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18 साल पहले ड्रग्स के साथ गिरफ्तार हुए राहुल, सोनिया गांधी ने छुड़ाया, जानें वायरल मैसेज का सच
नई दिल्ली. सोशल मीडिया पर एक अखबार की कटिंग वायरल हो रही है कि, अमेरिका के बॉस्टन शहर में के एयरपोर्ट पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को गिरफ्तार कर लिया गया है। राहुल गांधी को प्रतिवंधित ड्रग्स रखने और ढेर सारा कैश लेकर चलने के आरोप में हिरासत में लिया गया है। ये खबर ट्विटर फेसबुक सभी जगह आग की तरह फैल रही है।
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पर क्या वाकई गांधी को गिरफ्तार किया गया है या ये खबर महज अफवाह है.....? आइए इस खबर से जुड़ा सच और इस कतरन की सच्चाई।
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ट्विटर पर एक यूजर प्रदीप सक्सेना ने एक अखबार की कटिंग शेयर कर दावा किया कि, "काफी समय पहले राहुल गांधी को ड्रग्स रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। त्तकालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के हस्तक्षेप के बाद उन्हें छोड़ा गया था। सोनिया गांधी ने वाजपेयी से काफी गुहार लगाई और बेटे को छुड़ाने के लिए गिड़गिड़ाई थीं, और अब ऐसा नशेड़ी देश का प्रधानमंत्री बनना चाहता है, यकीन न हो तो ये अमेरिका के अखबार की खबर देख लो।"
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इस वायरल पोस्ट में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सुपुत्र राहुल गांधी को प्रतिबंधित ड्रग्स और कैश ले जाने के आरोप में अमेरिका के बोस्टन शहर के एयरपोर्ट में हिरासत में लिया जाने का दावा किया जा रहा है। इसके साथ ही बोस्टन शहर के अखबार की एक न्यूज क्लिप भी शेयर की गई है जिसमें भारतीय राजनेता के गिरफ्तार किए जाने की हैडलाइन छपी है। खबर में 30 सितंबर साल 2001 का समय दिया गया है। हालांकि इस अखबर की न्यूज का सच कुछ और ही है।
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ट्विटर पर वायरल हुए इस पोस्ट का कोर्ट मार्शल पहले ही एक यूजर ने कर दिया। कार्तिक नाम के इस शख्स ने वायरल खबर को शेयर कर फेक न्यूज को लेकर मूर्ख लोगों को जमकर लताड़ लगाई। फिर गूगल सर्च इमेज में हमने इस खबर की कटिंग को पूरी तरह फर्जी पाया। दरअसल ये खबर साल 2003 की है जब राहुल गांधी ने राजनीति में शुरुआत भी नहीं की थी। हालांकि 2013 में एक वीडियो में सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा था कि 2001 में राहुल को हेरोइन ड्रग का एक बैग और 1,60,000 नकद ले जाने के आरोप में बोस्टन के एयरपोर्ट पर एफबीआई पुलिस फोर्स ने हिरासत में लिया था। फिर द हिंदू में आई एक खबर में इसका खंडन किया गया था, कि राहुल को कभी बॉस्टन में हिरासत में नहीं लिया गया।
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अब बात करते हैं इस वायरल पोस्ट के साथ शेयर की जा रही अखबार की कटिंग की तो फैक्ट चेकिंग में ये फोटो फर्जी पाई गई। दरअसल ये फोटोशॉप्ड है जिसमें किसी दूसरी खबर को एडिट कर भारतीय राजनेता गिरफ्तार लिखा गया है, जबकि 30 सितंबर 2001 की खबर सर्च करने पर कुछ दूसरी ही खबर मिलती है। वहीं जैसा ये फोटो राहुल गांधी को राजनेता कहने का दावा करती है वो भी गलत है वह 2004 तक भी राजनीति में शामिल नहीं हुए थे।
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