- Home
- Fact Check News
- FACT CHECK: पेटीएम, फोन पे डिजिटल पेमेंट पर सरकार लगाएगी अलग से चार्ज? यहां जानें पूरा सच
FACT CHECK: पेटीएम, फोन पे डिजिटल पेमेंट पर सरकार लगाएगी अलग से चार्ज? यहां जानें पूरा सच
- FB
- TW
- Linkdin
डिजिटल पेमेंट के लिए गूगल पे, फोन पे और पेटीएम समेत तमाम एप्स लोकप्रिय हैं। ये सभी एप्स एक बैंक अकाउंट से दूसरे बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने के लिए यूपीआई का इस्तेमाल करते हैं, जिसका नाम है ‘यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस’। यूपीआई को चलाने वाली संस्था का नाम ‘नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया’ (NPCI) है। ये तरीका लोगों को कितना पसंद है, इसका अंदाज आप इस बात से लगा लीजिए कि भारत में अब हर महीने तकरीबन 200 करोड़ यूपीआई लेन-देन हो रहे हैं। अब इस पर एक्सट्रा चार्ज लगाने की खबरें वायरल हो रही हैं।
वायरल पोस्ट क्या है?
आज सवेरा टाइम्स नामक वेबासइट ने नए साल में यूपीआई महंगा होने की खबर चलाई। फेसबुक पर ये जमकर वायरल हुआ। इसके अलावा अमर उजाला और जी न्यूज जैसी कई न्यूज वेबसाइट्स ने भी नए साल में यूपीआई महंगा होने की खबर चलाई। ट्विटर पर भी कई लोग ये दावा कर रहे हैं।
फैक्ट चेक
इस दावे का सच जानने हमने गूगल पर सर्च किया तो ऐसी कोई पुख्ता खबर नहीं मिली। बल्कि जब हमने नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) का ट्विटर हैंडल चेक किया तो वहां इसको लेकर एक ट्वीट मिला। NPCI ने इस खबर का खंडन करते हुए लिखा कि, अगले साल से यूपीआई पेमेंट में चार्ज लगने की बात बेबुनियाद है। संस्था ने ट्वीट के जरिए एक्स्ट्रा चार्ज लगने की खबर को कोरी अफवाह बताया है।
सरकार के सूचना विभाग पीआईबी ने भी नए साल से यूपीआई लेन-देन के महंगे होने की बात को गलत ठहराया है।
एक ट्विटर यूजर ने यूपीआई संबंधी एप ‘गूगल पे’ से सवाल किया कि क्या वह 1 जनवरी 2021 से पैसों के लेनदेन के एवज में चार्ज वसूलने की तैयारी में है? ‘गूगल पे’ के आधिकारिक हैंडल से इसका जवाब दिया गया, “पैसों के लेन-देन पर शुल्क वसूलने की योजना यूएस से संबंधित है। भारत में चल रहे ‘गूगल पे’ या ‘गूगल पे फॉर बिजनेस’ एप्स से इसका कोई लेना-देना नहीं है।”
पड़ताल में ये साबित हो गया है कि डिजिटल पेमेंट को लेकर नागरिकों को अलग से कई चार्ज नहीं देना होगा।