- Home
- Fact Check News
- पूरे बदन पर लपेट लिए शराब के अध्धे-पव्वे...बिहार शराबबंदी के नाम वायरल हुई ये तस्वीर, जानें क्या है कहानी?
पूरे बदन पर लपेट लिए शराब के अध्धे-पव्वे...बिहार शराबबंदी के नाम वायरल हुई ये तस्वीर, जानें क्या है कहानी?
फैक्ट चेक डेस्क. men tie wine bottles on body bihar wine prohibition: सोशल मीडिया में एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। इसमें पांच युवकों को अपने शरीर पर कुछ बोतलों को चिपकाए हुए देखा जा सकता है। यूजर्स इस तस्वीर को बिहार का बताकर वायरल कर रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राज में इस तरह से शराब की होम डिलीवरी की जाती है।
फैक्ट चेक में आइए जानते हैं कि आखिर सच क्या है?
| Published : Aug 24 2020, 04:36 PM IST / Updated: Aug 24 2020, 04:45 PM IST
- FB
- TW
- Linkdin
तस्वीर के द्वारा बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी तंज कसे जा रहे हैं। वहीं कोरोना के बीच शराबियों में ये तस्वीर पिछले कुछ दिनों से ज्यादा चर्चा में है।
वायरल पोस्ट क्या है?
फेसबुक यूजर जितेंद्र कुमार शर्मा ने 19 अगस्त को शाम 4:27 बजे एक तस्वीर को अपलोड किया। साथ में दावा किया : ‘कौन कहता है कि बिहार में कुकर्मी कुमार के शासनकाल में रोजगार नहीं मिला रोजगार तो इतना अच्छा मिला मित्रों की आपको घर से निकलने का मौका ही नहीं मिलेगा तो घर पर समान मिलता रहेगा दारू बंद है होम डिलीवरी चालू है।’
फैक्ट चेक
सबसे पहले वायरल पोस्ट को गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च किया। टाइम लाइन टूल के माध्यम से सबसे पुरानी तस्वीर हमें 26 सितंबर 2014 की मिली। तस्वीर को That Gaon Guy नाम के एक ट्विटर हैंडल से ट्वीट की गई थी। इसमें अंग्रेजी में How not to smuggle alcohol from Goa लिखा था।
इसके बाद हमें अब यह जानना था कि सितंबर 2014 में बिहार का मुख्यमंत्री कौन था। www.elections.in साइट के माध्यम से हमें पता चला कि 20 मई 2014 से लेक 22 फरवरी 2015 तक प्रदेश के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी थे। वायरल हो रही सबसे पुरानी तस्वीर भी इसी दौरान की है। उस वक्त तक बिहार में शराबबंदी जैसी कोई बात नहीं थी।
अब हमें यह जानना था कि बिहार में शराबबंदी कानून कब से लागू हुआ। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, बिहार ने 5 अप्रैल 2016 से पूरे प्रदेश में शराबबंदी कानून लागू कर दिया था। बिहार के प्रभारी अमित आलोक ने मीडिया को बताया कि वायरल तस्वीर का शराबबंदी से कोई संबंध नहीं है। यह तस्वीर बिहार की है भी नहीं।
ये निकला नतीजा
जांच में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। 2014 से इंटरनेट पर वायरल हो रही तस्वीर को अब कुछ लोग बिहार से जोड़कर वायरल कर रहे हैं।