- Home
- Fact Check News
- 'अगले कई साल न करें शादी-पार्टी और विदेश यात्रा' कोरोना के बढ़ते केस देख अस्पताल की चेतावनी?
'अगले कई साल न करें शादी-पार्टी और विदेश यात्रा' कोरोना के बढ़ते केस देख अस्पताल की चेतावनी?
नई दिल्ली. भारत में कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं। इस समय देश में कोरोना के मामले 76 हजार से ऊपर चले गए हैं। ऐसे में सोशल मीडिया पर लोग सोशल डिस्टन्सिंग को लेकर एक नोटिस शेयर कर रहे हैं। कोविड-19 से बचाव हेतु एक एडवाइजरी प्रतिबंधक उपायों जैसे सफ़र ना करना, सोशल डिस्टन्सिंग का पालन करना की लिस्ट इंडीयन काउन्सिल ऑफ मेडिकल रीसर्च (आई.सी.एम.आर) और दिल्ली के सर गंगा राम हॉस्पिटल से के नाम से वायरल हो रही है। आई.सी.एम.आर कोविड-19 के लिए हो रही रीसर्च का भारत में सर्वोच्च स्थान है और सर गंगा राम हॉस्पिटल, दिल्ली में कोविड-19 के इलाज के लिए काम कर रहा है।
लोग ये नोटिस पढ़कर डर गए और इसे व्हाट्सएप पर शेयर कर रहे हैं। इस वायरल नोटिस कई तरह की सावधानियां रखने को लोगों को सलाह दी गई है साथ ही बेल्ट और हाथघड़ी से भी कोरोना फैलने का दावा किया गया है।
क्या वाकई आई.सी.एम.आर और गंगा राम हॉस्पिटल ने ये नोटिस जारी किए हैं। फैक्ट चेकिंग में हमने इन दोनों नोटिस की सच्चाई जानने की कोशिश की है-
- FB
- TW
- Linkdin
पीएम मोदी ने देश को 12 मई को एक बार फिर संबोधित किया था। उन्होंने लॉकडाउन के चौथे स्टेज की घोषणा की और इसमें कुछ रियायत देने की भी बात कही। साथ ही लोगों से कहा कि हमें सभी नियमों का पालन करते हुए कोरोना के साथ ही जीना होगा। इसके बाद से सोशल मीडिया पर अस्पतालों के नाम ये नोटिस वायरल होने लगा।
वायरल पोस्ट क्या है?
आई.सी.एम.आर और गंगा राम हॉस्पिटल के नाम दो नोटिस वायरल हो रहे हैं। इनमें कुछ सावधानी और सलाह लिखी हुई हैं। इस लिस्ट में कई प्रतिबंधक उपाय लिखे गए हैं जैसे दो साल तक सफ़र ना करना, बचे हुए साल में बाहर का खाना ना खाना, बड़े सामाजिक समारोह में ना जाना और चेहरे पर मास्क पहनना। किंतु इनमें से कई बातें ऐसी भी हैं जिसको सुन लोग हैरान हैं जैसे- सिर्फ़ शाकाहारी भोजन करें, घड़ी और बेल्ट ना पहने, रुमाल का उपयोग ना करें और केवल टिशू और सैनिटाइज़र का उपयोग करें। अन्य दावों में सोशल डिस्टन्सिंग का पालन करने के नियम मेडिकल प्रोफ़ेशनल्स द्वारा दिए गए हैं जो व्यवहार में बदलाव ला सकते हैं।
क्या दावा किया जा रहा है?
दावा किया जा रहा है कि, देश के बड़े रिसर्च सेंटर और अस्पताल ने कोरोना के बढ़ते केस देखकर लोगों को सलाह दी हैं। इसके तहत कुछ सावधानियां बरतने को कहा है। इसमें दो साल तक विदेश यात्रा न करने, शादी समारोह आयोजित न करने और किसी बड़े पार्टी फंक्शन में जाने के साथ एक साल तक कहीं बाहर का खाना न खाने की भी बातें लिखी हैं। ये नोटिस लोग धड़ल्ले से शेयर कर रहे हैं और डरे हुए हैं।
सच क्या है?
दरअसल ये नोटिस व्हाट्सएप पर काफी वायरल है लेकिन ऐसा कोई नोटिस या एडवाइजरी आई.सी.एम.आर और सर गंगा राम हॉस्पिटल ने जारी नहीं किया है। खुद इन दोनों संस्थानों के प्रवक्ताओं ने मीडिया से बात करते हुए इसका खंडन किया है। आई.सी.एम.आर के प्रवक्ता डॉक्टर लोकेश शर्मा ने कहा "आई.सी.एम.आर की सभी घोषणाएं एवं आधिकारिक सूचनाएं वेबसाइट पर पोस्ट की जाती हैं। आई.सी.एम.आर ने ऐसी कोई प्रतिबंधक उपायों की लिस्ट नहीं बनायी है।"
सर गंगा राम हॉस्पिटल के मीडिया रिलेशंस ऑफ़िसर अजोय सहगल ने भी बताया कि हॉस्पिटल ने ऐसे कोई दावे नहीं किए हैं, यह मैसेज फ़र्ज़ी है। पहले भी ऐसा एक मेसेज कुछ डॉक्टर्स के नाम के साथ वायरल हुआ था जिस पर लोगों ने भरोसा कर लिया था बाद में हमने उसके गलत होने की पुष्टि की। इस मैसेज में काफ़ी स्पेलिंग एवं व्याकरण की ग़लतियां भी हैं जिससे मालूम पड़ता है कि ये फेक है।
इस मैसेज में बकवास दावे भी हैं जो किसी भी तरह सच नहीं हैं, जैसे- शाकाहारी खाना खाने का, घड़ी एवं बेल्ट ना पहनने का और रुमाल का उपयोग ना करने के दावें विज्ञान पर आधारित नहीं है।
ये निकला नतीजा
ऐसी कोई एडवाइजरी आई.सी.एम.आर और सर गंगा राम हॉस्पिटल ने जारी नहीं की है। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसके अनुसार किसी भी शाकाहारी भोजन करने वाले व्यक्ति को कोविड -19 नहीं हुआ है और शाकाहारी खाना खाने वाला कोविड़-19 से बचा रहेगा।
ऐसी कोई भी खोज नहीं हुई है जो कहती हो की कलाई की घड़ी और बेल्ट से कोविड़ - 19 हो सकता है। इसीलिए यह दावा की इनको नहीं पहनना चाहिए, वैज्ञानिक नहीं है। इसके साथ यह दावा की रुमाल का उपयोग नहीं करना चाहिए भी वैज्ञानिक नहीं है। दुनियाभर में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सर्जिकल मास्क्स की कमी के चलते रुमाल एवं नाक और मुंह ढकने के लिए कपड़े के मास्क के उपयोग को सही बताया है।