फोटो साल 2012 में दक्षिण मुंबई में मुंबई के आज़ाद मैदान में भड़के दंगों की है। यहां एक युवक ने अमर जवान स्मारक पर तोड़फोड़ की थी। आरोपी शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
44
जांच-पड़ताल में हमने पाया कि 7 साल पुरानी फोटो को अब वर्तमान में पश्चिम बंगाल में चल रहे विरोध प्रदर्शन से जोड़कर भ्रामक जानकारी के साथ वायरल किया जा रहा है। वायरल पोस्ट पूरी तरह देश के अल्पसंख्यकों के खिलाफ है और देश में हो रहे विरोध प्रदर्शनों को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश के तहत शेयर की गई है।

About the Author

AN
Asianet News Hindi
एशियानेट न्यूज़ हिंदी डेस्क भारतीय पत्रकारिता का एक विश्वसनीय नाम है, जो समय पर, सटीक और प्रभावशाली खबरें प्रदान करता है। हमारी टीम क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर गहरी पकड़ के साथ हर विषय पर प्रामाणिक जानकारी देने के लिए समर्पित है।

Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved