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7 किलो विस्फोटक बांध सैनिकों को उड़ाने चला बुजुर्ग आंतकी, पर Fact Check में मामला निकला कुछ और
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चीन और भारत के बीच सीमा विवाद के दौरान ये तस्वीर शेयर की जा रही है। दावा किया जा रहा है कि जन्नत पाने के लिए ये बुजुर्ग धमाका करने निकला था।
वायरल पोस्ट क्या है?
फेसबुक पेज “I am with Eme Bhattacharya” ने तस्वीर शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा: 7 किलो विस्फोटक के साथ डोडा में एक बुजुर्ग सेना के पिकेट को उड़ाने पहुंचे थे। प्रोपर ट्रेनिंग न होने और ज्यादा उम्र के कारण पकड़े गए, इतने विस्फोटक से 10 से 20 सैनिक को उड़ाया जा सकता है। बुज़ुर्ग ने बताया कि जन्नत की चाह में ऐसा करने जा रहे थे। (क्या सच में आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता?)
फैक्ट चेक
वायरल हो रही तस्वीर के साथ किए जा रहे दावे का सच जानने के लिए जब हमने इसे गूगल पर रिवर्स सर्च किया तो हमें यह तस्वीर ट्विटर पर मिल गई। पाकिस्तानी जर्नलिस्ट सफदर दावर ने यह तस्वीर 27 दिसंबर 2014 को ट्वीट की थी और साथ ही लिखा था कि यह व्यक्ति तोरखम बॉर्डर पर हशीश नामक ड्रग के साथ पकड़ा गया है। अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच ड्रग्स की स्मगलिंग के लिए तोरखम बॉर्डर मशहूर है। यह पहली बार नहीं है जब यह तस्वीर इस तरह के दावे के साथ वायरल हुई है। यह तस्वीर 2016 में भी वायरल हो चुकी है।
सच क्या है?
यह पहली बार नहीं है जब यह तस्वीर इस तरह के दावे के साथ वायरल हुई है। यह तस्वीर 2016 में भी वायरल हो चुकी है। सीरिया को लेकर इसे वायरल किया गया था। फैक्ट चेकिंग में हमने पाया कि वायरल हो रही तस्वीर करीब छह साल पुरानी है। तस्वीर तब की है जब पाकिस्तान की सेना ने तोरखम बॉर्डर से इस व्यक्ति को ड्रग्स की स्मगलिंग करते पकड़ा था। इसके पेट पर बंधे पीले पैकेट कोई विस्फोटक नहीं, बल्कि हशीश ड्रग है।
ये निकला नतीजा
पड़ताल में यह साफ हुआ कि वायरल हो रही तस्वीर करीब छह साल पुरानी है और यह भारत नहीं बल्कि पाकिस्तान की है। तस्वीर में बुजुर्ग व्यक्ति विस्फोटक के साथ नहीं, बल्कि ड्रग्स के साथ पकड़ा गया था। फर्जी खबरों से सावधान रहें।