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Fact Check: गंगा में बहा दी गईं कोरोना मरीजों की लाश? फेसबुक पर वायरल हुईं तस्वीरें, जानें पूरा सच
फैक्ट चेक डेस्क. Covid Patients Dead Body dumped in Ganga Fact Check: बीते दो दिन से सोशल मीडिया पर नदी में शव बहाते कुछ लोगों की तस्वीरें वायरल हो रही है। इस तस्वीर में गंगा नदी में नाव के अंदर से एक मृत शव को पानी में फेंकते दिख रहे हैं। तस्वीरें फेसबुक, ट्विटर पर छाई हुई हैं। लोगों का दावा है कि कोरोना मरीजों के शव अब गंगा में बहा दिए जा रहे हैं। इन तस्वीरों को लेकर लोग सवाल उठा रहे हैं।
फैक्ट चेकिंग में आइए जानते हैं कि आखिर सच क्या है?
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बीते दो दिनों में इन वायरल तस्वीरों ने सोशल मीडिया पर काफी बवाल मचा दिया है। पर इनकी सच्चाई भी सामने आ गई है।
वायरल पोस्ट क्या है?
एक फोटो। जिसमें नाव में बैठे कुछ लोग लाश को नदी में बहाते दिख रहे हैं। इस फोटो के आधार पर दावा किया जा रहा है कि बिहार में कोविड-19 संक्रमित मरीजों की लाशें गंगा में बहाई जा रही हैं। बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा ने भी फोटो को इसी दावे के साथ ट्वीट किया है।
क्या दावा किया जा रहा है?
ट्विटर फेसबुक पर दावा है कि पटना में कोरोना मरीजों के शव गंगा नदी में बहाए जा रहे हैं।
फैक्ट चेक पड़ताल
सबसे पहले हमने फोटो को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया। लेकिन. ऐसी कोई खबर हमें नहीं मिली। जिससे स्पष्ट होता हो कि फोटो कब और कहां की है। चूंकि दावा बिहार से जुड़ा हुआ था। इसलिए हमने हाल ही में बिहार की ऐसी घटना से जुड़ी खबर तलाशनी शुरू की। जिसमें गंगा नदी में लाश बहाई गई हो। इस दौरान हमें हिंदुस्तान टाइम्स के ई-पेपर पर पटना संस्करण में 8 जुलाई यानी दो दिन पहले प्रकाशित की गई एक फोटो मिली। जिसे फोटोग्राफर परवाज खान ने लिया है। ये वही फोटो है, जो वायरल हो रही है।
फोटो के कैप्शन का हिंदी अनुवाद है - पटना मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों ने मंगलवार को गंगा में काली घाट के पास लावारिस शव को बहा दिया। यहां गौर करने वाली बात ये है कि असल में मामला एक लाश से जुड़ा है। जबकि सोशल मीडिया पर दावा है कि कोविड19 मरीजों की कई लाशें गंगा में बहाई गईं। इस तरह दावा यहीं से भ्रामक साबित हो गया।
स्पष्ट है कि गंगा में लाश बहाने वाली घटना की फोटो बिहार की है। और हाल ही की है। लेकिन, ये कोविड-19 मरीज की है या नहीं। इसकी पुष्टि हिंदुस्तान टाइम्स मे दी गई जानकारी से नहीं हो पाई।
फैक्ट चेक में हमने पाया, लाश पटना मेडिकल कॉलेज द्वारा बहाई गई है। इसलिए ये सवाल ही नहीं उठता कि ये कोविड-19 के मरीज की लाश है। क्योंकि पटना मेडिकल कॉलेज कोविड-19 के इलाज के लिए अधिकृत ही नहीं है। यदि वहां कोई मरीज कोविड संक्रमित पाया भी जाता है। तो उसे नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल ( NMCH) या फिर एम्स रेफर किया जाता है।
ये निकला नतीजा
पटना में कोविड-19 संक्रमितों की मौतों से जुड़ी अलग-अलग खबरें पढ़ने पर भी यही पुष्टि होती है, कि जो भी मौतें हुई हैं वो एम्स या एनएमसीएच में ही हुई हैं। जिस पटना मेडिकल कॉलेज द्वारा बहाई गई लाश को कोविड-19 संक्रमित का बताया जा रहा है, वहां कोरोना का इलाज ही नहीं होता। ऐसे में फेसबुक पर तस्वीरों के साथ गंगा में कोविड-19 मरीजों की लाश बहाने वाला दावा भ्रामक है।