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'डॉक्टर ने कोरोना मरीज को जबरन गला घोंटकर मार डाला'... जान लीजिए इस खौफनाक वायरल वीडियो का सच
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भारत में लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। कोरोना मरीजों की संख्या एक लाख से पार चली गई है। वहीं देश में धीरे-धीरे लॉकडाउन में ढील दी जा रही है। इस बीच लोग सोशल मीडिया पर कोरोना से जुड़े वीडियो और तस्वीरें साझा कर रहे हैं। इस बीच ये वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है।
वायरल पोस्ट क्या है?
फ़ेसबुक पर डॉक्टर शिवपूजन माथुर नाम के यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन लिखा है, “लोगो को मारा गया जिससे कोरोना मरीज़ के आंकड़े बड़े ताकि हॉस्पिटल को भी पैसा मिले।” इस पोस्ट को लगभग 800 बार शेयर किया जा चुका है।
क्या दावा किया जा रहा है?
एम पटेल पाटीदार ने वीडियो शेयर कर दावा किया कि कोरोना मरीज के आंकड़े बढ़ाने के लिए मरीजों को मारा जा रहा है। बिलाल सरकार के अकाउंट से यह वीडियो 18,000 से ज़्यादा बार शेयर हुआ है, हालांकि इस यूज़र ने अलग मेसेज के साथ इसे शेयर किया है, “पता नहीं ये वीडियो कहाँ का है? लेकिन कोरोना कि आड़ में बहुत बड़ी साजिश हो रही है!”
फ़ैक्ट-चेक
हमने गूगल, ट्विटर पर हिंदी और अंग्रेजी के कई कीवर्ड्स के साथ वीडियो सर्च किया। कुछ और सर्च करने पर हम dhakatimes24.com में 22 अप्रैल को छपी ख़बर पर पहुंचे. इस ख़बर के मुताबिक बोलमारी पुलिस ऑफ़िसर इंचार्ज अमीनुर रहमान ने बताया कि दादपुर गांव के अबू बकर के बेटे फ़ज़ल और किबरिया मुल्ला के बेटे सुलेमान मुल्ला में झगड़ा हो गया। इसके बाद रात में फ़ज़ल खान के लोगों ने चेलामन मुल्ला के लोगों पर हमला कर दिया। इस झगड़े को शांत कराने के चक्कर में पड़ोसी मंसूर मुल्ला के सिर में चोट लग गई और मौत हो गई थी। इसी घटना से जोड़कर ये कोरोना मरीज के दावे वाले वीडियो काफी वायरल किया गया था। मसूर मुल्ला के नाम ये वीडियो बांग्लादेश में पहले काफी शेयर किया जा चुका है।
बांग्लादेशी एक शख्स ने इस वीडियो को गलत दावे के साथ वायरल करने का स्पष्टीकरण देकर पोस्ट लिखी थीं। फ़ेसबुक पर ‘ভিডিও মনসুর মোল্লা’ (वीडियो मंसूर मुल्ला) सर्च करने पर हमें हसन मोइला का एक फ़ेसबुक पोस्ट मिला। हसन ढाका, बांग्लादेश में रहते हैं। उन्होंने 18 मई को लिखा कि मंसूर मुल्ला की घटना के साथ यह ग़लत वीडियो शेयर किया जा रहा है। उन्होंने मुल्ला की चोटों की तस्वीरें शेयर कीं और लिखा कि वीडियो में दिख रहे शख्स की ऐसी चोटें नहीं हैं।
सच क्या है?
इस वीडियो को पहले ही अलग सन्दर्भ में शेयर किया जा चुका है। कोई ये कह रहा था कि बेटे ने अपने पिता का गला दबाकर हत्या कर दी तो कोई पिता को दवाई खिलाते बेटे की वीडियो बता रहा था। बांग्लादेश में ये वीडियो बेटे द्वारा बीमार पिता का गला दबाने की घटना बताकर वायरल है। वहीं बांग्लादेश के ही एक यूट्यूबर के मुताबिक बेटा अपने बीमार पिता को ज़बरदस्ती दवा खिलाने की कोशिश कर रहा है। वीडियो को ध्यान से देखा जाए तो दिखता भी है कि इस वीडियो में गला नहीं दबाया जा रहा है। गला दबाने के लिए हाथों को गले तक पहुंचना चाहिए जबकि इस वीडियो में हाथ सिर्फ़ बुज़ुर्ग व्यक्ति के मुंह तक जा रहे हैं। इससे ज़बरदस्ती दवा खिलाने की बात सच साबित होती दिखती है। मगर एक बात जो हर दावे में कॉमन है वो ये है कि ये वीडियो बांग्लादेश का है। इस वीडियो का भारत और कोरोना मरीजों को मारने वाले दावे से कोई संबंध नहीं दिखता।
ये निकला नतीजा
एक बांग्लादेशी पुराने वीडियो को भारत में सोशल मीडिया पर गलत और फर्जी दावों के साथ शेयर किया जा रहा है। देश में कही भी मीडिया में मरीजों को मारने की खबरें सामने नहीं आई हैं।