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कैपिटल हिल हिंसा में हिन्दूवादी ने लहराया भगवा झंडा? FACT CHECK में जानें हिंदुओ को बदनाम करने की साजिश का सच
फैक्ट चेक डेस्क. हाल में अमेरिका में ट्रंप समर्थकों ने 7 जनवरी 2021 को कैपिटल हिल में हिंसा की। जमकर तोड़-फोड़ की तस्वीरें सामने आई है। मामला ये है कि, अमेरिकी संसद में राष्ट्रपति चुनाव के वोटों की गिनती जारी थी और नतीजों में जो बायडेन को बहुमत मिल रहा था, तब डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने वाशिंगटन डीसी स्थित कैपिटल हिल में उपद्रव मचाया। इस हिंसा कई लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में इस घटना से जुड़ी कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर तैर रही हैं, साथ में एक भगवा झंडा फहराते युवक की भी चर्चा है। दरअसल तस्वीरों को लेकर कुछ लोगों का दावा है कि अमेरिका कैपिटल हिंसा में हिंदू धर्म/बीजेपी समर्थक भी शामिल थे। हिंसा में तिरंगा और भगवा फहरकार उन्होंने देश को शर्मिंदा किया है। फैक्ट चेकिंग में आइए जानते हैं कि आखिर सच क्या है?
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प्रधानमंत्री मोदी समेत दुनिया भर के तमाम नेताओं ने अमेरिका में हुई कैपिटल हिल हिंसा घटना की निंदा की थी। बहरहाल सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स का दावा है कि अमेरिकी हिंसा में भगवा झंडा फहराते हिंदूवादी समर्थक भी शामिल थे। लोग इन तस्वीरों पर आपत्ति जता रहे हैं। गुस्सा फूट रहा है कि भारतीय ट्रंप समर्थक इस हिंसा में शामिल हुए जो कि शर्मनाक है! ट्विटर पर फेक न्यूज़ फैला गई कि अनेक “हिन्दूवादी” कैपिटल हिल में हुई हिंसात्मक रैली के दौरान वहीं मौजूद थे।
वायरल पोस्ट क्या है?
अमेरिका में प्रोफेसर अशोक स्वेन ने ट्विटर पर लिखा, “क्या हिन्दूवादियों को वाकई ऐसा लगता है कि श्वेत वर्चस्ववादी उन्हें स्वीकार करेंगे?” ऐसा ट्वीट करते हुए उन्होंने एक व्यक्ति की तस्वीर साझा की जो कैपिटल हिल में भगवा झंडा लेकर खड़ा था।
इसी तरह सागारिका घोष ने ‘Hindutva Watch’ का ट्वीट साझा किया। ये तस्वीर हिंदू भक्त, मोदी भक्त और हिंदू उग्रवादी के दावों के साथ शेयर की जा रही है। आइए जानते हैं कि तस्वीर की सच्चाई क्या है?
फैक्ट चेक
कैपिटल हिल वाली तिरंगा तस्वीर का सच
वायरल तस्वीरों की बात करें तो इसमें मौजूद शख्स विन्सेंट ज़ेवियर (Vincent Xavier) है। जो मूल रूप से केरल का रहने वाला है। वह शशि थरूर का फैन मालूम पड़ता है। अपने हर ट्वीट में वो थरूर को टैग करता है। विवादों में आई असल तस्वीर में विन्सेंट कैपिटल हिल के सामने भगवा झंडा लेकर खड़ा था। Via Getty नाम के ट्विटर अकाउंट पर विन्सेंट को ट्रंप समर्थक बताकर ये तस्वीरें साझा की गईं। हम ये दावा नहीं कर सकते कि विन्सेंट कैपिटल हिल में हुई हिंसा में किसी भी तरह शामिल हुआ था।
हमें विन्सेंट के ट्विटर पर अकाउंट थरूर से जुड़े कई ट्वीट मिले साथ ही फेसबुक पर थरूर के साथ उनकी एक फोटो भी मिली जिसमें वो लंच कर रहे हैं।
दूसरी भगवा तस्वीर का सच
कैपिटल हिंसा से जोड़कर भारत में एक और तस्वीर वायरल है। इसमें व्यक्ति जिसके एक हाथ में भगवा झंडा है और दूसरे हाथ में अमेरिकी झंडा लेकर खड़ा है। इसे ‘कट्टरपंथी हिन्दूवादी’ के रूप में प्रचारित जा रहा है। दावा है कि कैपिटल हिल में हुई हिंसा का जश्न मना रहा है। लेकिन यह दावा भी झूठा निकला।
वाशिंगटन डीसी में भगवा झंडा लिए हुए इस व्यक्ति की तस्वीर 5 अगस्त 2020 की है, यानी अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि के भूमि पूजन के ठीक बाद की तस्वीर। इकोनॉमिक टाइम्स ने भी ख़बर प्रकाशित की थी जिसमें उन्होंने इस बात का ज़िक्र किया था कि किस तरह दुनिया भर के हिन्दुओं ने इस ऐतिहासिक इवेंट का जश्न मनाया।
जिस तस्वीर पर सबसे ज़्यादा सवाल खड़े किए गए थे जिसमें एक व्यक्ति के एक हाथ में भगवा झंडा है और दूसरे हाथ में अमेरिकी झंडा, पीटीआई की वह तस्वीर 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में हुए भूमि पूजन के बाद कैपिटल हिल के सामने मनाए गए जश्न की थी।
ये निकला नतीजा
जाँच-पड़ताल में ये साफ हो गया है कि अमेरिका में कैपिटल हिल पर हुई हिंसा में भगवा झंडे की वायरल की गई तस्वीर काफी पुरानी हैं। वह अयोध्या भूमि पूजन के समय सेलेब्रेशन की है। वहीं भारतीय तिंरगे की तस्वीर अमेरिका में रहने वाले विन्सेंट ज़ेवियर की है जो वहां ट्रंप को सपोर्ट करने पहुंचे थे। कुछ यूजर्स ने अमेरिकी हिंसा के साथ ये तस्वीरें वायरल कर भारतीय मूल के नागरिकों के बारे में झूठा प्रचार करने की कोशिश की।