Fact Check: क्या काशी महाकाल ट्रेन में भगवान शिव के लिए हमेशा रिजर्व रहेगी सीट?
वाराणसी. वाराणसी से इंदौर के बीच चलने वाली काशी-महाकाल एक्सप्रेस ट्रेन काफी चर्चा में रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी में ट्रेन का उद्घाटन किया था। ये ट्रेन अपनी खास सुविधाओं के अलावा एक सीट भगवान के लिए रिजर्व होने के कारण ज्यादा सुर्खियों में रही। इस ट्रेन में शाकाहारी भोजन की व्यवस्था है, इसके अलावा यह पहली ऐसी ट्रेन होगी जिसमें यात्री भक्ति गीत सुन पाएंगे। वहीं ट्रेन के उद्घाटन के समय एक कोच में सीट पर भोलेनाथ का मंदिर सजाया गया। इसके बाद सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि, ट्रेन में ये सीट भगवान के हमेशा रिजर्व रहेगी। अब हम इस दावे से जुड़ी सच्चाई की पड़ताल कर रहे हैं।
| Published : Feb 22 2020, 12:18 PM IST / Updated: Feb 22 2020, 12:26 PM IST
Fact Check: क्या काशी महाकाल ट्रेन में भगवान शिव के लिए हमेशा रिजर्व रहेगी सीट?
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सोशल मीडिया पर इस ट्रेन को लेकर जो सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है वह है ट्रेन में भगवान शिव के लिए एक सीट का स्थायी तौर पर रिज़र्व होना। खबरों के मुताबिक, ट्रेन के बी5 कोच में 64 नंबर बर्थ को शिवजी का मंदिर बना दिया गया है।
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दरअसल न्यूज एजेंसी ANI ने इस ट्रेन में छोटे मंदिर की तरह दिख रहे साइड-अपर बर्थ के फोटो ट्वीट किए। इस बर्थ के आगे रेलवे स्टाफ पूजा कर रहे हैं। तस्वीरों के साथ लिखा गया, ‘वाराणसी: काशी महाकाल एक्सप्रेस (वाराणसी-इंदौर) के बी5 कोच में सीट नंबर 64 को भगवान शिव के छोटे मंदिर में बदल दिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कल ट्रेन का उद्घाटन किया।’इसके बाद सोशल मीडिया पर इस ट्रेन में सीट पर सजे मंदिर को लेकर काफी चर्चा हुई। लोगों ने दावा किया कि, ट्रेन में भगवान शिव के लिए ये सीट रिजर्व कर दी गई है। हर-हर महादोव।
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ट्विटर पर मंदिर को लेकर तरह-तरह के दावे किए जाने लगे। लोगों ने लिखा कि, ऐसा रेलवे के इतिहास में पहली बार है जब किसी ट्रेन में मंदिर को स्थान दिया गया। एक पूरी सीट ही भगवान शिव के लिए रिवजर्व कर दी गई। अब कोई इस यात्री इस सीट पर यात्रा नहीं कर सकता है। यहां लोग पूजा-पाठ कर सकते हैं। हालांकि बहुत से लोगों ने इस सीट को मंदिर से रिजर्व किए जाने की आलोचना भी की।
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अब बात आती है रेलवे के अधिकारिक बयान की। क्या रेलवे वाकई इस सीट को मंदिर के लिए रिजर्व रहने देगा? तो हम आपको बता दें कि उद्घाटन के वक्त ऐसे कई दावे सामने आए थे जिसमें सीट रिजर्व की बात कही गई। हालांकि मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि यह सीट भगवान शिव के लिए खाली नहीं रहेगी। तो क्या यह छोटा मंदिर ट्रेन में हमेशा रहेगा?
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नहीं यह सिर्फ एक दिन के लिए था। ऐसी कोई आरक्षित सीट नहीं होगी। IRCTC के बयान के मुताबिक, काशी-महाकाल एक्सप्रेस में बी5 कोच की सीट नंबर 64 को हमेशा के लिए भगवान शिव का छोटा मंदिर नहीं बनाया जाएगा।