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लॉकडाउन में घर से बाहर निकलने वालों से सफाई करवा रही है पुलिस, जानें आखिर कहां निकला ये फरमान?
बांद्रा. कोरोना के कहर के कारण देशभर में लोग भयभीत हैं और घरों में कैद हैं। लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है और 3 मई तक रहेगा। देश में लागू लॉकडाउन को लागू कराने में पुलिस ने कई जगह काफी सख्ती बरती। कहीं लाठीचार्ज की तो कहीं पर लोगों को मुर्गा बनाया। पुलिस ने लॉकडाउन फॉलो करवाने के लिए लोगों को जेल में डालने तक की धमकी दी हैं। इसके बावजूद लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं। ऐसे में सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रही है, जिसमें कुछ लोग एक झील की सफाई करते दिख रहे हैं।फोटो के साथ कहा जा रहा है कि पुलिस ने लॉकडाउन तोड़ने वालों से झील की सफाई करवाई। फैक्ट चेकिंग में आइए जानते हैं कि आखिर सच क्या है?
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सोशल मीडिया पर लॉकडाउन तोड़ने की ये तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। लोग बाहर न निकलने की अपील के साथ इसे शेयर कर रहे हैं वहीं कुछ लोगों ने पुलिस के इस कदम को पर्यावरण संरक्षण के हित में बताया।
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वायरल पोस्ट क्या है?
कई फेसबुक पेज पर इस तस्वीर को पोस्ट किया है। तस्वीर के ऊपर और नीचे अंग्रेजी में कुछ लाइनें लिखी हैं, जिसका हिंदी अनुवाद होगा, "कर्नाटक पुलिस लॉकडाउन तोड़ने वालों से दंड के रूप में सार्वजनिक स्थलों की सफाई करवा रही है। यह तरीका काम कर रहा है। यह कदम समाज और उसके लोगों के लिए बहुत उपयोगी है। इससे समाज को और अधिक स्वच्छ बनाया जा सकता है।”
कई फेसबुक पेज पर इस तस्वीर को पोस्ट किया है। तस्वीर के ऊपर और नीचे अंग्रेजी में कुछ लाइनें लिखी हैं, जिसका हिंदी अनुवाद होगा, "कर्नाटक पुलिस लॉकडाउन तोड़ने वालों से दंड के रूप में सार्वजनिक स्थलों की सफाई करवा रही है। यह तरीका काम कर रहा है। यह कदम समाज और उसके लोगों के लिए बहुत उपयोगी है। इससे समाज को और अधिक स्वच्छ बनाया जा सकता है।”
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क्या दावा किया जा रहा है?
वायरल पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि कर्नाटक में लॉकडाउन तोड़ने वालों से पुलिस सार्वजनिक स्थलों की सफाई करवा रही है। कई सोशल मीडिया यूजर्स इसकी सराहना करते हुए कह रहे हैं कि इससे सार्वजनिक स्थल साफ हो जाएंगे। पोस्ट 2300 से ज्यादा बार शेयर की जा चुकी है। वहीं अधिकतर लोग इस पर मजाक उड़ाते दिखे।
वायरल पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि कर्नाटक में लॉकडाउन तोड़ने वालों से पुलिस सार्वजनिक स्थलों की सफाई करवा रही है। कई सोशल मीडिया यूजर्स इसकी सराहना करते हुए कह रहे हैं कि इससे सार्वजनिक स्थल साफ हो जाएंगे। पोस्ट 2300 से ज्यादा बार शेयर की जा चुकी है। वहीं अधिकतर लोग इस पर मजाक उड़ाते दिखे।
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सच क्या है?
वायरल हो रही पोस्ट भ्रामक है। हालांकि, कर्नाटक पुलिस वास्तव में लॉकडाउन तोड़ने वालों से दंडित करने के लिए सार्वजनिक स्थलों की सफाई करवा रही है, लेकिन वायरल पोस्ट में जो तस्वीर इस्तेमाल की जा रही है वह तीन साल पुरानी है। इस तस्वीर का लॉकडाउन से कोई संबंध नहीं है। हालांकि, यह सच है कि कर्नाटक पुलिस लॉकडाउन तोड़ने वालों को सजा देने के लिए उनसे सार्वजनिक स्थलों की सफाई करवा रही है।
वायरल हो रही पोस्ट भ्रामक है। हालांकि, कर्नाटक पुलिस वास्तव में लॉकडाउन तोड़ने वालों से दंडित करने के लिए सार्वजनिक स्थलों की सफाई करवा रही है, लेकिन वायरल पोस्ट में जो तस्वीर इस्तेमाल की जा रही है वह तीन साल पुरानी है। इस तस्वीर का लॉकडाउन से कोई संबंध नहीं है। हालांकि, यह सच है कि कर्नाटक पुलिस लॉकडाउन तोड़ने वालों को सजा देने के लिए उनसे सार्वजनिक स्थलों की सफाई करवा रही है।
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मांड्या जिले की पुलिस ने सड़कों पर घूम रहे लोगों को दंडित करने का एक अनोखा तरीका खोजा है- उन्हें सार्वजनिक स्थलों की सफाई के लिए लगा दिया गया था। कलबुर्गी में ऐसी ही एक घटना पिछले महीने हुई थी, जिसके बारे में "बैंगलोर मिरर" ने खबर छापी थी।
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वायरल पोस्ट के साथ शेयर की गई तस्वीर का सच-
गूगल रिवर्स सर्च की मदद से हमने पाया कि यह तस्वीर “Bangalore Mirror” के एक लेख में 3 जुलाई, 2017 में इस्तेमाल हुई है। रिपोर्ट में बताया गया कि, फोटो में दिख रहे लोग तकनीकी विशेषज्ञ थे, जो स्वेच्छा से बेंगलुरु में हुलीमावु झील की सफाई कर रहे थे। इन स्वयंसेवकों ने 125 एकड़ की झील से खरपतवार और कचरा बाहर निकाल कर पानी को साफ कर दिया। इस तस्वीर को वायरल पोस्ट के साथ इस्तेमाल किया गया है।
गूगल रिवर्स सर्च की मदद से हमने पाया कि यह तस्वीर “Bangalore Mirror” के एक लेख में 3 जुलाई, 2017 में इस्तेमाल हुई है। रिपोर्ट में बताया गया कि, फोटो में दिख रहे लोग तकनीकी विशेषज्ञ थे, जो स्वेच्छा से बेंगलुरु में हुलीमावु झील की सफाई कर रहे थे। इन स्वयंसेवकों ने 125 एकड़ की झील से खरपतवार और कचरा बाहर निकाल कर पानी को साफ कर दिया। इस तस्वीर को वायरल पोस्ट के साथ इस्तेमाल किया गया है।
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ये निकला नतीजा
वायरल पोस्ट में किया गया दावा भले सच है कि पुलिस ने लॉकडाउन में बाहर निकलने वालों से सफाई करने की सजा दी है। पर पोस्ट के साथ शेयर की गई जिस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है, वह पुरानी है। जिससे ये साबित होता है कि पोस्ट भ्रामक है।
वायरल पोस्ट में किया गया दावा भले सच है कि पुलिस ने लॉकडाउन में बाहर निकलने वालों से सफाई करने की सजा दी है। पर पोस्ट के साथ शेयर की गई जिस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है, वह पुरानी है। जिससे ये साबित होता है कि पोस्ट भ्रामक है।
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