मुर्गे के मीट से फैली है कोरोना वायरस की महामारी; खुलासे से मचा हड़कंप, जानें सच
नई दिल्ली. कोरोना वायरस ने चीन में अब तक 1,000 से ज्यादा लोगों की जान ले ली है। वहीं संक्रमित लोगों की संख्या भी लगातार बढ़ने पर है। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO) ने कोरोना वायरस संक्रमण को अंतरराष्ट्रीय जन-स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया। ये लाइलाज वायरस चीन के बाहर भी कई देशों में फैल चुका है। इस बीच कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर कई दावे सामने आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर अब खुलासा हुआ है कि ब्रायलर मुर्गियों से कोरोना वायरस फैला है। आइए जानते हैं कि इस दावे में कितनी सच्चाई है?
| Published : Feb 13 2020, 02:02 PM IST / Updated: Feb 13 2020, 02:06 PM IST
मुर्गे के मीट से फैली है कोरोना वायरस की महामारी; खुलासे से मचा हड़कंप, जानें सच
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एक वायरल व्हाट्सएप्प फॉरवर्ड में दावा किया कि ब्रायलर मुर्गियों में घातक कोरोनावायरस पाया गया है। कोरोनावायरस को लेकर सारी दुनिया में अब इस दावे से हड़कंप मच गया है। नॉनवेज खाने वाले लोग इस खुलासे को लेकर सकते में आ गए हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस पोस्ट के साथ लोगों को मुर्गे का मांस न खाने की सलाह दी जा रही है। चिकन खाने से कोरोना वायरस फैलने की चेतावनी दी जा रही हैं।
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वायरल पोस्ट में कहा जा रहा है कि, "ब्रायलर मुर्गियों में वायरस पाया गया है। तमाम लोगों से अपील की जाती है कि ब्रायलर गोशत का इस्तेमाल ना करें...मुस्लिम कम्यूनिटी मुंबई, खार दुआ की अपील।"
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ब्रायलर मुर्गियां को उपयोग विशेष रूप से मांस उत्पादन के लिए होता है। दुनिया भर में मुर्गे का मांस खाया जाता है। ऐसे में मांसाहारी लोग इस मैसेज को लेकर सकते में आ गए। वायरल हो रही इस पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि, ब्रायलर मुर्गियों में कोरोना वायरस पाया गया है ऐसे में चिकन खाने वाले सावधान हो जाएं और कुछ समय के लिए मुर्गे का मांस छोड़ दें। मैसेज को आगे शेयर करने की भी बात कही गई।
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सोशल मीडिया पर भी यह पोस्ट इसी दावे के साथ वायरल है। पोस्ट में मांस और बीमार मुर्गियों की तस्वीरें भी दिखाई गई हैं। अब सवाल उठता है कि, क्या वाकई ब्रायलर मुर्गियों में कोरोना वायरस पाया गया है? तो इस दावे की सत्यता जानने के लिए इस दावे की फैक्ट चेकिंग की। अभी तक वैज्ञानिक 2019 कोरोनावायरस के स्रोत (उपज) की पहचान नहीं कर पाएं है। हालांकि शुरुआती रिपोर्ट्स में बताया गया कि, कोरोना चीन के वुहान में हुनान सीफूड मार्केट से उत्पन्न हुआ। ऐसे में भारत में कोरोना वायरस को मुर्गी के मांस से जोड़कर फैलाया जा रहा है। चीन में कोरोना वायरस को लेकर रिसर्च जारी है। एक रिपोर्ट में कहा गया कि, लैंसेट की रिपोर्ट के अनुसार चमगादड़ के सूप, सांप के मांस और सी फूड से कोरोना वायरस के फैलने की बात गई। ऐसे में ये एक अफ़वाह है। ब्रॉयलर चिकन नए कोरोनावायरस का एक स्रोत नहीं है।
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वहीं कोरोना वायरस के लक्षण चीन में रहे लोगों और चीन से लौटे लोगों में ही पाए गए हैं। भारत में रह रहे लोगों में कोरोना नहीं पाया गया है। यह वायरस चीन के अलावा किसी भी अन्य स्थान पर उत्पन्न नहीं हुआ है।" वहीं पोस्ट में वायरल हो रही ये फोटोज पुरानी हैं और कोरोनावायरस से जुड़ी नहीं हैं। सोशल मीडिया पर कोरोनावायरस से संबंधित कई ग़लत जानकारी फैलाई जा रही हैं। इससे पहले लहसुन को पानी में उबालकर पीने से कोरोना के इलाज की बात कही गई। और तो और भांग को कोरोना के इलाज में रामबाण भी बताया गया। ये सभी दावे फर्जी निकले।