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मंदिर के सामने फेंके गए मांस के टुकड़े और हड्डियां, घसीट रहा था कुत्ता; जानें वीडियो के पीछे की सच्ची कहानी
| Published : Feb 17 2020, 10:34 AM IST / Updated: Feb 17 2020, 10:58 AM IST
मंदिर के सामने फेंके गए मांस के टुकड़े और हड्डियां, घसीट रहा था कुत्ता; जानें वीडियो के पीछे की सच्ची कहानी
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सोशल मीडिया पर ये छोटा सा क्लिप तेजी से वायरल हो रही है। 13 फ़रवरी 2020 को ट्विटर पर नवनीत गौतम नाम के यूज़र ने एक वीडियो पोस्ट किया। वीडियो में किसी मोहल्ले की एक गली दिखाई दे रही है और हिंदी में बात करते हुए लोग सुनाई देते हैं। वीडियो आगे बढ़ता है और फ़िर गली में लोग खड़े भी दिखते हैं। साथ ही सड़क पर कुछ कूड़े जैसी चीज़ फैली दिखाई भी पड़ती है। (प्रतीकात्मक फोटो)
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वायरल पोस्ट क्या है? : वीडियो ट्वीट करने वाले नवनीत ने लिखा कि, ये मामला ज़िला हाथरस का है और इस मोहल्ले का नाम है नाई का नगला। इस मोहल्ले में मिश्रित आबादी रहती है और वहां के कुछ विशेष समुदाय के लोगों ने हिन्दू मंदिर के सामने मांस के ढेर सारे लोथड़े फेंक दिए। सवाल भी पूछा गया है कि आख़िर कब तक हिन्दुओं के साथ ऐसा व्यवहार होता रहेगा?
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पोस्ट के साथ क्या दावा किया जा रहा ? : इस ट्वीट के सामने आने के बाद ये तेजी से वायरल हो गया और इसे अब तक ढाई हज़ार से ज़्यादा रीट्वीट मिले। इस वीडियो को 26 हज़ार से ज़्यादा बार देखा गया है। वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि, उत्तर प्रदेश में विशेष समुदाय के लोगों ने मंदिर के सामने मांस फेंक दिया जिससे गांव में तनाव की स्थिति पैदा हो गई।
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फैक्ट चेकिंग: अब बात आती है कि क्या वाकई यूपी के हाथरस में ऐसा कोई सांप्रदायिक मामला सामने आया है? नवनीत के वीडियो पर कई कमेंट्स वगैरह आने के बाद अगले दिन यानी हाथरस पुलिस कमेंट कर इस मामले पर सफाई दी। उन्होंने लिखा कि, पुलिस ने जांच पड़ताल की तो मालूम चला कि जो भी मंदिर के सामने फैला हुआ था वो मांस के टुकड़े नहीं थे बल्कि मुर्गे के पंख और बाक़ी कूड़ा था। यहां एक कुत्ते ने कचरा फैला दिया था जिसमें ये मुर्गे के पंख पूरी सड़क पर फैल गए। असल में किसी दुकानदार ने इस कूड़े को अपने डस्टबिन में फेंका था, लेकिन रात में कुत्तों ने इस पूरे कूड़े को डस्टबिन से निकाल कर मंदिर के सामने फैला दिया था। किसी विशेष समुदाय ने ऐसा नहीं किया और यहां कोई सांप्रदायिक मामला या तनाव नहीं हुआ।
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ये निकला नतीजा: इस दावे को खुद हाथरस पुलिस ने बेबुनियाद बताया। इस क्लिप को जानबूझकर हिन्दू-मुस्लिम एंगल वाले दावे के साथ भ्रामक जानकारी देकर फैलाया जा रहा है। असल में ऐसा कोई मामला है ही नहीं।